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देहरादून में वर्ल्ड आयुर्वेद सम्मेलन, डेलिगेट्स को परोसी जाएंगी लजीज पहाड़ी डिशेज, उपचार के लिए 12 ओपीडी

डेलीगेट्स को परोसे जाएंगे पहाड़ी व्यंजन, उत्तराखंडी लोक संगीत कार्यक्रम, वर्ल्ड आयुर्वेद एक्सपो में लगाई गई 12 ओपीडी

AYUSH CONFERENCE IN DEHRADUN
देहरादून में वर्ल्ड आयुर्वेद सम्मेलन (फोटो क्रेडिट @pushkardhami)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो 2024 का शुभारंभ हो गया है.सम्मेलन में भाग लेने के लिए 50 देशों के डेलीगेट्स देहरादून पहुंचे हैं. उत्तराखंड पहुंचे इन डेलीगेट्स के लिए खाने पीने के खास इंतजामात किये गये हैं. विश्व आयुर्वेद सम्मेलन में पहुंचने वाले डेलिगेट्स को पहाड़ी व्यंजन परोसे जाएंगे.

डेलीगेट्स को परोसे जाएंगे पहाड़ी व्यंजन: डेलिगेट्स को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, घी , राई की सब्जी, गहत की दाल, तुअर की दाल, लाल साठी भात, झंगोरे की खीर, टिमरू की चटनी को शामिल किया जाएगा. सम्मेलन के दूसरे दिन 13 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, पालक की काफली, उड़द की दाल, लाल साठी भात, बाल मिठाई, रोटने, भंगेरे/भंगजीरे की चटनी परोसी जाएगी.

सम्मेलन में तीसरे दिन 14 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, आलू की थिच्वाणी, भट्ट की चुटकाणी, झंगोरे का भात, सिंगोरी मिठाई, केले के गुलगुले, सफेद भुने भट्ट और तिल की चटनी परोसी जाएगी. इसी के साथ सम्मेलन के चौथे दिन 15 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, तिल कुचाई, भट्ट की चुटकाणी, चंबा का राजमा, लाल साठी भात, घुगती, अस्के, पीली राय की चटनी परोसी जाएगी.

उत्तराखंडी लोक संगीत कार्यक्रम: विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो- 2024 के शुभारंभ के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई. इसी क्रम में 12 दिसंबर की शाम नव हिमालय लोक कला समिति- कुमाऊंनी लोक नृत्य, ब्रहम कमल सांस्कृतिक समिति- गढ़वाली लोक नृत्य, जौनसार बावर सांस्कृतिक गांव का रिवाज संस्था- जौनसारी लोक नृत्य और पदमश्री प्रीतम भरतवाण- जागर की प्रस्तुति देंगे. इसके साथ ही 14 दिसंबर की शाम को संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति- कुमाऊंनी लोक नृत्य, संगम सांस्कृतिक समिति- गढ़वाली लोकनृत्य, स्पर्श जनजाति सामाजिक एवं सांस्कृतिक संध्या- जौनसारी लोक नृत्य और संगीता ढौंडियाल- लोक गायन की प्रस्तुति देंगी।.

ज्ञान के साथ मिलेगा बेहतरीन उपचार: वर्ल्ड आयुर्वेद एक्सपो-2024 में आयुर्वेद का परंपरागत ज्ञान दिया जाएगा. इसके साथ ही उपचार की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए वर्ल्ड आयुर्वेद एक्सपो में 12 ओपीडी लगाई गई हैं. जिनमें दो-दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है. यहां 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक निःशुल्क शिविर लगाया गया है.

ये होंगी ओपीडी, जहां मिलेगा परामर्श और उपचार

  • मर्म चिकित्सा (अस्थि संधि एव मर्म आघात चिकित्सा हेतु)
  • नाड़ी परीक्षा
  • क्षार सूत्र, अग्नि कर्म एवं रक्तमोक्षण
  • नेत्र, शिरो, नासा एवं कर्ण रोग चिकित्सा
  • पंचकर्म चिकित्सा
  • स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सा
  • बाल रोग चिकित्सा
  • वृद्धजन्य रोग एवं मानस रोग चिकित्सा
  • स्वस्थवृत्त एवं अष्टांग योग चिकित्सा
  • किचन फार्मेसी एवं अरोमा थैरेपी
  • प्राकृतिक चिकित्सा
  • होम्योपैथी चिकित्सा

पढ़ें-उत्तराखंड में 4 दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का शुभारंभ, 50 देशों के डेलीगेट्स पहुंचे

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो 2024 का शुभारंभ हो गया है.सम्मेलन में भाग लेने के लिए 50 देशों के डेलीगेट्स देहरादून पहुंचे हैं. उत्तराखंड पहुंचे इन डेलीगेट्स के लिए खाने पीने के खास इंतजामात किये गये हैं. विश्व आयुर्वेद सम्मेलन में पहुंचने वाले डेलिगेट्स को पहाड़ी व्यंजन परोसे जाएंगे.

डेलीगेट्स को परोसे जाएंगे पहाड़ी व्यंजन: डेलिगेट्स को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, घी , राई की सब्जी, गहत की दाल, तुअर की दाल, लाल साठी भात, झंगोरे की खीर, टिमरू की चटनी को शामिल किया जाएगा. सम्मेलन के दूसरे दिन 13 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, पालक की काफली, उड़द की दाल, लाल साठी भात, बाल मिठाई, रोटने, भंगेरे/भंगजीरे की चटनी परोसी जाएगी.

सम्मेलन में तीसरे दिन 14 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, आलू की थिच्वाणी, भट्ट की चुटकाणी, झंगोरे का भात, सिंगोरी मिठाई, केले के गुलगुले, सफेद भुने भट्ट और तिल की चटनी परोसी जाएगी. इसी के साथ सम्मेलन के चौथे दिन 15 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, तिल कुचाई, भट्ट की चुटकाणी, चंबा का राजमा, लाल साठी भात, घुगती, अस्के, पीली राय की चटनी परोसी जाएगी.

उत्तराखंडी लोक संगीत कार्यक्रम: विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो- 2024 के शुभारंभ के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई. इसी क्रम में 12 दिसंबर की शाम नव हिमालय लोक कला समिति- कुमाऊंनी लोक नृत्य, ब्रहम कमल सांस्कृतिक समिति- गढ़वाली लोक नृत्य, जौनसार बावर सांस्कृतिक गांव का रिवाज संस्था- जौनसारी लोक नृत्य और पदमश्री प्रीतम भरतवाण- जागर की प्रस्तुति देंगे. इसके साथ ही 14 दिसंबर की शाम को संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति- कुमाऊंनी लोक नृत्य, संगम सांस्कृतिक समिति- गढ़वाली लोकनृत्य, स्पर्श जनजाति सामाजिक एवं सांस्कृतिक संध्या- जौनसारी लोक नृत्य और संगीता ढौंडियाल- लोक गायन की प्रस्तुति देंगी।.

ज्ञान के साथ मिलेगा बेहतरीन उपचार: वर्ल्ड आयुर्वेद एक्सपो-2024 में आयुर्वेद का परंपरागत ज्ञान दिया जाएगा. इसके साथ ही उपचार की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए वर्ल्ड आयुर्वेद एक्सपो में 12 ओपीडी लगाई गई हैं. जिनमें दो-दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है. यहां 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक निःशुल्क शिविर लगाया गया है.

ये होंगी ओपीडी, जहां मिलेगा परामर्श और उपचार

  • मर्म चिकित्सा (अस्थि संधि एव मर्म आघात चिकित्सा हेतु)
  • नाड़ी परीक्षा
  • क्षार सूत्र, अग्नि कर्म एवं रक्तमोक्षण
  • नेत्र, शिरो, नासा एवं कर्ण रोग चिकित्सा
  • पंचकर्म चिकित्सा
  • स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सा
  • बाल रोग चिकित्सा
  • वृद्धजन्य रोग एवं मानस रोग चिकित्सा
  • स्वस्थवृत्त एवं अष्टांग योग चिकित्सा
  • किचन फार्मेसी एवं अरोमा थैरेपी
  • प्राकृतिक चिकित्सा
  • होम्योपैथी चिकित्सा

पढ़ें-उत्तराखंड में 4 दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का शुभारंभ, 50 देशों के डेलीगेट्स पहुंचे

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