जयपुर. बीते दो दिनों से जयपुर के रविंद्र रंगमंच पर रंग उत्सव में मुख्य आकर्षण का केंद्र अल्फी कुरान बनी हुई है. यह अल्फी कुरान 32 पेज की है. इसे तैयार करने वाले मोहम्मद शेर खान की ओर से यह दावा किया गया है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी हस्तलिखित कुरान है. यह कुरान राजस्थान मौलाना अब्दुल कलाम आजाद अरेबिक पर्शियन रिसर्च इंस्टीट्यूट टोंक की ओर से प्रदर्शित की गई है. 32 पेज की इस कुरान के सभी पन्नों में 41 पंक्तियां हैं, जिनको नस्ख शैली में लिखा गया है.
2 साल में तैयार हुई थी कुरान : अल्फी कुरान को साल 2014 में तैयार किया गया था. 12 लोगों की मेहनत से दो साल में इसे तैयार किया गया था. यह कुरान हैंडमेड पेपर पर बनाई गई है, जिसके हर वर्ग में अलग डिजाइन है. इस कागज की खास बात यह है कि इसे जयपुर के सांगानेर में तैयार किया गया है और करीब 400 साल तक यह कागज नहीं बिगड़ेगा. अगर इसे ठीक से डिस्प्ले में रखा जाए तो 1000 साल तक इसमें कोई समस्या नहीं आएगी.
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साथ ही बताया गया कि कागज पर इस्तेमाल की गई स्याही को विशेष रूप से जर्मनी से मंगवाया गया था. इसे बनाने के लिए 18 सेट जोड़कर एक-एक पन्ना बनाया गया है. इस तरह से 32 पन्नों के दोनों और करीब 64 पृष्ठों पर इसे लिखा गया है. पवित्र कुरान के मुख्य कवर को फूलों के डिजाइन के साथ सजाया गया है, जिसके कोनों पर चांदी का काम है, जहां चांदी के तारों से कुरान-ए-करीम लिखा गया है. इसके हर पन्ने पर फूलों की नक्काशी इस कुरान को खास बनती है. साथ ही खास बात यह है कि इस कुरान के हर पन्ने को खोलने के लिए चार लोगों की जरूरत होती है.