ETV Bharat / bharat

10 साल में हुई शादी, 17 की उम्र में मिली आजादी, जानें कैसे कटी बाल विवाह की बेड़ियां - Freedom From Child Marriage

Freedom From Child Marriage, जोधपुर की सुगंधा (परिवर्तित नाम) के लिए अक्षय तृतीया का पर्व इस बार बेहद खास रहा. सुगंधा का महज 10 साल की उम्र में बाल विवाह करा दिया गया था, जिससे वो नाखुश थी. किसी तरह से वो इस बाल विवाह की बेड़ियों से मुक्त होना चाहती थी. ऐसे में उसने डॉ. कृति भारती से संपर्क किया. वहीं, अब डॉ. कृति की मदद से उसे बाल विवाह से मुक्ति मिल गई है.

Freedom From Child Marriage
जोधपुर की नाबालिग बच्ची को मिली बाल विवाह से मुक्ति (ETV BHARAT Jodhpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 9, 2024, 5:18 PM IST

कोर्ट ने सुनाया बाल विवाह निरस्त का फैसला (ETV BHARAT Jodhpur)

जोधपुर. अबूझ सावे के तौर पर बाल विवाह करवाए जाने की कुप्रथा से जुड़ा आखातीज यानी अक्षय तृतीया पर्व सुगंधा (परिवर्तित नाम) के लिए जीत की खुशियां लेकर आया. आखातीज के मौके पर सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती के संबल से सुगंधा का बाल विवाह निरस्त हो गया. जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या दो ने सुगंधा के महज 10 साल की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इसके लिए खुद डॉ. कृति ने पांच माह तक न्यायालय में पैरवी की थी. बता दें कि डॉ. कृति भारती अब तक कुल 51 बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं. वहीं, इस बार आखातीज पर बाल विवाह निरस्त करवाकर वो हैट्रिक लगाने में सफल रही है.

10 साल में हुई शादी और अब 17 की उम्र में मिली मुक्ति : जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र निवासी कमठा मजदूर की बेटी 17 वर्षीय सुगंधा का महज 10 साल की उम्र में बाल विवाह हो गया था. सुगंधा 7 साल तक बाल विवाह का दंश झेलती रही. उसे गौना करवाकर 16 साल की उम्र में ससुराल भी भेज दिया गया था, जहां उसके साथ गलत बर्ताव किया जा रहा था.

इसे भी पढ़ें - बाल विवाह कराने के लिए ई-मित्र संचालक का बड़ा कारनामा, नाबालिग को दस्तावेजों में बनाया बालिग - Child Marriage In Rajasthan

बाल विवाह से मुक्ति को कोर्ट में लगाई गुहार : इस बीच सुगंधा को वर्ल्ड टॉप 10 एक्टिविस्ट और बीबीसी 100 इंस्पिरेशनल वूमन की सूची में शुमार जोधपुर की सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में महिला पुलिस से जानकारी मिली. सुगंधा ने डॉ. कृति से मुलाकात कर उन्हें उसकी पीड़ा से अवगत कराया. इसके बाद डॉ. कृति ने करीब पांच माह पहले सुगंधा के बाल विवाह निरस्त का वाद जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 में दायर किया था.

कोर्ट ने सुनाया बाल विवाह निरस्त का फैसला : डॉ. कृति ने सुगंधा की ओर से पैरवी कर बाल विवाह और आयु संबंधी तथ्यों से कोर्ट को अवगत करवाया. इसके बाद पारिवारिक न्यायालय संख्या दो के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मोदी ने सुगंधा के महज 10 साल की उम्र में 7 साल पहले हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया. न्यायाधीश मोदी ने आखातीज पर समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह से बच्चे का भविष्य खराब होता है. बाल विवाह की रोकथाम पूरे समाज की जिम्मेदारी है.

