नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने अपने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र की यूनिट और विश्वविद्यालयों को भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में अपनी सभी जमाराशियां और निवेश वापस लेने का आदेश दिया है. इन संस्थाओं के साथ कोई भी कारोबार बंद करने का भी आदेश दिया गया है.
कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के 12 करोड़ रुपये और कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) के 10 करोड़ रुपये क्रमश- पीएनबी और एसबीआई ने इन दोनों बैंकों में घोटाले के कारण कई वर्षों से रोके हुए थे.
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15 दिनों के लिए रोक कर्नाटक सरकार ने अपने सर्कुलर को 15 दिनों के लिए स्थगित रखा, जिसके तहत एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी व्यापारिक लेनदेन पर रोक लगाई गई थी. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा दोनों बैंकों के अनुरोधों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया.
राज्य सरकार ने कहा कि बैंकों के अनुरोधों पर विचार करने के बाद मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के अधिकारियों को परिपत्र को 15 दिनों के लिए स्थगित रखने का निर्देश दिया है.
क्या है मामला?
यह आदेश बैंक कर्मचारियों से जुड़े घोटाले के बाद केआईएडीबी द्वारा जमा किए गए 12 करोड़ रुपये को वापस लेने से इनकार करने के बाद आया था. बैंक अधिकारियों के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला और मामला अब विचाराधीन है.
इसी तरह, केएसपीसीबी द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों द्वारा घोटाले के कारण बैंक द्वारा वापस नहीं किए गए, परिपत्र में कहा गया है.
वित्त सचिव पीसी जाफर (बजट और संसाधन) ने परिपत्र में कहा कि महालेखा परीक्षक ने भी इस पर आपत्ति जताई थी.
इस परिपत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि राज्य सरकार के विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, निगम, बोर्ड, स्थानीय निकाय और विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की सभी शाखाओं में किए गए सभी जमा/निवेश को वापस ले लें और भविष्य में कोई जमा/निवेश नहीं किया जाना चाहिए.