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भारत में कार बाजार 2034 तक 100 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लेगा - CARS24 CEO

Car Market Size- कार्स24 सीईओ ने बताया है कि भारत का पुरानी कारों का बाजार 2034 तक 100 अरब डॉलर का होगा. उन्होंने आगे कहा कि भारत का पुरानी कारों का बाजार सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

Car market size
कार बाजार का आकार
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By PTI

Published : Mar 3, 2024, 1:46 PM IST

नई दिल्ली: भारत का पुरानी यानी सेकंड हैंड कारों का बाजार अगले 10 साल में 100 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच जाएगा. कार्स24 के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम चोपड़ा ने यह बात कही है. गुरुग्राम स्थित ऑनलाइन पुरानी कारों के मार्केटप्लेस के अनुसार, जब कारों की बात आती है, तो बाजार में बदलाव आ रहा. ग्राहक लगातार अपने वाहनों को बदल रहे हैं.

Car market size
कार बाजार का आकार
पुरानी कारों का बाजारविक्रम चोपड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे आंतरिक अध्ययन के अनुसार, भारत का पुरानी कारों का बाजार सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ेगा. यह 2023 के 25 अरब डॉलर से बढ़कर 2034 तक 100 अरब डॉलर का हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पुरानी कारों के बाजार को कई कारकों से मजबूती मिलेगी. इनमें शहरीकरण और बढ़ता मध्यम वर्ग जैसे कारक शामिल हैं. इससे ग्राहकों की प्राथमिकता में बदलाव आ रहा है और सस्ते परिवहन समाधान की मांग बढ़ रही है. चोपड़ा ने कहा कि जब कार्स24 ने आठ साल पहले अपनी यात्रा शुरू की थी, तब पुरानी कारों के बाजार का आकार लगभग 10-15 अरब डॉलर था.
Car market size
कार बाजार का आकार

विक्रम चोपड़ा कहा कि मुझे लगता है कि पिछले तीन-चार साल में विभिन्न प्रकार की कारों के आने से इस बाजार में वास्तव में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में कारों के स्वामित्व का स्तर काफी कम है.

चोपड़ा ने बताया कि अमेरिका, चीन और यूरोप में 80 से 90 फीसदी आबादी के पास कार है. वहीं भारत में सिर्फ आठ फीसदी आबादी के पास ही अपना चार-पहिया वाहन है. उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है. चोपड़ा ने कहा कि पुरानी कारों का बाजार बढ़ने की एक और वजह यह है कि युवा आबादी आज पांच-छह साल में अपनी कार बदल देती है. दो दशक पहले लोग 10-12 साल तक अपनी कार नहीं बदलते थे.

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नई दिल्ली: भारत का पुरानी यानी सेकंड हैंड कारों का बाजार अगले 10 साल में 100 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच जाएगा. कार्स24 के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम चोपड़ा ने यह बात कही है. गुरुग्राम स्थित ऑनलाइन पुरानी कारों के मार्केटप्लेस के अनुसार, जब कारों की बात आती है, तो बाजार में बदलाव आ रहा. ग्राहक लगातार अपने वाहनों को बदल रहे हैं.

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कार बाजार का आकार
पुरानी कारों का बाजारविक्रम चोपड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे आंतरिक अध्ययन के अनुसार, भारत का पुरानी कारों का बाजार सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ेगा. यह 2023 के 25 अरब डॉलर से बढ़कर 2034 तक 100 अरब डॉलर का हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पुरानी कारों के बाजार को कई कारकों से मजबूती मिलेगी. इनमें शहरीकरण और बढ़ता मध्यम वर्ग जैसे कारक शामिल हैं. इससे ग्राहकों की प्राथमिकता में बदलाव आ रहा है और सस्ते परिवहन समाधान की मांग बढ़ रही है. चोपड़ा ने कहा कि जब कार्स24 ने आठ साल पहले अपनी यात्रा शुरू की थी, तब पुरानी कारों के बाजार का आकार लगभग 10-15 अरब डॉलर था.
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कार बाजार का आकार

विक्रम चोपड़ा कहा कि मुझे लगता है कि पिछले तीन-चार साल में विभिन्न प्रकार की कारों के आने से इस बाजार में वास्तव में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में कारों के स्वामित्व का स्तर काफी कम है.

चोपड़ा ने बताया कि अमेरिका, चीन और यूरोप में 80 से 90 फीसदी आबादी के पास कार है. वहीं भारत में सिर्फ आठ फीसदी आबादी के पास ही अपना चार-पहिया वाहन है. उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है. चोपड़ा ने कहा कि पुरानी कारों का बाजार बढ़ने की एक और वजह यह है कि युवा आबादी आज पांच-छह साल में अपनी कार बदल देती है. दो दशक पहले लोग 10-12 साल तक अपनी कार नहीं बदलते थे.

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