नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की और कई दस्तावेज जमा किए हैं. पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोकने की आरबीआई की हालिया कार्रवाई की गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत फिनटेक कंपनी में आरबीआई द्वारा चिह्नित कथित अनियमितताओं की औपचारिक जांच शुरू करने का निर्णय लेने से पहले दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच कर रही है.
फिलहाल कोई अनियमितता नहीं पाई गई
सूत्रों ने बताया कि पेटीएम के अधिकारियों ने हाल ही में कुछ दस्तावेज जमा किए थे जिसके बाद उनसे कुछ सवाल पूछे गए. कुछ और जानकारी भी मांगी गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल कोई अनियमितता नहीं पाई गई है. फेमा के तहत कोई उल्लंघन पाए जाने पर ही इस कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पेटीएम से जुड़ी जांच पहले ही कुछ समय से जारी है.
पेटीएम ने क्या कहा?
वन97 कम्युनिकेशंस ने बुधवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया था कि उसे ग्राहकों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों से नोटिस मिले हैं. कंपनी पेटीएम ब्रांड और उसकी बैंकिंग इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के अंतर्गत वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है. पेटीएम ने कहा कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के हिसाब से जानकारी, दस्तावेज उपलब्ध करा रही है. उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पैसा बाहर भेजने का काम नहीं करती है.
वित्तीय मंच ने कहा कि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल), उसकी सब्सिडियरी कंपनियों और सहयोगी पीपीबीएल को समय-समय पर ग्राहकों के संबंध में ईडी सहित अन्य विभागों से सूचना, दस्तावेज और स्पष्टीकरण के लिए नोटिस और मांगें प्राप्त होती रही हैं. इस बारे में सभी जरूरी जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है.
आरबीआई की कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम की इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पाद, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का 31 जनवरी को निर्देश दिया था. वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल में 49 फीसदी (प्रत्यक्ष और इसकी अनुषंगी कंपनी के माध्यम से) हिस्सेदारी है. कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है.