नई दिल्ली: भारत का पुरानी यानी सेकंड हैंड कारों का बाजार अगले 10 साल में 100 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच जाएगा. कार्स24 के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम चोपड़ा ने यह बात कही है. गुरुग्राम स्थित ऑनलाइन पुरानी कारों के मार्केटप्लेस के अनुसार, जब कारों की बात आती है, तो बाजार में बदलाव आ रहा. ग्राहक लगातार अपने वाहनों को बदल रहे हैं.
विक्रम चोपड़ा कहा कि मुझे लगता है कि पिछले तीन-चार साल में विभिन्न प्रकार की कारों के आने से इस बाजार में वास्तव में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में कारों के स्वामित्व का स्तर काफी कम है.
चोपड़ा ने बताया कि अमेरिका, चीन और यूरोप में 80 से 90 फीसदी आबादी के पास कार है. वहीं भारत में सिर्फ आठ फीसदी आबादी के पास ही अपना चार-पहिया वाहन है. उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है. चोपड़ा ने कहा कि पुरानी कारों का बाजार बढ़ने की एक और वजह यह है कि युवा आबादी आज पांच-छह साल में अपनी कार बदल देती है. दो दशक पहले लोग 10-12 साल तक अपनी कार नहीं बदलते थे.