नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने उन झूठे दावों का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि नियामक कई सिम कार्ड रखने पर ग्राहकों पर शुल्क लगाएगा. दूरसंचार नियामक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस तरह के दावे लोगों को गुमराह करने के लिए फैलाए जा रहे हैं.
नियामक ने कहा कि 'यह अटकलें कि ट्राई कई सिम/नंबरिंग संसाधन रखने के लिए ग्राहकों पर शुल्क लगाने का इरादा रखता है, बिल्कुल गलत है. ऐसे दावे निराधार हैं और केवल जनता को गुमराह करने का काम करते हैं.' यह स्पष्टीकरण कुछ मीडिया संगठनों द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया था कि ट्राई कई सिम कार्ड का उपयोग करने के लिए एक नया नियम प्रस्तावित कर सकता है.
ट्राई ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसके कारण दूरसंचार उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त पैसे देने पड़ सकते हैं. यह दावा किया गया था कि ट्राई एक से अधिक फोन या लैंडलाइन नंबरों के इस्तेमाल के लिए अलग से शुल्क लगाना चाहता है. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नियामक पहले दूरसंचार ऑपरेटरों पर और फिर उपयोगकर्ताओं पर शुल्क लगाएगा.
ट्राई ने 14 जून को जारी अधिसूचना में कहा कि 'हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ मीडिया हाउस (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया) ने रिपोर्ट दी है कि ट्राई ने इन 'सीमित संसाधनों' के कुशल आवंटन और उपयोग को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों के लिए शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है.'
ट्राई ने आगे कहा कि 'यह अटकलें कि ट्राई कई सिम/नंबरिंग संसाधन रखने के लिए ग्राहकों पर शुल्क लगाने का इरादा रखता है, बिल्कुल गलत है. ऐसे दावे निराधार हैं और केवल जनता को गुमराह करने का काम करते हैं.'
प्राधिकरण ने 6 जून 2024 को 'राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में संशोधन' पर परामर्श पत्र जारी किया और 4 जुलाई 2024 तक हितधारकों से टिप्पणियां मांगी हैं. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 की धारा 3 के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक नियामक निकाय है. यह भारत में दूरसंचार क्षेत्र का नियामक है.