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जानें क्या है इडली दिवस मनाने की असली वजह - World IDLI Day

World IDLI Day 2024 : इडली को ज्यादातर लोग दक्षिण भारत का व्यंजन मानते हैं. वहीं इस स्वादिष्ट व्यंजन की उत्पत्ति को लेकर पाक कला के इतिहासकारों में एकरूपता नहीं है. इसके बावजूद यह अवसर विश्व इडली दिवस मनाने का और इसके अलग-अलग रूपों का आनंद लेने का है. पढ़ें पूरी खबर..

World IDLI Day
विश्व इडली दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 29, 2024, 1:19 PM IST

हैदराबाद : भारत के अलग-अलग हिस्से में सुबह का नाश्ता अलग-अलग है. कहीं पोहा तो आलू पराठा तो कहीं चना के छोले के साथ भुजा हुआ चुड़ा लोगों की पसंद है. दूसरी ओर दक्षिण भारत में नाश्ते में इडली, डोसा, बोंडा, मेदु वड़ा, मिर्ची वड़ा, बैंगनी को पसंद करते हैं. इनमें ज्यादातर लोगों की पहली पसंद इडली या डोसा होता है. 3 मार्च को जहां विश्व डोसा दिवस मनाया जाता है, वहीं 30 मार्च को विश्व इडली दिवस मनाया जाता है. दक्षिण भारत के इस पसंदीदा डिश और इसके बनाने वालों को सम्मान देने के लिए यह दिवस खास है.

2015 से 30 मार्च को विश्व इडली दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत एम. एनियावन द्वारा की गई थी. एनियावन, मुख्य रूप से चेन्नई का एक इडली कैटरर बताये जाते हैं. एनियावन को इडली किंग के रूप में जाना जाता है. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इडली दिवस आयोजन का श्रेय तमिलनाडु कैटरिंग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजमणि अय्यर को जाता है जिन्होंने इस लोकप्रिय स्वादिष्ट व्यंजन के लिए एक डेडिकेटेड दिवस की परिकल्पना के बारे में सोचा.

जहां तक भोजन की उत्पत्ति की बात है, हर पसंदीदा व्यंजन की तरह, हमारा परी सफेद इडली भी विवादों से दूर नहीं है. हालांकि यह एक लोकप्रिय दक्षिण-भारतीय भोजन है, कई इतिहासकारों का तर्क है कि इसकी उत्पत्ति संभवतः गुजरात में हुई थी. दिलचस्प बात यह है कि पाक (खाद्य ) इतिहासकार केटी आचार्य का दावा है कि स्वस्थ उबली हुई नमकीन की उत्पत्ति इंडोनेशिया में हुई थी.

जहां तक फेयरी व्हाइट इडली की उत्पत्ति का सवाल है, इस बार में प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. ज्यादातर भोज्य पदार्थों की तरह इसकी उत्पत्ति स्थल पर भी विवाद है. इन सबों से इतर यह दक्षिण भारत के लोगों का लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है. व्यंजनों के जानकार व कई पाक इतिहासकारों का मानना है कि इसकी उत्पत्ति संभवतः गुजरात में हुई थी. वहीं जाने-माने पाक इतिहासकार के.टी अचाय्या का मानना है कि इसकी उत्पत्ति इंडोनेशिया में हुई थी.

आज के समय में के दिवाने सिर्फ दक्षिण भारत में ही नहीं हैं. यह देश के कोने-कोने तक पहुंच चुका है. भारत में बेंगलुरु, मुंबई चेन्नई और हैदराबाद में इडली की मांग ज्यादा है. इसके अलावा विदेशों में सैन फ्रांसिस्को, लंदन न्यू जर्सी जैसे शहरों में इडली की मांग काफी है. इसका खुलासा कई फूड डिलीवरी एप्प के बीते कुछ सालों के डेटा से हुआ है.

इडली के प्रकार

  1. उडुपी-स्टाइल इडली
  2. मल्लिगे इडली
  3. कांचीपुरम इडली
  4. मूड इडली
  5. रामासेरी इडली
  6. थट्टे इडली
  7. तौशे/ककड़ी इडली
  8. स्पॉट इडली/तवा इडली
  9. ओट्स, क्विनोआ, रागी इडली

