नई दिल्ली: अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी 70 साल की उम्र में पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं. ब्लूमबर्ग न्यूज ने एक इंटरव्यू में उनके हवाले से बताया कि 62 वर्षीय अडाणी 2030 के दशक की शुरुआत में अपने बेटों को कंट्रोल सौंप देंगे.
"अपने उत्तराधिकार की योजना के बारे में बात करते हुए गौतम अडाणी ने ब्लूमबर्ग न्यूज से कहा कि कारोबार की स्थिरता के लिए उत्तराधिकार बहुत महत्वपूर्ण है".
गौतम अडाणी ने कहा कि ऑर्गेनिक, ग्रेजुअल और व्यवस्थित बनाने का विकल्प दूसरी पीढ़ी पर छोड़ दिया है. वर्तमान में, अडाणी समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 213 बिलियन डॉलर है, जो 10 लिस्ट संस्थाओं में फैला हुआ है. इसमें इन्फ्रास्चर, बिजनेस, बंदरगाहों, शिपिंग, सीमेंट, सोलर एनर्जी आदि में फैला हुआ है.
गौतम अडाणी के रिटायर होने पर क्या होगा?
गौतम अडाणी ने अपने दो बेटों और दो भतीजों से पूछा कि क्या वे अडाणी समूह के व्यापक कारोबार को विभाजित करके अलग-अलग रहना पसंद करेंगे या फिर एकजुट रहना पसंद करेंगे. उन्होंने ब्लूमबर्ग को बताया कि गौतम अडाणी के बेटों, करण और जीत, और चचेरे भाई प्रणव और सागर ने उनसे कहा है कि वे पद छोड़ने के बाद भी समूह को एक परिवार के रूप में चलाने का इरादा रखते हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार एक गोपनीय समझौते के तहत समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी उत्तराधिकारियों को ट्रांसफर की जाएगी.
किस पद पर कौन है?
आपको बता दें कि अडाणी ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार, गौतम अडाणी के बड़े बेटे करण अडाणी अडाणी पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक हैं, जबकि उनके छोटे बेटे जीत अडाणी अडाणी एयरपोर्ट्स के निदेशक हैं. वेबसाइट के अनुसार, प्रणव अडाणी अडाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक हैं और सागर अडाणी अडाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं.