ETV Bharat / business

वित्त मंत्री जी सुनिए: बजट 2024 में 20 लाख तक की आय में दीजिए टैक्स से राहत - Union Budget 2024

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 10, 2024, 12:39 PM IST

Union Budget 2024- इंडस्ट्री यूनियन ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि वे जनता के बीच डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने के उद्देश्य से उपाय लागू करें, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़े. टैक्स राहत के अलावा, सरकार को मनरेगा मजदूरी बढ़ाने जैसे सुझाव भी मिले हैं. पढ़ें नेशनल ब्यूरो चीफ सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट...

Union Budget 2024
बजट 2024 (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)

नई दिल्ली: चुनाव के बाद सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. उद्योगों को उम्मीद है कि बजट में ऐसे उपाय पेश किए जाएंगे जो लोगों के वित्त को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. संभावित रूप से अधिक खर्च के लिए उनकी डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी कर सकते हैं. इसे महंगाई के दबाव को कम करने और आर्थिक विकास को गति देने के साधन के रूप में देखा जाता है. हालांकि, विशेषज्ञ माइक्रो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सरकार के ध्यान के महत्व पर जोर देते हैं.

बजट 2024 में किन मांगों को रखा गया?
उद्योग चैंबर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने वित्त मंत्रालय के समक्ष अपनी प्रस्तुति में खपत को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय सुझाए. ईटीवी भारत ने प्रस्तुति की एक कॉपी मिली है.

  1. इसमें 20 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय के लिए आयकर में मामूली राहत का प्रस्ताव दिया गया है. CII ने खपत को बढ़ावा देने के लिए इन टैक्सपेयर के लिए डिस्पोजेबल आय बढ़ाने की भी सिफारिश की है.
  2. इसके अलावा, CII ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) के तहत न्यूनतम मजदूरी को वित्त वर्ष 24 में 267 रुपये प्रति दिन से संशोधित कर 375 रुपये प्रति दिन करने का सुझाव दिया है. जैसा कि राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी निर्धारण पर विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुशंसित किया गया है.
  3. इसके अलावा, सीआईआई ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के तहत डॉयरेक्ट प्रॉफिट ट्रांसफर (डीबीटी) राशि को वर्तमान में 6,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति वर्ष करने का आह्वान किया.
  4. सीआईआई के अनुसार, सरकार को पेट्रोल और डीजल पर प्रोडक्ट फी कम करने पर भी विचार करना चाहिए.सीआईआई ने बताया कि ब्रेंट ऑयल की कीमतों में लगभग 40 फीसदी की कमी आई है, जबकि पेट्रोल की खुदरा पंप कीमतों (दिल्ली में) में केवल 1.8 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है. इसलिए, सीआईआई का मानना ​​है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने की गुंजाइश है.

बजट 2024 पर विशेषज्ञ ने क्या कहा?
इसके विपरीत, विशेषज्ञ एक अलग दृष्टिकोण की वकालत करते हैं. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व मुख्य स्टैटिक्स प्रणब सेन ने ईटीवी भारत के साथ अपने विचार साझा किए. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को अपने खर्च को स्वचालित रूप से रोजगार पैदा करने पर केंद्रित करना चाहिए. उनके अनुसार, सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और सिंचाई सुविधाओं जैसी सूक्ष्म बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित करना चाहिए. यह दृष्टिकोण न केवल ग्रामीण आबादी को प्रत्यक्ष रोजगार देगा बल्कि लाभकारी बुनियादी ढांचा भी तैयार करेगा.

केंद्रीय बजट कब पेश होगा?
संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. अपने आगामी बजट में सीतारमण के सामने कई चुनौतियां हैं. एक तरफ, ज्यादा टैक्स छूट और डिस्पोजेबल इनकम की सार्वजनिक मांग है. वहीं दूसरी तरफ उन्हें करों के जरिए सरकारी राजस्व बढ़ाना होगा. सीतारमण इन कार्यों को कैसे संभालती हैं, इसका नतीजा देखना अभी बाकी है

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: चुनाव के बाद सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. उद्योगों को उम्मीद है कि बजट में ऐसे उपाय पेश किए जाएंगे जो लोगों के वित्त को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. संभावित रूप से अधिक खर्च के लिए उनकी डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी कर सकते हैं. इसे महंगाई के दबाव को कम करने और आर्थिक विकास को गति देने के साधन के रूप में देखा जाता है. हालांकि, विशेषज्ञ माइक्रो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सरकार के ध्यान के महत्व पर जोर देते हैं.

बजट 2024 में किन मांगों को रखा गया?
उद्योग चैंबर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने वित्त मंत्रालय के समक्ष अपनी प्रस्तुति में खपत को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय सुझाए. ईटीवी भारत ने प्रस्तुति की एक कॉपी मिली है.

  1. इसमें 20 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय के लिए आयकर में मामूली राहत का प्रस्ताव दिया गया है. CII ने खपत को बढ़ावा देने के लिए इन टैक्सपेयर के लिए डिस्पोजेबल आय बढ़ाने की भी सिफारिश की है.
  2. इसके अलावा, CII ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) के तहत न्यूनतम मजदूरी को वित्त वर्ष 24 में 267 रुपये प्रति दिन से संशोधित कर 375 रुपये प्रति दिन करने का सुझाव दिया है. जैसा कि राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी निर्धारण पर विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुशंसित किया गया है.
  3. इसके अलावा, सीआईआई ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के तहत डॉयरेक्ट प्रॉफिट ट्रांसफर (डीबीटी) राशि को वर्तमान में 6,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति वर्ष करने का आह्वान किया.
  4. सीआईआई के अनुसार, सरकार को पेट्रोल और डीजल पर प्रोडक्ट फी कम करने पर भी विचार करना चाहिए.सीआईआई ने बताया कि ब्रेंट ऑयल की कीमतों में लगभग 40 फीसदी की कमी आई है, जबकि पेट्रोल की खुदरा पंप कीमतों (दिल्ली में) में केवल 1.8 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है. इसलिए, सीआईआई का मानना ​​है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने की गुंजाइश है.

बजट 2024 पर विशेषज्ञ ने क्या कहा?
इसके विपरीत, विशेषज्ञ एक अलग दृष्टिकोण की वकालत करते हैं. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व मुख्य स्टैटिक्स प्रणब सेन ने ईटीवी भारत के साथ अपने विचार साझा किए. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को अपने खर्च को स्वचालित रूप से रोजगार पैदा करने पर केंद्रित करना चाहिए. उनके अनुसार, सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और सिंचाई सुविधाओं जैसी सूक्ष्म बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित करना चाहिए. यह दृष्टिकोण न केवल ग्रामीण आबादी को प्रत्यक्ष रोजगार देगा बल्कि लाभकारी बुनियादी ढांचा भी तैयार करेगा.

केंद्रीय बजट कब पेश होगा?
संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. अपने आगामी बजट में सीतारमण के सामने कई चुनौतियां हैं. एक तरफ, ज्यादा टैक्स छूट और डिस्पोजेबल इनकम की सार्वजनिक मांग है. वहीं दूसरी तरफ उन्हें करों के जरिए सरकारी राजस्व बढ़ाना होगा. सीतारमण इन कार्यों को कैसे संभालती हैं, इसका नतीजा देखना अभी बाकी है

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.