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Nestle की बढ़ सकती है मुश्किलें, FSSAI इस मामले में करेगी जांच - Nestle Controversy

Nestle- सीसीपीए ने एफएसएसएआई से नेस्ले द्वारा बेबी प्रोडक्ट में चीनी मिलाने के दावे की जांच करने को कहा है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि नेस्ले भारत जैसे कम विकसित देशों में अधिक चीनी की मिलावट की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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By PTI

Published : Apr 19, 2024, 1:09 PM IST

नई दिल्ली: कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेटर सीसीपीए ने फूड सिक्योरिटी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एफएसएसएआई) से स्विस एनजीओ, पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क के दावे पर गौर करने को कहा है कि नेस्ले उच्च चीनी वाले बेबी प्रोडक्ट बेच रही है. भारत जैसे कम विकसित देशों में अधिक चीनी की मिलावट की जा रही है.

उपभोक्ता मामलों की सचिव और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) प्रमुख निधि खरे ने मीडिया को बताया कि हमने नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट पर रिपोर्ट का संज्ञान लेने के लिए एफएसएसएआई को लिखा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी रिपोर्ट पर ध्यान दिया है और एफएसएसएआई को नोटिस जारी किया है.

स्विस एनजीओ, पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) के निष्कर्षों के अनुसार, नेस्ले ने यूरोप के बाजारों की तुलना में भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों में उच्च चीनी सामग्री वाले बेबी प्रोडक्ट बेचे.

नेस्ले ने आरोपों को किया खारिज
इस बीच गुरुवार को, नेस्ले इंडिया ने कहा था कि वह अनुपालन पर कभी समझौता नहीं करती है और उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में बेबी फूड में विभिन्न प्रकार के आधार पर अतिरिक्त चीनी को 30 फीसदी से अधिक कम कर दिया है.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था कि नेस्ले इंडिया के लिए अतिरिक्त चीनी में कमी करना प्राथमिकता है. पिछले 5 वर्षों में, हमने पहले ही प्रकार के आधार पर अतिरिक्त चीनी में 30 फीसदी तक की कमी कर दी है. इस बात पर जोर देते हुए कि अनुपालन नेस्ले इंडिया की एक अनिवार्य विशेषता है. प्रवक्ता ने कहा कि हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे. हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि भारत में निर्मित हमारे उत्पाद कोडेक्स मानकों (डब्ल्यूएचओ और एफएओ द्वारा स्थापित एक आयोग) के साथ पूर्ण और सख्त अनुपालन में हैं.

सबसे अधिक चीनी थाईलैंड के बेबी प्रोडक्ट में मिला
रिपोर्ट के अनुसार, छह महीने के बच्चों के लिए नेस्ले का गेहूं आधारित उत्पाद, सेरेलैक यूके और जर्मनी में बिना किसी अतिरिक्त चीनी के बेचा जाता है, लेकिन भारत से विश्लेषण किए गए 15 सेरेलैक उत्पादों में प्रति सेवारत औसतन 2.7 ग्राम अतिरिक्त चीनी थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पैकेजिंग पर चीनी की मात्रा बताई गई थी. उत्पाद में सबसे अधिक चीनी सामग्री थाईलैंड में 6 ग्राम थी. रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस में आठ नमूनों में से पांच में चीनी की मात्रा 7.3 ग्राम पाई गई और पैकेजिंग पर इसकी जानकारी भी नहीं दी गई.

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उपभोक्ता मामलों की सचिव और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) प्रमुख निधि खरे ने मीडिया को बताया कि हमने नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट पर रिपोर्ट का संज्ञान लेने के लिए एफएसएसएआई को लिखा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी रिपोर्ट पर ध्यान दिया है और एफएसएसएआई को नोटिस जारी किया है.

स्विस एनजीओ, पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) के निष्कर्षों के अनुसार, नेस्ले ने यूरोप के बाजारों की तुलना में भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों में उच्च चीनी सामग्री वाले बेबी प्रोडक्ट बेचे.

नेस्ले ने आरोपों को किया खारिज
इस बीच गुरुवार को, नेस्ले इंडिया ने कहा था कि वह अनुपालन पर कभी समझौता नहीं करती है और उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में बेबी फूड में विभिन्न प्रकार के आधार पर अतिरिक्त चीनी को 30 फीसदी से अधिक कम कर दिया है.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था कि नेस्ले इंडिया के लिए अतिरिक्त चीनी में कमी करना प्राथमिकता है. पिछले 5 वर्षों में, हमने पहले ही प्रकार के आधार पर अतिरिक्त चीनी में 30 फीसदी तक की कमी कर दी है. इस बात पर जोर देते हुए कि अनुपालन नेस्ले इंडिया की एक अनिवार्य विशेषता है. प्रवक्ता ने कहा कि हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे. हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि भारत में निर्मित हमारे उत्पाद कोडेक्स मानकों (डब्ल्यूएचओ और एफएओ द्वारा स्थापित एक आयोग) के साथ पूर्ण और सख्त अनुपालन में हैं.

सबसे अधिक चीनी थाईलैंड के बेबी प्रोडक्ट में मिला
रिपोर्ट के अनुसार, छह महीने के बच्चों के लिए नेस्ले का गेहूं आधारित उत्पाद, सेरेलैक यूके और जर्मनी में बिना किसी अतिरिक्त चीनी के बेचा जाता है, लेकिन भारत से विश्लेषण किए गए 15 सेरेलैक उत्पादों में प्रति सेवारत औसतन 2.7 ग्राम अतिरिक्त चीनी थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पैकेजिंग पर चीनी की मात्रा बताई गई थी. उत्पाद में सबसे अधिक चीनी सामग्री थाईलैंड में 6 ग्राम थी. रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस में आठ नमूनों में से पांच में चीनी की मात्रा 7.3 ग्राम पाई गई और पैकेजिंग पर इसकी जानकारी भी नहीं दी गई.

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