छिंदवाड़ा: मीठे मक्के की खेती यानि स्वीट कॉर्न से किसानों को छप्परफाड़ कमाई हो रही है. हैरान होने की जरूरत नहीं है. आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. छिंदवाड़ा के किसानों ने 100 करोड़ यानि एक अरब रुपये से ज्यादा की कमाई स्वीट कॉर्न से कर ली है. आप भी इस खेती से मालामाल हो सकते हैं. यह एक ऐसी फसल है जिसे बेचने के लिए ना तो बाजार जाने की जरूरत और ना ही मार्केटिंग की झंझट, खरीददार खुद खेतों में पहुंचते हैं और 3 महीने में ही लाखों रुपये की कमाई हो जाती है.
स्वीट कॉर्न से 100 करोड़ का कारोबार
बढ़ती महंगाई के दौर में लागत बढ़ने की वजह से खेती में आमदनी कम होते जा रही है जिसकी वजह से किसान घाटे में जा रहा है. कई किसान तो अब खेती भी छोड़ रहे हैं लेकिन अगर यही खेती पारंपरिक तरीके से हटकर आधुनिक तरीके से की जाए तो किसानों को मालामाल भी कर रही है. छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ ब्लॉक के करीब 20 गांव के किसानों ने गर्मी के मौसम में स्वीट कॉर्न मीठा मक्का की फसल अपने खेतों में लगाई थी. जिससे किसानों की लागत को हटाकर प्रति एकड़ ₹1 लाख रुपये का मुनाफा 3 माह की फसल से हो गया. छिंदवाड़ा कृषि विभाग के उपसंचालक जितेंद्र सिंह ने बताया कि "जिले में सबसे ज्यादा स्वीट कॉर्न की फसल उमरेठ क्षेत्र के किसान लगाते हैं. किसानों के खेत से सीधे दक्षिण भारत के व्यापारी भुट्टे खरीद कर ले जाते हैं. जिले में करीब 100 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर स्वीट कॉर्न से हुआ है."
खेतों से ही फसल ले जाते हैं खरीदार
अगर किसान अपने खेतों में फसल उगा भी लेता है तो उसे मंडी तक पहुंचने की सबसे बड़ी समस्या होती है क्योंकि किराया इतना महंगा होता है कि काफी खर्चा मंडी तक फसल पहुंचने में लग जाता है. स्वीट कॉर्न ऐसी फसल है जिसे ना तो मंडी ले जाने की जरूरत होती है और ना ही मार्केटिंग की झंझट क्योंकि स्वीट कॉर्न के खरीदार सीधे किसानों के खेत से ही खरीदी करते हैं और वहीं से अपने खर्चे पर लेकर जाते हैं. छिंदवाड़ा कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में लगभग 7500 एकड़ में गर्मी के मौसम में स्वीट कॉर्न की खेती उमरेठ ब्लॉक के करीब 20 गांवों के किसानों ने की थी. फिलहाल स्वीट कार्न को ₹15 प्रति किलो तक में व्यापारी किसानों के खेतों से खरीद रहे हैं. जिले में अब तक स्वीट कॉर्न से लगभग 100 करोड़ रुपए का टर्नओवर हो चुका है.
15 एकड़ से कमाए 15 लाख
छावड़ीकला गांव के किसान गिरजाशंकर पवार ने बताया कि "उन्होंने 15 एकड़ जमीन में स्वीट कॉर्न की फसल लगाई थी जिसमें सभी प्रकार की लागत निकालकर करीब 12 से 15 लाख रुपये का फायदा हुआ है. किसान ने बताया कि खास बात यह है कि स्वीट कॉर्न को बेचने के लिए किसी मंडी या बाजार की जरूरत नहीं पड़ी बल्कि सीधे खरीददार उनसे संपर्क करते हैं और खेतों से ही भुट्टे तुड़वाकर ले जाते हैं. तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में स्वीट कॉर्न की जमकर डिमांड है.
पौधों से बनती है खाद, होता है दोगुना लाभ
आम के आम, गुठलियों के दाम वाली कहावत यहां के किसान साकार कर रहे हैं. स्वीट कॉर्न की फसल तोड़ने के बाद खाली पौधों से किसान खाद बनाने का काम करते हैं. एक पौधे में दो से तीन भुट्टे लगते हैं जिसकी फसल लेने के बाद करीब 6 से 7 फीट का पौधा बाकी रह जाता है. इसके बाद इसमें रोटावेटर चलाकर मिट्टी में मिला दिया जाता है जो कुछ दिन में ग्रीन खाद बनाकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ा देता है.
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स्वीट कॉर्न खाने के फायदे ही फायदे
डाइटीशियन नीता शिवहरे ने बताया कि "स्वीट कॉर्न में विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-ई, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. शरीर की कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है. स्वीट कॉर्न में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने से लेकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने तक में मददगार होता है. इसके नियमित सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है और एनीमिया की शिकायत में लाभ होता है. इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. स्वीट कॉर्न में कैरोटेनॉयड्स और बायोफ्लेवोनॉयड्स तत्व मौजूद होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम कर दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है."