नई दिल्ली: केंद्र सरकार 22 जुलाई को संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश कर सकती है. ये 23 जुलाई को मोदी 3.0 सरकार के पहले पूर्ण केंद्रीय बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले है. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन की देखरेख में आर्थिक सर्वेक्षण भारतीय अर्थव्यवस्था की वार्षिक समीक्षा देते हैं. यह डॉक्यूमेंट इसलिए महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह विकास, महंगाई रेट और अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे पर एक दृष्टिकोण देता है. यह केंद्र सरकार की नीतिगत पहलों पर भी प्रकाश डालता है.
इकोनॉमिक सर्वे क्यों पेश किया जाता है?
आमतौर पर, सरकार अंतरिम बजट से पहले व्यापक इकोनॉमिक सर्वे पेश नहीं करती है. इसलिए इस साल अंतरिम बजट 1 फरवरी से पहले इकोनॉमिक सर्वे को पेश नहीं किया गया था. इसे आम चुनावों के बाद केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद पेश किया जाता है.
इस साल की शुरुआत में इकोनॉमिक सर्वे के बजाय भारतीय अर्थव्यवस्था-एक समीक्षा टॉपिक से एक रिपोर्ट जारी की गई थी. इसमें अर्थव्यवस्था के लिए संभावनाओं की झलक दिखाई गई थी. यह रिपोर्ट मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंथा नागेश्वरन के कार्यालय द्वारा तैयार की गई थी.
इकोनॉमिक सर्वे क्यों महत्वपूर्ण है?
- नीति निर्माताओं को सिफारिशें देता है जो बजटीय निर्णयों और आर्थिक नीति निर्माण को सूचित करते हैं.
- अर्थव्यवस्था का एक विश्लेषण प्रस्तुत करके पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, जिससे सरकार अपनी आर्थिक नीतियों के लिए जवाबदेह बनती है.
- निवेशकों, व्यवसायों और आम जनता सहित विभिन्न हितधारकों को आर्थिक स्थितियों और दृष्टिकोण के बारे में सूचित करता है.
- पिछले सालों के साथ वर्तमान आर्थिक स्थिति की तुलना करने और भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है.
बजट सत्र कब से शुरू होगा?
बता दें कि संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा. वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना लगातार सातवां बजट पेश करेंगी. केंद्र सरकार इस बजट का उपयोग अगले कई वर्षों के लिए दीर्घकालिक आर्थिक नीति दृष्टिकोण के बारे में एक बड़ा बयान देने के अवसर के रूप में कर सकती है