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93 साल की उम्र में भी ऐसी ताकत, 70 सालों से कर रहे योग और लोगों को भी सिखा रहे - world yoga day 2024

जाने माने योगाचार्य विष्णु आर्य 93 साल की अवस्था में लोगों को योग सिखा रहे हैं. इस उम्र में भी उनकी ताकत देख लोग अचंभित रह जाते हैं. सागर में योग निकेतन की स्थापना के बाद वे यहां भी लगातार योग की ट्रेनिंग दे रहे हैं. योग के जरिए कई आसाध्य रोगों का वे इलाज भी करते हैं. उनके इस महत्वपूर्ण काम के लिए हाल ही में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है.

YOGACHARYA VISHNU ARYA IN SAGAR
योगाचार्य विष्णु आर्य 93 साल की उम्र में भी सिखा रहे हैं योग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 9:28 AM IST

Updated : Jun 19, 2024, 9:58 AM IST

सागर। भारतीय संस्कृति में योग का कितना महत्व है और योग का लोगों के जीवन पर कितना प्रभाव पड़ता है यह पिछले 7 दशकों से जाने माने योगाचार्य विष्णु आर्य लोगों को सिखा और बता रहे हैं. विष्णु आर्य 93 साल की उम्र में पिछले 70 सालों से लगातार योग साधना में जुटे हैं. देश और दुनिया के कई शहरों में लोगों को योग का प्रशिक्षण दे चुके योगाचार्य विष्णु आर्य आज भी लगातार सक्रिय हैं और सैंकड़ों लोग उनसे योग सीख रहे हैं. योग साधना सिखाने के अलावा योगाचार्य कई मुश्किल रोगों का इलाज भी योग के जरिए करते हैं. अपनी 70 साल की योग साधना के लिए कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं.

93 साल की उम्र में भी योग सिखा रहे हैं योगाचार्य विष्णु आर्य (ETV Bharat)

कैसे शुरू की योग साधना?

योगाचार्य विष्णु आर्य बताते हैं, '' मुझे बचपन से ही योग, व्यायाम और अखाड़े में जाने का शौक था. साल 1954 में आर्य समाज के संत सागर आए थे. संतों द्वारा कराए गए योगाभ्यास से मेरे शरीर में विशेष क्षमताएं बढ़ी. योग के कारण हम कई तरह के करतब दिखाने लगे. जैसे सीने पर पत्थर रखकर फोड़ना, लोहे की सरिया को मोड़ देना. 1968 में स्वामी सत्यानंद सरस्वती जो कि स्वामी शिवानंद के शिष्य थे, उनसे रायगढ़ में विश्व योग सम्मेलन में मुलाकात हुई और उनसे मैंने योग की दीक्षा ली. उन्होंने आसन, प्राणायाम के साथ क्रिया कुंडली योग और योग की महत्वपूर्ण शक्तिपाद विधा सिखाई. इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गुरु जी के साथ पूरे भारत का भ्रमण किया और लोगों को योग सिखाने का काम किया.''

Yogacharya Vishnu Arya in Sagar
योग से ही कई असाध्य बीमारियों का कर चुके हैं इलाज (ETV Bharat)

1968 में स्थापित किया योग निकेतन

योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया, '' मैंने 1968 में सागर में योग निकेतन की स्थापना की और तब से यहां योग साधना लगातार चल रही है. हम यहां पर योग के जरिए ही असाध्य रोग जैसे- डायबिटीज, अस्थमा, सर्वाइकल और सायटिका को भी ठीक करते हैं. मानसिक तनाव के कारण शरीर में कई बीमारियां जन्म लेती हैं. ऐसे रोगों को हम योग के जरिए ठीक करते हैं. यहां पर कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र और बहुत दूर-दूर से लोग योग के जरिए अपनी बीमारी ठीक कराने के लिए आते हैं. भगवान और गुरु की कृपा से हम उनका इलाज भी करते हैं.''

Yoga Niketan in Sagar mp
योग निकेतन की स्थापना के बाद से लगातार योग की ट्रेनिंग दे रहे हैं (ETV Bharat)

योग केवल आसन या प्राणायाम नहीं

योगाचार्य विष्णु आर्य का कहना है, '' योग सिर्फ आसन या प्राणायाम नहीं है. योग जीवन जीने की कला और विज्ञान है. आज युवा पीढ़ी नशा के कारण बिगड़ रही है. मानसिक तनाव के कारण हार्ट अटैक जैसे रोग तेजी से सामने आ रहे हैं. दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और लोग अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं. योग में ऐसे कई आसान हैं जिनके जरिए मानसिक तनाव समाप्त करके कई रोगों को समाप्त किया जा सकता है और कई बुरी आदतों से बचा जा सकता है'.

world yoga day 2024
93 साल की उम्र में भी सिखा रहे हैं योग (ETV Bharat)

लाइफटाइम अचीवमेंट से हो चुके हैं सम्मानित

योगाचार्य विष्णु आर्य पूरे देश में योग का प्रशिक्षण देने के लिए घूमते हैं. तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर के अलावा कई शैक्षणिक संस्थाओं और सेना के लिए भी योग की ट्रेनिंग दे चुके हैं. राजधानी दिल्ली में भी योग के कई कार्यक्रमों में लोगों को योग सिखा चुके हैं. हाल ही में योगाचार्य विष्णु आर्य को 70 सालों से लगातार योग साधना में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एक संस्था द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है.

