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क्या आप खा रहे कैल्शियम कार्बाइड वाले आम? तो हो जाएं सावधान, FSSAI ने जारी की चेतावनी - FSSAI warns mango traders - FSSAI WARNS MANGO TRADERS

Are you eating safe mangoes- सेंट्रल फूड रेगुलेटर एजेंसी, एफएसएसएआई ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का हवाला देते हुए आर्टिफिशियल रूप से आम पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का यूज करने के खिलाफ व्यापारियों को एक नई चेतावनी जारी की है. जानें क्या है कैल्शियम कार्बाइड का प्रभाव? कैल्शियम कार्बाइड से फटे आमों को कैसे पहचानें? पढ़ें पूरी खबर...

Mangoes
आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 19, 2024, 10:35 AM IST

Updated : May 19, 2024, 10:50 AM IST

नई दिल्ली: देश में आम का मौसम आ चुका है. बाजार में आम मिलने शुरू हो चुका है. इस बीच एफएसएसएआई ने फलों को पकाने में शामिल व्यापारियों, फल संचालकों और फूड बिजनेस ऑपरेटर (एफबीओ) को कड़ी चेतावनी जारी की है. यह सलाह खाम तौर पर उन लोगों के लिए जो आम के मौसम के दौरान आर्टिफिशियल रुप से फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का यूज करते है. फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड बैन है. इसके बावजूद इसका यूज किया जाता है.

कैल्शियम कार्बाइड का हानिकारक प्रभाव क्या है?
आम जैसे फलों को पकाने के लिए यूज किया जाने वाला कैल्शियम कार्बाइड एसिटिलीन गैस छोड़ता है जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं. 'मसाला' के नाम से जाने जाने वाले ये पदार्थ चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा के अल्सर का कारण बन सकते हैं. एसिटिलीन गैस हैंडलर्स के लिए भी खतरनाक है, और आर्सेनिक और फास्फोरस के अवशेष फलों पर रह सकते हैं.

Mangoes
आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

फूड रेगुलेटर एजेंसी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति एसिटिलीन गैस, जिसे आमतौर पर कार्बाइड गैस के रूप में जाना जाता है, के यूज द्वारा आर्टिफिशियल रूप से पकाए गए फलों को किसी भी विवरण के तहत अपने परिसर में नहीं बेचेगा या पेश नहीं करेगा या सेल के लिए नहीं रखेगा या अपने परिसर में नहीं रखेग.

Mangoes
आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

किस पकने वाले एजेंट की अनुमति है?
एफएसएसएआई फलों को पकाने के लिए सुरक्षित विकल्प के रूप में एथिलीन गैस के यूज की अनुमति देता है. एथिलीन गैस, 100 पीपीएम तक की कंसेनट्रेशन में, एक नेचुरल हार्मोन है जो पकने को नियंत्रित करता है. यह प्राकृतिक रूप से पकने की प्रक्रिया को ट्रिगर करता है जब तक कि फल पर्याप्त मात्रा में एथिलीन का उत्पादन नहीं करता है.

Mangoes
आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

इसके अलावा, केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (सीआईबी और आरसी) ने आम और अन्य फलों को एक समान पकाने के लिए एथेफॉन 39 फीसदी एसएल को मंजूरी दे दी है.

Mangoes
आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

कैल्शियम कार्बाइड से फटे आमों को कैसे पहचानें?

  1. विश्वसनीय दुकानदारों से खरीदें- जिन दुकानदारों को जानते है या डीलरों से फल और सब्जियां खरीदें, जो दावा करते हैं कि उनकी उपज हानिकारक या बैन केमिकल्स नहीं पकाई गई है.
  2. अच्छी तरह से धोना- किसी भी संभावित कंटामिनेशन को हटाने के लिए खाने से पहले फलों को बहते पीने योग्य पानी से अच्छी तरह धो लें.
  3. काले धब्बों से बचें- छिलके पर काले धब्बों वाले फलों से दूर रहें, क्योंकि ये कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटिलीन गैस से पके होते हैं.
  4. रंगों की जांच करें- समान रंग की बनावट वाले आम और अन्य फलों से सावधान रहें, क्योंकि यह संभावित केमिकल्स पकने का संकेत है.
  5. गंध और शेल्फ लाइफ- सावधान रहें कि मिलावटी फलों में थोड़ी तीखी गंध और कम शेल्फ जीवन हो सकता है, जो अक्सर पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग का संकेत देता है.

