नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (एमईए) ने आज अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि अडाणी समूह और अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़े कानूनी मामले पर भारत को अमेरिका से कोई मैसेज नहीं मिला है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि हम इसे निजी फर्मों और व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा कानूनी मामला मानते हैं. जाहिर है, ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं, जिनका हमें विश्वास है कि पालन किया जाएगा. भारत सरकार को इस मुद्दे पर पहले से सूचित नहीं किया गया था.
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि हमने इस विशेष मामले पर अमेरिकी सरकार के साथ कोई बातचीत भी नहीं की है. उन्होंने कहा कि किसी विदेशी सरकार द्वारा समन या गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए किया गया कोई भी अनुरोध पारस्परिक कानूनी सहायता का हिस्सा है, लेकिन ऐसे अनुरोधों की योग्यता के आधार पर जांच की जाती है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें इस मामले में अमेरिका की ओर से कोई अनुरोध नहीं मिला है. यह एक ऐसा मामला है जो एक निजी व्यक्ति और निजी संस्थाओं से संबंधित है. भारत सरकार इस समय किसी भी तरह से इसका हिस्सा नहीं है.
अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में क्रमश- अभियोग और एक दीवानी शिकायत जारी की थी.
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार रिश्वतखोरी के कोई भी आरोप नहीं हैं. अडाणी समूह के अंतर्गत आने वाली फर्म अडाणी ग्रीन ने भी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में अमेरिकी कानूनी मामले पर मीडिया रिपोर्टों को गलत बताया था.