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खावड़ा RE पार्क में अडाणी ग्रीन एनर्जी ने 1,000 मेगावाट सोलर एनर्जी का संचालन शुरू किया

Adani Green Energy- अडाणी ग्रीन (एजीईएल) एनर्जी गुजरात के खावड़ा आरई पार्क में 1,000 मेगावाट सोलर एनर्जी का संचालन करती है. साथ ही कंपनी ने बताया कि एजीईएल ने खावड़ा में काम शुरू करने के 12 महीने से भी कम समय में 1,000 मेगावाट की आपूर्ति की. पढ़ें पूरी खबर...

Adani Green Energy
अडाणी ग्रीन एनर्जी
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By PTI

Published : Mar 11, 2024, 12:35 PM IST

नई दिल्ली: अडाणी ग्रीन एनर्जी (एजीईएल) ने सोमवार को कहा कि उसने गुजरात के खावड़ा में 1,000 मेगावाट सोलर एनर्जी की संचयी क्षमता का संचालन किया है. कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि इसके साथ, एजीईएल ने 9,478 मेगावाट की परिचालन क्षमता हासिल कर ली है और 2030 तक 45,000 मेगावाट के घोषित लक्ष्य तक अपनी यात्रा जारी रखी है.

इसमें कहा गया है कि एजीईएल ने खावड़ा में काम शुरू करने के 12 महीने से भी कम समय में 1,000 मेगावाट की आपूर्ति की. इसमें लगभग 2.4 मिलियन सौर मॉड्यूल स्थापित करना शामिल था.

प्रगति 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य के प्रति एजीईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है. दुनिया का सबसे बड़ा 30 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र 538 वर्ग किमी बंजर भूमि में फैला है, जो पेरिस के आकार का पांच गुना है. इस परियोजना के अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है और इससे 15,200 से अधिक हरित नौकरियां पैदा होंगी.

अडाणी इंफ्रा की परियोजना निष्पादन क्षमताओं, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) की तकनीकी विशेषज्ञता, एआईएमएसएल की परिचालन उत्कृष्टता, मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठाते हुए, एजीईएल भारत के पहले और दुनिया के सबसे बड़े पवन-सौर हाइब्रिड के निर्माण और संचालन में अपनी सफलता को दोहराने के लिए तैयार है.

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इसमें कहा गया है कि एजीईएल ने खावड़ा में काम शुरू करने के 12 महीने से भी कम समय में 1,000 मेगावाट की आपूर्ति की. इसमें लगभग 2.4 मिलियन सौर मॉड्यूल स्थापित करना शामिल था.

प्रगति 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य के प्रति एजीईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है. दुनिया का सबसे बड़ा 30 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र 538 वर्ग किमी बंजर भूमि में फैला है, जो पेरिस के आकार का पांच गुना है. इस परियोजना के अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है और इससे 15,200 से अधिक हरित नौकरियां पैदा होंगी.

अडाणी इंफ्रा की परियोजना निष्पादन क्षमताओं, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) की तकनीकी विशेषज्ञता, एआईएमएसएल की परिचालन उत्कृष्टता, मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठाते हुए, एजीईएल भारत के पहले और दुनिया के सबसे बड़े पवन-सौर हाइब्रिड के निर्माण और संचालन में अपनी सफलता को दोहराने के लिए तैयार है.

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