इडली के स्वास्थ्य लाभ

  1. फाइबर से भरपूर: इडली आहार के लिए बेहतर भोजन है, इडली में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर होता है जबकि सांभर में बहुत सारी सब्जियां होती हैं, यह भोजन पूरी तरह से स्वस्थ और स्वादिष्ट होता है और लंबे समय तक पेट भरा रहता है.
  2. वजन घटाने में सहायक: इडली में तेल नहीं होता है और क्योंकि इसे इतनी मात्रा में भाप में पकाया जाता है. यह स्वादिष्ट भोजन है और पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. इसमें विभिन्न स्वास्थ्य लाभदायक तत्व होते हैं और यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसलिए देश-विदेश में इसे नाश्ते के विकल्पों में भी शामिल किया जाता है. इडली वजन घटाने में सहायक होता है.
  3. आसानी से पचने योग्य: चावल की इडली और सांभर पचाने में आसान और चयापचय में आसान है. किण्वित भोजन जो बेहतर खनिज और विटामिन शरीर में टूटता है, पाचन प्रक्रिया में सहायता करता है.
  4. ग्लूटेन-मुक्त और लैक्टोज-मुक्त: इडली एक प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-मुक्त और लैक्टोज-मुक्त भोजन है. इसमें मौजूद ग्लूटेन सीलिएक रोग या लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose Intolerance) वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है.
  5. बहुमुखी और अनुकूलन योग्य: इडली को जई, रवा, रागी, मूंग दाल आदि के साथ बनाया जा सकता है और विभिन्न प्रकार की संगत, जैसे सांभर, चटनी, या स्वस्थ करी के साथ खाया जा सकता है. इडली की यह बहुमुखी प्रतिभा हर स्वाद संयोजन को अवशोषित करती है और भोजन के समग्र पोषण मूल्य को बढ़ाती है.
  6. ब्लड ऑक्सीकरण को बढ़ाता है: इडली में आयरन होता है जो ऑक्सीजन को बंधने से रोकता है और इसमें संतृप्त वसा नहीं होती है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है. इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है.
  7. मोटापा कम करता है: इडली में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है. इसलिए, यह आपको लंबे समय तक शरीर को उर्जावान रखता है और आपके पाचन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है. इस प्रकार, मोटापा और मधुमेह जैसी अन्य संबंधित स्थितियों की संभावना कम हो जाती है.
  8. आंत के स्वास्थ्य में सुधार: अध्ययनों से पता चला है कि इडली जैसे किण्वित भोजन का सेवन आपके आहार में आवश्यक प्रोबायोटिक्स जोड़ता है जो आपके पेट को हेल्दी रखने के लिए बेहतर भोजन है.
  9. प्रोटीन से भरपूर: इडली से आवश्यक अमीनो एसिड प्राप्त होते हैं और यह प्रथम श्रेणी प्रोटीन के बराबर हो जाता है.

इडली से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य

  1. यह भाप में पका हुआ होता है.
  2. इसमें कई पोषण तत्व मौजूद है.
  3. इसे बिना दांत वाले लोग आसानी से खा सकते हैं.
  4. सुबह के समय इडली देश के कई हिस्सों में सबसे पसंदीदा भोजन है.
  5. सुपाच्य और हेल्दी होने के कारण डॉक्टर भी इडली खाने का सलाह देते हैं.
  6. शहरों में बर्गर-पिज्जा जैसे फास्ट फूड के विकल्प के बाद भी इडली की लोकप्रियता आज भी बरकरार है.
ये भी पढ़ें - विश्व डोसा दिवस : भारत के सबसे पसंदीदा नाश्ते में शामिल डोसा

हैदराबाद : भारत के अलग-अलग हिस्से में सुबह का नाश्ता अलग-अलग है. कहीं पोहा तो आलू पराठा तो कहीं चना के छोले के साथ भुजा हुआ चुड़ा लोगों की पसंद है. दूसरी ओर दक्षिण भारत में नाश्ते में इडली, डोसा, बोंडा, मेदु वड़ा, मिर्ची वड़ा, बैंगनी को पसंद करते हैं. इनमें ज्यादातर लोगों की पहली पसंद इडली या डोसा होता है. 3 मार्च को जहां विश्व डोसा दिवस मनाया जाता है, वहीं 30 मार्च को विश्व इडली दिवस मनाया जाता है. दक्षिण भारत के इस पसंदीदा डिश और इसके बनाने वालों को सम्मान देने के लिए यह दिवस खास है.

2015 से 30 मार्च को विश्व इडली दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत एम. एनियावन द्वारा की गई थी. एनियावन, मुख्य रूप से चेन्नई का एक इडली कैटरर बताये जाते हैं. एनियावन को इडली किंग के रूप में जाना जाता है. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इडली दिवस आयोजन का श्रेय तमिलनाडु कैटरिंग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजमणि अय्यर को जाता है जिन्होंने इस लोकप्रिय स्वादिष्ट व्यंजन के लिए एक डेडिकेटेड दिवस की परिकल्पना के बारे में सोचा.

जहां तक भोजन की उत्पत्ति की बात है, हर पसंदीदा व्यंजन की तरह, हमारा परी सफेद इडली भी विवादों से दूर नहीं है. हालांकि यह एक लोकप्रिय दक्षिण-भारतीय भोजन है, कई इतिहासकारों का तर्क है कि इसकी उत्पत्ति संभवतः गुजरात में हुई थी. दिलचस्प बात यह है कि पाक (खाद्य ) इतिहासकार केटी आचार्य का दावा है कि स्वस्थ उबली हुई नमकीन की उत्पत्ति इंडोनेशिया में हुई थी.