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बार बार मीठा खाने का जुनून और शुगर का खतरा, योग का ये आसन करें और स्वीट क्रेविंग को जड़ से भगाएं

योगाचार्य विष्णु आर्य का मानना है कि देश और दुनिया में योग का बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शानदार पहल की है. भारत की वैदिक संस्कृति जो धीरे-धीरे कमजोर हो रही थी इस संस्कृति के एक हिस्से में योग के प्रति उन्होंने दुनिया भर को सजग किया और इसके प्रति लगाव पैदा किया. 21 जून को विश्व योग दिवस पर दुनिया भर के लोग योग का अभ्यास कर अपने जीवन को सफल बनाएंगे.

सागर। भारतीय संस्कृति में योग का कितना महत्व है और योग का लोगों के जीवन पर कितना प्रभाव पड़ता है यह पिछले 7 दशकों से जाने माने योगाचार्य विष्णु आर्य लोगों को सिखा और बता रहे हैं. विष्णु आर्य 93 साल की उम्र में पिछले 70 सालों से लगातार योग साधना में जुटे हैं. देश और दुनिया के कई शहरों में लोगों को योग का प्रशिक्षण दे चुके योगाचार्य विष्णु आर्य आज भी लगातार सक्रिय हैं और सैंकड़ों लोग उनसे योग सीख रहे हैं. योग साधना सिखाने के अलावा योगाचार्य कई मुश्किल रोगों का इलाज भी योग के जरिए करते हैं. अपनी 70 साल की योग साधना के लिए कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं.

93 साल की उम्र में भी योग सिखा रहे हैं योगाचार्य विष्णु आर्य (ETV Bharat)

कैसे शुरू की योग साधना?

योगाचार्य विष्णु आर्य बताते हैं, '' मुझे बचपन से ही योग, व्यायाम और अखाड़े में जाने का शौक था. साल 1954 में आर्य समाज के संत सागर आए थे. संतों द्वारा कराए गए योगाभ्यास से मेरे शरीर में विशेष क्षमताएं बढ़ी. योग के कारण हम कई तरह के करतब दिखाने लगे. जैसे सीने पर पत्थर रखकर फोड़ना, लोहे की सरिया को मोड़ देना. 1968 में स्वामी सत्यानंद सरस्वती जो कि स्वामी शिवानंद के शिष्य थे, उनसे रायगढ़ में विश्व योग सम्मेलन में मुलाकात हुई और उनसे मैंने योग की दीक्षा ली. उन्होंने आसन, प्राणायाम के साथ क्रिया कुंडली योग और योग की महत्वपूर्ण शक्तिपाद विधा सिखाई. इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गुरु जी के साथ पूरे भारत का भ्रमण किया और लोगों को योग सिखाने का काम किया.''

Yogacharya Vishnu Arya in Sagar
योग से ही कई असाध्य बीमारियों का कर चुके हैं इलाज (ETV Bharat)

1968 में स्थापित किया योग निकेतन

योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया, '' मैंने 1968 में सागर में योग निकेतन की स्थापना की और तब से यहां योग साधना लगातार चल रही है. हम यहां पर योग के जरिए ही असाध्य रोग जैसे- डायबिटीज, अस्थमा, सर्वाइकल और सायटिका को भी ठीक करते हैं. मानसिक तनाव के कारण शरीर में कई बीमारियां जन्म लेती हैं. ऐसे रोगों को हम योग के जरिए ठीक करते हैं. यहां पर कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र और बहुत दूर-दूर से लोग योग के जरिए अपनी बीमारी ठीक कराने के लिए आते हैं. भगवान और गुरु की कृपा से हम उनका इलाज भी करते हैं.''

Yoga Niketan in Sagar mp
योग निकेतन की स्थापना के बाद से लगातार योग की ट्रेनिंग दे रहे हैं (ETV Bharat)

योग केवल आसन या प्राणायाम नहीं

योगाचार्य विष्णु आर्य का कहना है, '' योग सिर्फ आसन या प्राणायाम नहीं है. योग जीवन जीने की कला और विज्ञान है. आज युवा पीढ़ी नशा के कारण बिगड़ रही है. मानसिक तनाव के कारण हार्ट अटैक जैसे रोग तेजी से सामने आ रहे हैं. दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और लोग अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं. योग में ऐसे कई आसान हैं जिनके जरिए मानसिक तनाव समाप्त करके कई रोगों को समाप्त किया जा सकता है और कई बुरी आदतों से बचा जा सकता है'.

world yoga day 2024
93 साल की उम्र में भी सिखा रहे हैं योग (ETV Bharat)

लाइफटाइम अचीवमेंट से हो चुके हैं सम्मानित

योगाचार्य विष्णु आर्य पूरे देश में योग का प्रशिक्षण देने के लिए घूमते हैं. तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर के अलावा कई शैक्षणिक संस्थाओं और सेना के लिए भी योग की ट्रेनिंग दे चुके हैं. राजधानी दिल्ली में भी योग के कई कार्यक्रमों में लोगों को योग सिखा चुके हैं. हाल ही में योगाचार्य विष्णु आर्य को 70 सालों से लगातार योग साधना में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एक संस्था द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है.

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योगाचार्य विष्णु आर्य का मानना है कि देश और दुनिया में योग का बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शानदार पहल की है. भारत की वैदिक संस्कृति जो धीरे-धीरे कमजोर हो रही थी इस संस्कृति के एक हिस्से में योग के प्रति उन्होंने दुनिया भर को सजग किया और इसके प्रति लगाव पैदा किया. 21 जून को विश्व योग दिवस पर दुनिया भर के लोग योग का अभ्यास कर अपने जीवन को सफल बनाएंगे.

Last Updated : Jun 19, 2024, 9:58 AM IST
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