नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी दुनिया भर की यात्रा करने के लिए एक असाधारण नौकायन अभियान पर निकलेंगी. इसको लेकर रविवार को एक खास 'लोगो' जारी किया गया. 'लोगो' के केंद्र में अष्टकोणीय आकृति भारतीय नौसेना को दर्शाती है, जबकि सूर्य एक खगोलीय पिंड और कंपास का प्रतीक है, जो चुनौतीपूर्ण समुद्र के माध्यम से नाविकों का मार्गदर्शन करता है.
भारतीय नौसेना ने नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. साथ ही समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि नौकायन प्रशिक्षण जहाजों आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शनी के अग्रणी प्रयासों और आईएनएसवी महादेई और तारिणी पर जलयात्रा के माध्यम से, भारतीय नौसेना ने महासागर नौकायन अभियानों में केंद्र स्तर पर जगह बनाई है.
NAVIKA SAGAR PARIKRAMA II
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 15, 2024
Two #IndianNavy Women Officers to embark on the extraordinary sailing expedition - Circumnavigating the Globe onboard INSV Tarini.
Indian Navy has made significant efforts to revitalise the sailing tradition, emphasising its commitment to preserve… pic.twitter.com/c4aOZHzyZk
समुद्री कौशल और रोमांच के उत्सव को जारी रखते हुए भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के बहुत जल्द आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर दुनिया की परिक्रमा करने के असाधारण अभियान नविका सागर परिक्रमा II पर रवाना होंगी. दोनों पिछले तीन सालों से इस अभियान के लिए खुद को तैयार कर रही हैं. छह सदस्यीय चालक दल के अधिकारियों ने पिछले साल गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जेनेरो और वापस ट्रांस-ओशनिक अभियान में भाग लिया था. इसके बाद, अधिकारियों ने गोवा से पोर्ट ब्लेयर और वापस डबल-हैंड मोड में नौकायन अभियान चलाया.
इसके अलावा, दोनों ने इस साल की शुरुआत में फिर से डबल-हैंड मोड में गोवा से पोर्ट लुइस, मॉरीशस तक सफलतापूर्वक यात्रा की. सागर परिक्रमा एक कठिन यात्रा होगी, जिसमें अत्यधिक कौशल, शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता की आवश्यकता होगी. अधिकारी कठोर प्रशिक्षण ले रहे हैं और उनके पास हजारों मील नौकायन का अनुभव है. उन्हें प्रसिद्ध जलयात्राकर्ता और गोल्डन ग्लोब रेस के नायक कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त), केसी, एनएम के मार्गदर्शन में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है.
आईएनएसवी तारिणी की जलयात्रा भारत के समुद्री नौकायन उद्यम और समुद्री प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की बढ़ती भागीदारी और लंबी दूरी की समुद्री यात्रा में महिलाओं को पुरुषों के समकक्ष खड़ा करने की कोशिश है.
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