नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से दाखिल मानहानि याचिका पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान केरल के कुछ मीडिया संस्थानों को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए.
याचिकाकर्ता की ओर से कुछ मीडिया संस्थानों की ओर से प्रसारित किए गए शशि थरूर के इंटरव्यू का वीडियो संरक्षित करने की मांग पर उन्हें समन जारी किया गया था. आज उनके पेश न होने पर उन्हें कोर्ट में 13 दिसंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया. इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्कों और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री के आधार पर पहली नजर में मानहानि का मामला बनता है.
इस मामले में राजीव चंद्रशेखर ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 200 और भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 171जी के तहत दर्ज अर्जी दाखिल की थी. राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा आरोप लगाया है कि शशि थरूर की ओर से राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर झूठे और अपमानजनक आरोप लगाकर शिकायतकर्ता को ये कहकर बदनाम किया गया कि वो तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को रिश्वत दे रहे थे. याचिका में कहा गया है कि थरूर ने यह अच्छी तरह से जानते हुए कि इस तरह के बयान झूठे थे और ऐसे बयान राजीव चंद्रशेखर की प्रतिष्ठा को कम करने वाले हैं उन्होंने बयान दिया.
याचिका में क्या कहा गया: याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर ने ऐसा चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से किया था. शशि थरूर का यह साक्षात्कार विभिन्न समाचार चैनलों के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर थरूर के इशारे पर प्रकाशित किए गए थे. इसकी वजह से राजीव चंद्रशेखर की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ और वह चुनाव भी हार गए. बता दें कि इस लोकसभा चुनाव 2024 में शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम से राजीव चंद्रशेखर को हराकर जीत हासिल की थी.
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