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पाकिस्तान से आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने के लिए तंत्र तैयार करें: संसदीय पैनल - terrorist networks from Pakistan

Parliamentary panel : संसदीय पैनल ने पाकिस्तान से आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक तंत्र बनाने का सरकार को सुझाव दिया है. पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Parliamentary panel
संसदीय पैनल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 7, 2024, 9:55 PM IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान से आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक तंत्र बनाने का संसदीय पैनल ने सरकार को सुझाव दिया है. बता दें कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई के द्वारा सुरक्षित पनाहगाह, सामग्री सहायता, वित्त और अन्य रसद प्रदान की जाती है. विदेश मामलों की संसदीय समिति ने मंगलवार को लोकसभा में पेश 28वीं रिपोर्ट में कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है.

बीजेपी सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट 'क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला' में कहा है कि देश में आतंकवादी हमलों को सभी आतंकवादी नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करके ही रोका जा सकता है. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि संसाधनों के प्रभावी बंटवारे, क्षमता वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के उपलब्ध विशेषज्ञों के लिए जल्द से जल्द एक कार्य योजना और तंत्र पर काम किया जा सकता है. साथ ही पड़ोसी देशों में आतंकवादी नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास जरूरी है.

संसदीय पैनल की रिपोर्ट ने कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है. पाक-आईएसआई के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) आदि जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और वह उन्हें सुरक्षित पनाहगाह, सामग्री सहायता प्रदान करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्त और अन्य साजो-सामान का इस्तेमाल किया जाएगा.

समिति ने कहा कि भारत में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा पाकिस्तान सरकार के साथ तब उठाया गया था जब दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए स्थिति अनुकूल थी. समिति ने स्वीकार किया कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान सरकार के साथ कोई उच्च स्तरीय बातचीत नहीं हुई है. हालांकि, सरकार सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी घुसपैठ को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के मुद्दे को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर लगातार उठाती है और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद के बारे में अपनी निरंतर चिंताओं से अपने आतंकवाद विरोधी साझेदार देशों को भी अवगत कराती है.

इसमें कहा गया है कि भारत सरकार को आतंकवादी घुसपैठ को रोकने के लिए अपनी भूमि सीमाओं और समुद्री मार्गों को मजबूत करते हुए हर मंच पर पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों और विभिन्न आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संबंधों को उजागर करने के लिए अपने राजनयिक प्रयास जारी रखने चाहिए.समिति यह भी चाहती है कि सरकार इस बात का नियमित मूल्यांकन करे कि क्या स्थिति पाकिस्तान सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल है और इसके लिए कदम उठाए.

ये भी पढ़ें - संसद का बजट सत्र एक दिन बढ़ाकर 10 फरवरी तक किया जाएगा

नई दिल्ली: पाकिस्तान से आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक तंत्र बनाने का संसदीय पैनल ने सरकार को सुझाव दिया है. बता दें कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई के द्वारा सुरक्षित पनाहगाह, सामग्री सहायता, वित्त और अन्य रसद प्रदान की जाती है. विदेश मामलों की संसदीय समिति ने मंगलवार को लोकसभा में पेश 28वीं रिपोर्ट में कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है.

बीजेपी सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट 'क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला' में कहा है कि देश में आतंकवादी हमलों को सभी आतंकवादी नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करके ही रोका जा सकता है. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि संसाधनों के प्रभावी बंटवारे, क्षमता वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के उपलब्ध विशेषज्ञों के लिए जल्द से जल्द एक कार्य योजना और तंत्र पर काम किया जा सकता है. साथ ही पड़ोसी देशों में आतंकवादी नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास जरूरी है.

संसदीय पैनल की रिपोर्ट ने कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है. पाक-आईएसआई के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) आदि जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और वह उन्हें सुरक्षित पनाहगाह, सामग्री सहायता प्रदान करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्त और अन्य साजो-सामान का इस्तेमाल किया जाएगा.

समिति ने कहा कि भारत में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा पाकिस्तान सरकार के साथ तब उठाया गया था जब दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए स्थिति अनुकूल थी. समिति ने स्वीकार किया कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान सरकार के साथ कोई उच्च स्तरीय बातचीत नहीं हुई है. हालांकि, सरकार सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी घुसपैठ को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के मुद्दे को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर लगातार उठाती है और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद के बारे में अपनी निरंतर चिंताओं से अपने आतंकवाद विरोधी साझेदार देशों को भी अवगत कराती है.

इसमें कहा गया है कि भारत सरकार को आतंकवादी घुसपैठ को रोकने के लिए अपनी भूमि सीमाओं और समुद्री मार्गों को मजबूत करते हुए हर मंच पर पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों और विभिन्न आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संबंधों को उजागर करने के लिए अपने राजनयिक प्रयास जारी रखने चाहिए.समिति यह भी चाहती है कि सरकार इस बात का नियमित मूल्यांकन करे कि क्या स्थिति पाकिस्तान सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल है और इसके लिए कदम उठाए.

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