मुंबई: पनीर से लेकर आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी मिल्की मिस्ट आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए सार्वजनिक बाजार का रुख कर सकती है. कंपनी अपने डेयरी ब्रांड पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहती है. साथ ही बड़ी प्रतिद्वंद्वी अमूल से मुकाबला करना चाहती है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कई प्रमुख निवेश और मर्चेंट बैंक पिछले साल कंपनी को सार्वजनिक करने के लिए मैंडेट मांग रहे थे. यह कदम मिल्की मिस्ट द्वारा वेस्टब्रिज से निजी दौर की फंडिंग जुटाने की चर्चा विफल होने के कुछ महीनों बाद उठाया गया है.
आईपीओ का प्लान
पिछले साल वेस्टब्रिज दौर में तमिलनाडु स्थित कंपनी का मूल्यांकन लगभग 6,000 करोड़ रुपये था. जबकि आईपीओ 20,000 करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्यांकन पर हो सकता है. क्योंकि यह चॉकलेट और आइसक्रीम जैसी अपनी नई पेशकशों का तेजी से विस्तार करना और नए बाजारों में प्रवेश करना चाहता है.
मिल्की मिस्ट कंपनी के बारे में
साल 1985 में मिल्की मिस्ट कंपनी ने मिल्क बिजनेस से शुरुआत की थी. इसके बाद कंपनी ने 1994 में पनीर का प्रोडक्शन शुरू करके उड़ान भरी. इसके बाद दही, मक्खन, पनीर, योगर्ट और आइसक्रीम जैसे प्रोडक्ट का प्रोडक्शन शुरू किया. भारत में तेजी से बढ़ते उपभोक्ता आधार का लाभ उठाया.
कंपनी के फाउंडर
इसके संस्थापक टी सतीश कुमार का स्कूल छोड़ने से लेकर एक शानदार डेयरी ब्रांड बनाने तक का सफर अब इंटरप्रेन्योर लीजेंड की तरह है. इरोड में स्थित मिल्की मिस्ट का संचालन कुमार, उनकी पत्नी अनीता सतीश कुमार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रत्नम करते हैं, जो पहले अमूल डेयरी में प्रबंध निदेशक थे.
एक बार टी सतीश कुमार ने बताया था कि मेरे पिता मिल्की मिस्ट कारोबार को बंद करना चाहते थे. परिवार की आमदनी कम होने की वजह से पिता मदद करने के लिए कुमार ने पढ़ाई छोड़नी पड़ी.