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भारत की विकास गति अजेय, 2050 तक 25 से 30 ट्रिलियन डॉलर की होगी अर्थव्यवस्था: गौतम अडाणी - Founder of Adani Group

Young Presidents Organization, वाईपीओ (यंग प्रेसिडेंट्स ऑर्गनाइजेशन) बॉम्बे चैप्टर कार्यक्रम को अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की विकासगाथा अब रुकने वाली नहीं है. उन्होंने साल 2050 तक भारत के 25-30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद जताई.

Gautam Adani
गौतम अडाणी
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By IANS

Published : Mar 13, 2024, 10:46 PM IST

मुंबई: अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि भारत की विकासगाथा रुकने वाली नहीं है और अगले दशक के भीतर देश हर 18 महीने में अपनी जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा, जिससे हम 2050 तक 25 से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर चल पड़ेंगे.

वाईपीओ (यंग प्रेसिडेंट्स ऑर्गनाइजेशन) बॉम्बे चैप्टर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गौतम अदाणी ने कहा कि पिछले तीन दशक भारत को दुनिया के लिए खोलने के बारे में थे, आने वाले तीन दशकों में दुनिया भारत के लिए खुलेगी.

गौतम अदाणी ने खचाखच भरे सदन में कहा कि 'ध्यान रखें कि हमारी स्वतंत्रता के बाद हमें जीडीपी के पहले ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 58 साल लगे, अगले ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 12 साल और तीसरे ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में सिर्फ 5 साल लगे। यह तेजी रुकने वाली नहीं है.'

उन्‍होंने आगे कहा कि 'डिजिटल युग ने सब कुछ पारदर्शी बना दिया है. इसने कहीं अधिक संख्या में कंपनियों के लिए अवसर खोल दिए हैं. यह तीव्र गति से विकास का युग है. इस डिजिटल क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति नए तकनीकी अरबपतियों का उदय है. एक दिलचस्प आंकड़ा यह है कि 1990 के दशक में भारत में केवल दो अरबपति थे. आज, संख्या 167 है.'

उन्‍होंने कहा कि 'यदि 1990 के दशक के बाद से पिछले तीन दशकों में भारत ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की नींव रखी है, तो 2050 की ओर यात्रा और भी अधिक परिवर्तनकारी होगी. हमारी यात्रा अभी शुरू हो रही है - एक यात्रा जो अब तक के सबसे रोमांचक प्लेटफार्मों में से एक पर बनी है. एक मंच, जिसे भारत कहा जाता है.'

गौतम अदाणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2050 तक भारत में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण नाटकीय रूप से बढ़ेगा और 40 से 45 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा, जो मौजूदा 4 ट्रिलियन डॉलर से दस गुना वृद्धि का संकेत देता है.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 'कोई भी अन्य देश इस तरह की वृद्धि हासिल करने के करीब भी नहीं होगा. रुझान पहले से ही दिखाई दे रहे हैं और इसका एक संकेत अब हमारे पास अरबों डॉलर मूल्य वाली कंपनियों की संख्या में देखा जा सकता है.'

उन्होंने इसके साथ ही कहा कि आज, भारत एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली 500 से अधिक कंपनियों का घर है, जो हमें दुनिया में चौथे स्थान पर रखती है, जबकि 1991 में हमारे पास ऐसी कोई कंपनी नहीं थी.

मुंबई: अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि भारत की विकासगाथा रुकने वाली नहीं है और अगले दशक के भीतर देश हर 18 महीने में अपनी जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा, जिससे हम 2050 तक 25 से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर चल पड़ेंगे.

वाईपीओ (यंग प्रेसिडेंट्स ऑर्गनाइजेशन) बॉम्बे चैप्टर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गौतम अदाणी ने कहा कि पिछले तीन दशक भारत को दुनिया के लिए खोलने के बारे में थे, आने वाले तीन दशकों में दुनिया भारत के लिए खुलेगी.

गौतम अदाणी ने खचाखच भरे सदन में कहा कि 'ध्यान रखें कि हमारी स्वतंत्रता के बाद हमें जीडीपी के पहले ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 58 साल लगे, अगले ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 12 साल और तीसरे ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में सिर्फ 5 साल लगे। यह तेजी रुकने वाली नहीं है.'

उन्‍होंने आगे कहा कि 'डिजिटल युग ने सब कुछ पारदर्शी बना दिया है. इसने कहीं अधिक संख्या में कंपनियों के लिए अवसर खोल दिए हैं. यह तीव्र गति से विकास का युग है. इस डिजिटल क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति नए तकनीकी अरबपतियों का उदय है. एक दिलचस्प आंकड़ा यह है कि 1990 के दशक में भारत में केवल दो अरबपति थे. आज, संख्या 167 है.'

उन्‍होंने कहा कि 'यदि 1990 के दशक के बाद से पिछले तीन दशकों में भारत ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की नींव रखी है, तो 2050 की ओर यात्रा और भी अधिक परिवर्तनकारी होगी. हमारी यात्रा अभी शुरू हो रही है - एक यात्रा जो अब तक के सबसे रोमांचक प्लेटफार्मों में से एक पर बनी है. एक मंच, जिसे भारत कहा जाता है.'

गौतम अदाणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2050 तक भारत में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण नाटकीय रूप से बढ़ेगा और 40 से 45 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा, जो मौजूदा 4 ट्रिलियन डॉलर से दस गुना वृद्धि का संकेत देता है.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 'कोई भी अन्य देश इस तरह की वृद्धि हासिल करने के करीब भी नहीं होगा. रुझान पहले से ही दिखाई दे रहे हैं और इसका एक संकेत अब हमारे पास अरबों डॉलर मूल्य वाली कंपनियों की संख्या में देखा जा सकता है.'

उन्होंने इसके साथ ही कहा कि आज, भारत एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली 500 से अधिक कंपनियों का घर है, जो हमें दुनिया में चौथे स्थान पर रखती है, जबकि 1991 में हमारे पास ऐसी कोई कंपनी नहीं थी.

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