जहां तक फेयरी व्हाइट इडली की उत्पत्ति का सवाल है, इस बार में प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. ज्यादातर भोज्य पदार्थों की तरह इसकी उत्पत्ति स्थल पर भी विवाद है. इन सबों से इतर यह दक्षिण भारत के लोगों का लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है. व्यंजनों के जानकार व कई पाक इतिहासकारों का मानना है कि इसकी उत्पत्ति संभवतः गुजरात में हुई थी. वहीं जाने-माने पाक इतिहासकार के.टी अचाय्या का मानना है कि इसकी उत्पत्ति इंडोनेशिया में हुई थी.

आज के समय में के दिवाने सिर्फ दक्षिण भारत में ही नहीं हैं. यह देश के कोने-कोने तक पहुंच चुका है. भारत में बेंगलुरु, मुंबई चेन्नई और हैदराबाद में इडली की मांग ज्यादा है. इसके अलावा विदेशों में सैन फ्रांसिस्को, लंदन न्यू जर्सी जैसे शहरों में इडली की मांग काफी है. इसका खुलासा कई फूड डिलीवरी एप्प के बीते कुछ सालों के डेटा से हुआ है.

इडली के प्रकार

  1. उडुपी-स्टाइल इडली
  2. मल्लिगे इडली
  3. कांचीपुरम इडली
  4. मूड इडली
  5. रामासेरी इडली
  6. थट्टे इडली
  7. तौशे/ककड़ी इडली
  8. स्पॉट इडली/तवा इडली
  9. ओट्स, क्विनोआ, रागी इडली

इडली के स्वास्थ्य लाभ

  1. फाइबर से भरपूर: इडली आहार के लिए बेहतर भोजन है, इडली में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर होता है जबकि सांभर में बहुत सारी सब्जियां होती हैं, यह भोजन पूरी तरह से स्वस्थ और स्वादिष्ट होता है और लंबे समय तक पेट भरा रहता है.
  2. वजन घटाने में सहायक: इडली में तेल नहीं होता है और क्योंकि इसे इतनी मात्रा में भाप में पकाया जाता है. यह स्वादिष्ट भोजन है और पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. इसमें विभिन्न स्वास्थ्य लाभदायक तत्व होते हैं और यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसलिए देश-विदेश में इसे नाश्ते के विकल्पों में भी शामिल किया जाता है. इडली वजन घटाने में सहायक होता है.
  3. आसानी से पचने योग्य: चावल की इडली और सांभर पचाने में आसान और चयापचय में आसान है. किण्वित भोजन जो बेहतर खनिज और विटामिन शरीर में टूटता है, पाचन प्रक्रिया में सहायता करता है.
  4. ग्लूटेन-मुक्त और लैक्टोज-मुक्त: इडली एक प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-मुक्त और लैक्टोज-मुक्त भोजन है. इसमें मौजूद ग्लूटेन सीलिएक रोग या लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose Intolerance) वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है.
  5. बहुमुखी और अनुकूलन योग्य: इडली को जई, रवा, रागी, मूंग दाल आदि के साथ बनाया जा सकता है और विभिन्न प्रकार की संगत, जैसे सांभर, चटनी, या स्वस्थ करी के साथ खाया जा सकता है. इडली की यह बहुमुखी प्रतिभा हर स्वाद संयोजन को अवशोषित करती है और भोजन के समग्र पोषण मूल्य को बढ़ाती है.
  6. ब्लड ऑक्सीकरण को बढ़ाता है: इडली में आयरन होता है जो ऑक्सीजन को बंधने से रोकता है और इसमें संतृप्त वसा नहीं होती है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है. इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है.
  7. मोटापा कम करता है: इडली में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है. इसलिए, यह आपको लंबे समय तक शरीर को उर्जावान रखता है और आपके पाचन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है. इस प्रकार, मोटापा और मधुमेह जैसी अन्य संबंधित स्थितियों की संभावना कम हो जाती है.
  8. आंत के स्वास्थ्य में सुधार: अध्ययनों से पता चला है कि इडली जैसे किण्वित भोजन का सेवन आपके आहार में आवश्यक प्रोबायोटिक्स जोड़ता है जो आपके पेट को हेल्दी रखने के लिए बेहतर भोजन है.
  9. प्रोटीन से भरपूर: इडली से आवश्यक अमीनो एसिड प्राप्त होते हैं और यह प्रथम श्रेणी प्रोटीन के बराबर हो जाता है.

इडली से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य

  1. यह भाप में पका हुआ होता है.
  2. इसमें कई पोषण तत्व मौजूद है.
  3. इसे बिना दांत वाले लोग आसानी से खा सकते हैं.
  4. सुबह के समय इडली देश के कई हिस्सों में सबसे पसंदीदा भोजन है.
  5. सुपाच्य और हेल्दी होने के कारण डॉक्टर भी इडली खाने का सलाह देते हैं.
  6. शहरों में बर्गर-पिज्जा जैसे फास्ट फूड के विकल्प के बाद भी इडली की लोकप्रियता आज भी बरकरार है.
ये भी पढ़ें - विश्व डोसा दिवस : भारत के सबसे पसंदीदा नाश्ते में शामिल डोसा
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