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नई दिल्ली: देश में आम का मौसम आ चुका है. बाजार में आम मिलने शुरू हो चुका है. इस बीच एफएसएसएआई ने फलों को पकाने में शामिल व्यापारियों, फल संचालकों और फूड बिजनेस ऑपरेटर (एफबीओ) को कड़ी चेतावनी जारी की है. यह सलाह खाम तौर पर उन लोगों के लिए जो आम के मौसम के दौरान आर्टिफिशियल रुप से फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का यूज करते है. फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड बैन है. इसके बावजूद इसका यूज किया जाता है.

कैल्शियम कार्बाइड का हानिकारक प्रभाव क्या है?
आम जैसे फलों को पकाने के लिए यूज किया जाने वाला कैल्शियम कार्बाइड एसिटिलीन गैस छोड़ता है जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं. 'मसाला' के नाम से जाने जाने वाले ये पदार्थ चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा के अल्सर का कारण बन सकते हैं. एसिटिलीन गैस हैंडलर्स के लिए भी खतरनाक है, और आर्सेनिक और फास्फोरस के अवशेष फलों पर रह सकते हैं.

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आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

फूड रेगुलेटर एजेंसी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति एसिटिलीन गैस, जिसे आमतौर पर कार्बाइड गैस के रूप में जाना जाता है, के यूज द्वारा आर्टिफिशियल रूप से पकाए गए फलों को किसी भी विवरण के तहत अपने परिसर में नहीं बेचेगा या पेश नहीं करेगा या सेल के लिए नहीं रखेगा या अपने परिसर में नहीं रखेग.

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आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

किस पकने वाले एजेंट की अनुमति है?
एफएसएसएआई फलों को पकाने के लिए सुरक्षित विकल्प के रूप में एथिलीन गैस के यूज की अनुमति देता है. एथिलीन गैस, 100 पीपीएम तक की कंसेनट्रेशन में, एक नेचुरल हार्मोन है जो पकने को नियंत्रित करता है. यह प्राकृतिक रूप से पकने की प्रक्रिया को ट्रिगर करता है जब तक कि फल पर्याप्त मात्रा में एथिलीन का उत्पादन नहीं करता है.

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आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

इसके अलावा, केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (सीआईबी और आरसी) ने आम और अन्य फलों को एक समान पकाने के लिए एथेफॉन 39 फीसदी एसएल को मंजूरी दे दी है.

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आम (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)

कैल्शियम कार्बाइड से फटे आमों को कैसे पहचानें?

  1. विश्वसनीय दुकानदारों से खरीदें- जिन दुकानदारों को जानते है या डीलरों से फल और सब्जियां खरीदें, जो दावा करते हैं कि उनकी उपज हानिकारक या बैन केमिकल्स नहीं पकाई गई है.
  2. अच्छी तरह से धोना- किसी भी संभावित कंटामिनेशन को हटाने के लिए खाने से पहले फलों को बहते पीने योग्य पानी से अच्छी तरह धो लें.
  3. काले धब्बों से बचें- छिलके पर काले धब्बों वाले फलों से दूर रहें, क्योंकि ये कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटिलीन गैस से पके होते हैं.
  4. रंगों की जांच करें- समान रंग की बनावट वाले आम और अन्य फलों से सावधान रहें, क्योंकि यह संभावित केमिकल्स पकने का संकेत है.
  5. गंध और शेल्फ लाइफ- सावधान रहें कि मिलावटी फलों में थोड़ी तीखी गंध और कम शेल्फ जीवन हो सकता है, जो अक्सर पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग का संकेत देता है.

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Last Updated : May 19, 2024, 10:50 AM IST
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