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Microsoft और Nvidia के बीच टॉप पर रहने की जंग जारी, अब ये बनी दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी - Microsoft surpasses Nvidia - MICROSOFT SURPASSES NVIDIA

Microsoft surpasses Nvidia- दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी का खिताब वापस से माइक्रोसॉफ्ट को मिल गया. एनवीडिया के शेयरों में गुरुवार को लगभग 3.4 फीसदी की गिरावट आई, जिसके बाद एनवीडिया की सबसे मूल्यवान कंपनी नहीं रही. पढ़ें पूरी खबर...

Microsoft surpasses Nvidia
माइक्रोसॉफ्ट (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 21, 2024, 9:56 AM IST

नई दिल्ली: एनवीडिया अब दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी नहीं रही. जेन्सन हुआंग की कंपनी के शेयरों में 3.4 फीसदी की गिरावट के बाद इसने माइक्रोसॉफ्ट के हाथों अपना टॉप स्थान खो दिया. एनवीडिया, जिसका बाजार पूंजीकरण इस सप्ताह की शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट से आगे निकल गया था. लेकिन लास्ट ट्रेडिग डे पर बाजार मूल्य 3.34 ट्रिलियन डॉलर पर लगभग 91 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाया. बता दें कि बॉट कंपनियां एनवीडिया चिप्स से लैस सर्वर बनाती हैं.

वहीं, माइक्रोसॉफ्ट का बाजार मूल्य भी 3.30 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया. दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनने की दौड़ में एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल के बीच तीन घोड़ों की दौड़ जारी है.

एप्पल का मार्केट कैपिटल 3.22 ट्रिलियन डॉलर था, जिसके शेयर 2.2 फीसदी गिरकर 210.10 डॉलर पर आ गए. जबकि डेल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 1 फीसदी और माइक्रो कंप्यूटर के शेयरों में 0.7 फीसदी की गिरावट आई है.

इस साल की शुरुआत में एलन मस्क ने कहा था कि ग्रोक 2 मॉडल के टेस्टिंग के लिए लगभग 20,000 एनवीडिया एच100 ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट की आवश्यकता होगी. ग्रोक 3 मॉडल और उसके बाद के मॉडल के लिए 100,000 एनवीडिया एच100 चिप्स की आवश्यकता होगी. वहीं, एलन मस्क ने बुधवार को एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि डेल और सुपर माइक्रो उनके xAI स्टार्टअप के सुपरकंप्यूटर के लिए सर्वर रैक की आपूर्ति कर रहे हैं. इसका यूज इसके AI टूल, ग्रोक की क्षमताओं का विस्तार करने के लिए किया जाएगा.

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नई दिल्ली: एनवीडिया अब दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी नहीं रही. जेन्सन हुआंग की कंपनी के शेयरों में 3.4 फीसदी की गिरावट के बाद इसने माइक्रोसॉफ्ट के हाथों अपना टॉप स्थान खो दिया. एनवीडिया, जिसका बाजार पूंजीकरण इस सप्ताह की शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट से आगे निकल गया था. लेकिन लास्ट ट्रेडिग डे पर बाजार मूल्य 3.34 ट्रिलियन डॉलर पर लगभग 91 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाया. बता दें कि बॉट कंपनियां एनवीडिया चिप्स से लैस सर्वर बनाती हैं.

वहीं, माइक्रोसॉफ्ट का बाजार मूल्य भी 3.30 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया. दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनने की दौड़ में एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल के बीच तीन घोड़ों की दौड़ जारी है.

एप्पल का मार्केट कैपिटल 3.22 ट्रिलियन डॉलर था, जिसके शेयर 2.2 फीसदी गिरकर 210.10 डॉलर पर आ गए. जबकि डेल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 1 फीसदी और माइक्रो कंप्यूटर के शेयरों में 0.7 फीसदी की गिरावट आई है.

इस साल की शुरुआत में एलन मस्क ने कहा था कि ग्रोक 2 मॉडल के टेस्टिंग के लिए लगभग 20,000 एनवीडिया एच100 ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट की आवश्यकता होगी. ग्रोक 3 मॉडल और उसके बाद के मॉडल के लिए 100,000 एनवीडिया एच100 चिप्स की आवश्यकता होगी. वहीं, एलन मस्क ने बुधवार को एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि डेल और सुपर माइक्रो उनके xAI स्टार्टअप के सुपरकंप्यूटर के लिए सर्वर रैक की आपूर्ति कर रहे हैं. इसका यूज इसके AI टूल, ग्रोक की क्षमताओं का विस्तार करने के लिए किया जाएगा.

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