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भारत में चायपत्ती के दाम छू रहे आसमान, इनको होगा जबरदस्त मुनाफा... - India tea prices rise

India tea prices- भारत में इन दिनों चाय की कीमत आसमान छू रही है. लगातार गर्मी बढ़ने और बाढ़ के कारण कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. कीमतों में बढ़ोतरी से इनडेंजर्ड भारतीय चाय उद्योग को मदद मिल सकती है, जो पिछले एक दशक में चाय की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के बीच बढ़ती प्रोडक्शन लागत से जूझ रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 8, 2024, 4:30 PM IST

Tea
(प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

नई दिल्ली: भारत में चाय की कीमतें आसमान छू रही हैं और उम्मीद है कि ये कीमतें बनी रहेंगी. कटाई के मौसम के दौरान गर्मी और बाढ़ के कारण प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उत्पादन में कमी आई है, जिसके वजह से कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

कीमतों में बढ़ोतरी से इनडेंजर्ड भारतीय चाय उद्योग को मदद मिल सकती है, जो पिछले एक दशक में चाय की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के बीच बढ़ती प्रोडक्शन लागत से जूझ रहा है. मई में अत्यधिक गर्मी और उसके बाद असम में जारी बाढ़ के कारण उत्पादन में कमी आ रही है. इसके अलावा सरकार द्वारा 20 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से भी प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है.

मई में चाय के प्रोडक्शन में आई गिरावट
मई में भारत का चाय उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी से अधिक गिरकर 90.92 मिलियन किलोग्राम रह गया, जो पिछले एक दशक से भी अधिक समय में इस महीने का सबसे कम उत्पादन है. यह अत्यधिक गर्मी और कम बारिश के कारण हुआ. देश के आधे से ज्यादा उत्पादन का उत्पादन करने वाले पूर्वोत्तर राज्य असम में जुलाई में आई भयंकर नदी बाढ़ से 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. अप्रैल से अच्छी मांग के बावजूद गर्मी की वजह से उत्पादन में कमी आने के बाद चाय की कीमतों में उछाल आया.

चाय बोर्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते में औसत चाय की कीमतें बढ़कर 217.53 रुपये (2.61 डॉलर) प्रति किलोग्राम हो गईं, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 20 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है.

भारतीय चाय उद्योग ने क्या कहा?
आमतौर पर जुलाई में उत्पादन सबसे ज्यादा होता है, लेकिन इस साल हमें 15 से 20 मिलियन किलोग्राम की कमी का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2023 में रिकॉर्ड 1.394 बिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन किया, लेकिन 2024 में उत्पादन में लगभग 100 मिलियन किलोग्राम की गिरावट आ सकती है. भारत के कुल चाय उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा जुलाई से अक्टूबर के दौरान तोड़ा जाता है. 2024 में औसत चाय की कीमतें पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी से 20 फीसदी अधिक हो सकती हैं. लेकिन इस बढ़ोतरी से चाय के निर्यात में कमी आने की संभावना नहीं है, क्योंकि कीटनाशकों पर प्रतिबंध के बाद कई खरीदार अपनी खरीदारी बढ़ा रहे हैं.

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, 2024 के पहले चार महीनों में भारत का चाय निर्यात एक साल पहले की तुलना में 37 फीसदी बढ़कर 92 मिलियन किलोग्राम हो गया है.

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नई दिल्ली: भारत में चाय की कीमतें आसमान छू रही हैं और उम्मीद है कि ये कीमतें बनी रहेंगी. कटाई के मौसम के दौरान गर्मी और बाढ़ के कारण प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उत्पादन में कमी आई है, जिसके वजह से कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

कीमतों में बढ़ोतरी से इनडेंजर्ड भारतीय चाय उद्योग को मदद मिल सकती है, जो पिछले एक दशक में चाय की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के बीच बढ़ती प्रोडक्शन लागत से जूझ रहा है. मई में अत्यधिक गर्मी और उसके बाद असम में जारी बाढ़ के कारण उत्पादन में कमी आ रही है. इसके अलावा सरकार द्वारा 20 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से भी प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है.

मई में चाय के प्रोडक्शन में आई गिरावट
मई में भारत का चाय उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी से अधिक गिरकर 90.92 मिलियन किलोग्राम रह गया, जो पिछले एक दशक से भी अधिक समय में इस महीने का सबसे कम उत्पादन है. यह अत्यधिक गर्मी और कम बारिश के कारण हुआ. देश के आधे से ज्यादा उत्पादन का उत्पादन करने वाले पूर्वोत्तर राज्य असम में जुलाई में आई भयंकर नदी बाढ़ से 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. अप्रैल से अच्छी मांग के बावजूद गर्मी की वजह से उत्पादन में कमी आने के बाद चाय की कीमतों में उछाल आया.

चाय बोर्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते में औसत चाय की कीमतें बढ़कर 217.53 रुपये (2.61 डॉलर) प्रति किलोग्राम हो गईं, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 20 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है.

भारतीय चाय उद्योग ने क्या कहा?
आमतौर पर जुलाई में उत्पादन सबसे ज्यादा होता है, लेकिन इस साल हमें 15 से 20 मिलियन किलोग्राम की कमी का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2023 में रिकॉर्ड 1.394 बिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन किया, लेकिन 2024 में उत्पादन में लगभग 100 मिलियन किलोग्राम की गिरावट आ सकती है. भारत के कुल चाय उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा जुलाई से अक्टूबर के दौरान तोड़ा जाता है. 2024 में औसत चाय की कीमतें पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी से 20 फीसदी अधिक हो सकती हैं. लेकिन इस बढ़ोतरी से चाय के निर्यात में कमी आने की संभावना नहीं है, क्योंकि कीटनाशकों पर प्रतिबंध के बाद कई खरीदार अपनी खरीदारी बढ़ा रहे हैं.

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, 2024 के पहले चार महीनों में भारत का चाय निर्यात एक साल पहले की तुलना में 37 फीसदी बढ़कर 92 मिलियन किलोग्राम हो गया है.

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