मुंबई: कारोबारी सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार रेड जोन में ट्रेडिंग कर रहे है. वहीं, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद आज अडाणी ग्रुप के शेयरों में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी के शेयरों में गिरावट से निवेशकों को 53,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और बीएसई पर यह 7 फीसदी की हानि के साथ दिन के निचले स्तर 1,656 रुपये पर आ गया.
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने दावा किया कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास बरमूडा और मॉरीशस में स्थित ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी है, जिसके बाद अडानी समूह के शेयरों में 4 फीसदी तक की गिरावट आई. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन फंडों का इस्तेमाल गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अडाणी समूह में शेयरों को हासिल करने और उनका व्यापार करने के लिए किया था.
अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट
अडाणी एंटरप्राइजेज - 3.55 फीसदी की गिरावट
अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड - 4.80 फीसदी की गिरावट
अडाणी ग्रीन एनर्जी - 4.47 फीसदी की गिरावट
अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस - 4.16 फीसदी की गिरावट
अडाणी टोटल गैस - 7.22 फीसदी की गिरावट
अडाणी विल्मर - 4.72 फीसदी की गिरावट
हिंडनबर्ग का आरोप
अमेरिका के एक शॉर्ट-सेलर ने दावा किया है कि सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास बरमूडा और मॉरीशस में स्थित ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी है. कथित तौर पर इन फंड्स का इस्तेमाल गौतम अडाणी के भाई विनोद अडानी ने अडाणी ग्रुप में महत्वपूर्ण शेयर हासिल करने और उनका व्यापार करने के लिए किया था.
हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी प्रमुख ने क्या कहा?
सेबी प्रमुख ने कहा कि हिंडनबर्ग के बताए गए फंड में निवेश 2015 में किया गया था, जब वह और उनके पति सिंगापुर में रहने वाले निजी नागरिक थे. लगभग दो साल पहले वह सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल हुई थीं. उन्होंने कहा कि इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी, अनिल आहूजा, धवल के बचपन के दोस्त हैं, जो स्कूल और आईआईटी दिल्ली से हैं और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3i ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी होने के नाते, कई दशकों का मजबूत निवेश करियर था.