नई दिल्ली: भारतीय डेवलपर्स ने स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी दिग्गज के बीच झगड़े के स्थायी और दीर्घकालिक समाधान के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की है. ये वो भारतीय डेवलपर्स है जिनके ऐप्स को पिछले हफ्ते Google के Play Store से हटा दिया गया था.
आईटी मंत्री ने क्या कहा?
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज, स्टार्टअप्स ने Google की कुछ नीतियों के संबंध में अपनी चिंताएं प्रस्तुत कीं. उन्हें आश्वासन दिया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान के लिए इसे Google के साथ उठाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसे इकोसिस्टम का निर्माण करते हुए बड़ी और छोटी कंपनियों के लिए समान अवसर की दिशा में काम करेगी जो स्टार्टअप के लिए विकास को प्रेरित करेगा.
यह भारतीय ऐप डेवलपर्स के लिए बैठकों से भरा दिन था. कई लोग चंद्रशेखर के अलावा केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिले.
Google के Play Store से 10 डेवलपर ऐप्स हटा दिए गए. वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनमें से कम से कम आठ स्टोर पर लौट आए हैं. हम जिस एकमात्र परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं वह यह है कि हम चाहते हैं कि हमारे ऐप्स प्ले स्टोर पर उसी तरह बहाल हो जाएं जैसे वे डीलिस्टिंग से पहले शुक्रवार की सुबह थे. उद्योग निकाय अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में स्टेज के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय सिंघल ने कहा, हम गूगल से केवल सीसीआई (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक इंतजार करना चाहते हैं.
ऐप डेवलपर्स ने जताई चिंता
ऐप डेवलपर्स ने Google के मनमाने राजस्व शेयर पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रमुख कंपनी अपनी सेवाओं के लिए 15 से 30 फीसदी का अत्यधिक कमीशन वसूलने के लिए अपनी प्रमुख स्थिति का उपयोग कर रही है.