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फ्लिपकार्ट को iPhone का ऑर्डर कैंसिल करना पड़ा भारी, देने पड़े दस हजार

Flipkart- फ्लिपकार्ट को iPhone ऑर्डर रद्द करने के विवाद के लिए मुंबई के एक व्यक्ति को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है. कंपनी पर जानबूझकर ऑर्डर कैसिंल करके अतिरिक्त लाभ कमाने का आरोप लगा है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 18, 2024, 11:14 AM IST

मुंबई: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट अक्सर लोगों को कई तरह के सेल और ऑफर से अट्रैक करता है. कुछ ऐसा ही एक ऑफर देखकर एक कस्टमर ने iPhone का ऑर्डर दिया था. फ्लिपकार्ट ने बिना वजह बाद में उस ऑर्डर को कैंसिल कर दिया, लेकिन इस ऑर्डर के कैसिंल करने का खामियाजा फ्लिपकार्ट को भुगतना पड़ा. फ्लिपकार्ट को पेनाल्टी के तौर पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ा है.

क्यों देने पड़े पैसे?
एक कस्टमर ने iPhone ऑर्डर किया था, जिसे फ्लिपकार्ट ने कैंसिल कर दिया था. इस iPhone ऑर्डर रद्द करने के विवाद के लिए फ्लिपकार्ट को मुंबई के एक व्यक्ति को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है. फ्लिपकार्ट को मुंबई में एक कंज्यूमर डिस्प्यूट रेसोलुशन पैनल ने एक ग्राहक को कंपनी द्वारा उसका आईफोन ऑर्डर रद्द करने के बाद हुई मानसिक परेशानी के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. अपने आदेश में, जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट रेसोलुशन पैनल ने कहा कि फ्लिपकार्ट द्वारा रद्दीकरण अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए 'जानबूझकर' किया गया था.

पैनल ने कहा कि ग्राहक को रिफंड तो मिल गया, लेकिन ऑर्डर को एकतरफा रद्द करने के कारण हुई 'मानसिक उत्पीड़न और पीड़ा' के लिए उसे मुआवजा दिए जाने की जरूरत है.

मामला में क्या हुआ?
मुंबई के दादर के रहने वाले ग्राहक ने 10 जुलाई, 2022 को फ्लिपकार्ट से एक ऐप्पल आईफोन ऑर्डर किया और अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके 39,628 रुपये का भुगतान किया. शिकायत के मुताबिक, स्मार्टफोन की डिलीवरी उस साल 12 जुलाई को होनी थी. लेकिन 6 दिन बाद कस्टमर को कंपनी के ओर से एक मैसेज मिला कि ऑर्डर कैसिंल कर दिया गया है. संपर्क करने पर, फ्लिपकार्ट ने ग्राहक को बताया कि उनके डिलीवरी बॉय ने उत्पाद वितरित करने के कई प्रयास किए लेकिन वह उपलब्ध नहीं था और इसलिए ऑर्डर रद्द कर दिया गया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि रद्दीकरण से न केवल नुकसान हुआ, बल्कि मानसिक उत्पीड़न भी हुआ और उसे ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा. कंपनी का डिलीवरी पार्टनर एकार्ट लॉजिस्टिक्स भी शिकायत में एक पक्ष था. लेकिन आयोग ने कहा कि यह एक डिलीवरी पार्टनर है और शिकायतकर्ता और लॉजिस्टिक्स फर्म के बीच कोई उपभोक्ता और सेवा प्रदाता संबंध नहीं है

फ्लिपकार्ट ने क्या कहा?
वहीं, अपने लिखित जवाब में फ्लिपकार्ट ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने गलती से ईकार्ट को उत्पाद का विक्रेता समझ लिया. ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने कहा कि यह केवल एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है, और प्लेटफॉर्म पर सभी उत्पाद स्वतंत्र थर्ड-पार्टी सेलर द्वारा बेचे और आपूर्ति किए जाते हैं. कंपनी ने कहा कि इस मामले में विक्रेता इंटरनेशनल वैल्यू रिटेल प्राइवेट लिमिटेड था और शिकायतकर्ता और विक्रेता के बीच हुए पूरे लेनदेन में फ्लिपकार्ट की कोई भूमिका नहीं थी.

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क्यों देने पड़े पैसे?
एक कस्टमर ने iPhone ऑर्डर किया था, जिसे फ्लिपकार्ट ने कैंसिल कर दिया था. इस iPhone ऑर्डर रद्द करने के विवाद के लिए फ्लिपकार्ट को मुंबई के एक व्यक्ति को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है. फ्लिपकार्ट को मुंबई में एक कंज्यूमर डिस्प्यूट रेसोलुशन पैनल ने एक ग्राहक को कंपनी द्वारा उसका आईफोन ऑर्डर रद्द करने के बाद हुई मानसिक परेशानी के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. अपने आदेश में, जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट रेसोलुशन पैनल ने कहा कि फ्लिपकार्ट द्वारा रद्दीकरण अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए 'जानबूझकर' किया गया था.

पैनल ने कहा कि ग्राहक को रिफंड तो मिल गया, लेकिन ऑर्डर को एकतरफा रद्द करने के कारण हुई 'मानसिक उत्पीड़न और पीड़ा' के लिए उसे मुआवजा दिए जाने की जरूरत है.

मामला में क्या हुआ?
मुंबई के दादर के रहने वाले ग्राहक ने 10 जुलाई, 2022 को फ्लिपकार्ट से एक ऐप्पल आईफोन ऑर्डर किया और अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके 39,628 रुपये का भुगतान किया. शिकायत के मुताबिक, स्मार्टफोन की डिलीवरी उस साल 12 जुलाई को होनी थी. लेकिन 6 दिन बाद कस्टमर को कंपनी के ओर से एक मैसेज मिला कि ऑर्डर कैसिंल कर दिया गया है. संपर्क करने पर, फ्लिपकार्ट ने ग्राहक को बताया कि उनके डिलीवरी बॉय ने उत्पाद वितरित करने के कई प्रयास किए लेकिन वह उपलब्ध नहीं था और इसलिए ऑर्डर रद्द कर दिया गया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि रद्दीकरण से न केवल नुकसान हुआ, बल्कि मानसिक उत्पीड़न भी हुआ और उसे ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा. कंपनी का डिलीवरी पार्टनर एकार्ट लॉजिस्टिक्स भी शिकायत में एक पक्ष था. लेकिन आयोग ने कहा कि यह एक डिलीवरी पार्टनर है और शिकायतकर्ता और लॉजिस्टिक्स फर्म के बीच कोई उपभोक्ता और सेवा प्रदाता संबंध नहीं है

फ्लिपकार्ट ने क्या कहा?
वहीं, अपने लिखित जवाब में फ्लिपकार्ट ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने गलती से ईकार्ट को उत्पाद का विक्रेता समझ लिया. ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने कहा कि यह केवल एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है, और प्लेटफॉर्म पर सभी उत्पाद स्वतंत्र थर्ड-पार्टी सेलर द्वारा बेचे और आपूर्ति किए जाते हैं. कंपनी ने कहा कि इस मामले में विक्रेता इंटरनेशनल वैल्यू रिटेल प्राइवेट लिमिटेड था और शिकायतकर्ता और विक्रेता के बीच हुए पूरे लेनदेन में फ्लिपकार्ट की कोई भूमिका नहीं थी.

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