नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि कराधान में कोई बदलाव नहीं होगा और आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर दरों को समान बनाए रखने का प्रस्ताव रखा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा कि रिफंड के लिए औसत समय 2013-2014 में 93 दिन से घटाकर पिछले वर्ष में सिर्फ 10 दिन कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों की औसत वास्तविक आय में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है.
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Budget 2024: No change in taxation proposed
— ANI Digital (@ani_digital) February 1, 2024
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हालांकि, सीतारमण ने 2024-25 के अपने अंतरिम बजट में बकाया छोटी-मोटी प्रत्यक्ष कर मांगों का एक बड़ा हिस्सा वापस लेकर करदाताओं को कुछ राहत की पेशकश की. अपने भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में छोटी, गैर-सत्यापित, गैर-समाधान या विवादित प्रत्यक्ष कर मांगें हैं, उनमें से कई वर्ष 1962 से पहले की हैं, जो अभी भी किताबों में बनी हुई हैं. जिससे ईमानदार करदाताओं को चिंता हो रही है और बाद के वर्षों के रिफंड में बाधा आ रही है.
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए पच्चीस हजार रुपयेतक और वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014 -15 तक की अवधि के लिए दस हजार रुपये तक की ऐसी बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लेने का प्रस्ताव करती हूं. इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ होने की उम्मीद है.
बता दें, सीतारमण ने पिछले बजट के दौरान मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए व्यक्तिगत आयकर पर पांच बड़ी घोषणाएं की थीं. उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट होगी, लेकिन करदाता पुरानी व्यवस्था को चुन सकते हैं. सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा. इसलिए, यदि किसी व्यक्ति ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, तो उसे 7 लाख रुपये की वार्षिक आय तक कोई कर नहीं देना होगा.