इसे भी पढ़ें - Child Marriage In Rajasthan : डॉ. कृति ने निरस्त करवाया 50वां बाल विवाह, अब जोधपुर की कंचन हुई 'आजाद'

डॉ. कृति का दोहरा कीर्तिमान : देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद लगातार मुहिम चलाकर डॉ. कृति भारती ने अब तक 51 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाकर रिकॉर्ड कायम किया है. देश में 2100 से अधिक बाल विवाह रुकवाए गए हैं. वहीं, आखातीज पर बाल विवाह निरस्त करवाने की सुप्रथा चलाकर डॉ. कृति ने अनूठा रिकॉर्ड बनाया है. इस साल आखातीज पर बाल विवाह निरस्त करवाने के साथ ही वो दोहरी हैट्रिक लगाने में सफल रही हैं. इसमें वर्ष 2022-2023 और 2024 में लगातार आखातीज पर बाल विवाह निरस्त कराने की हैट्रिक बनी है.

इससे पहले 2015, 2016 व 2017 में भी आखातीज पर बाल विवाह निरस्त कराने का हैट्रिक रिकॉर्ड बना था. चाइल्ड एंड वूमेन राइट एक्टिविस्ट और एडवोकेट डॉ. कृति का नाम 9 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड्स बुक्स में दर्ज हो चुके हैं. वहीं, मारवाड़ और मेवाड़ रत्न सहित उन्हें कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है.

कोर्ट ने सुनाया बाल विवाह निरस्त का फैसला (ETV BHARAT Jodhpur)

जोधपुर. अबूझ सावे के तौर पर बाल विवाह करवाए जाने की कुप्रथा से जुड़ा आखातीज यानी अक्षय तृतीया पर्व सुगंधा (परिवर्तित नाम) के लिए जीत की खुशियां लेकर आया. आखातीज के मौके पर सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती के संबल से सुगंधा का बाल विवाह निरस्त हो गया. जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या दो ने सुगंधा के महज 10 साल की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इसके लिए खुद डॉ. कृति ने पांच माह तक न्यायालय में पैरवी की थी. बता दें कि डॉ. कृति भारती अब तक कुल 51 बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं. वहीं, इस बार आखातीज पर बाल विवाह निरस्त करवाकर वो हैट्रिक लगाने में सफल रही है.

10 साल में हुई शादी और अब 17 की उम्र में मिली मुक्ति : जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र निवासी कमठा मजदूर की बेटी 17 वर्षीय सुगंधा का महज 10 साल की उम्र में बाल विवाह हो गया था. सुगंधा 7 साल तक बाल विवाह का दंश झेलती रही. उसे गौना करवाकर 16 साल की उम्र में ससुराल भी भेज दिया गया था, जहां उसके साथ गलत बर्ताव किया जा रहा था.

इसे भी पढ़ें - बाल विवाह कराने के लिए ई-मित्र संचालक का बड़ा कारनामा, नाबालिग को दस्तावेजों में बनाया बालिग - Child Marriage In Rajasthan

बाल विवाह से मुक्ति को कोर्ट में लगाई गुहार : इस बीच सुगंधा को वर्ल्ड टॉप 10 एक्टिविस्ट और बीबीसी 100 इंस्पिरेशनल वूमन की सूची में शुमार जोधपुर की सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में महिला पुलिस से जानकारी मिली. सुगंधा ने डॉ. कृति से मुलाकात कर उन्हें उसकी पीड़ा से अवगत कराया. इसके बाद डॉ. कृति ने करीब पांच माह पहले सुगंधा के बाल विवाह निरस्त का वाद जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 में दायर किया था.

कोर्ट ने सुनाया बाल विवाह निरस्त का फैसला : डॉ. कृति ने सुगंधा की ओर से पैरवी कर बाल विवाह और आयु संबंधी तथ्यों से कोर्ट को अवगत करवाया. इसके बाद पारिवारिक न्यायालय संख्या दो के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मोदी ने सुगंधा के महज 10 साल की उम्र में 7 साल पहले हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया. न्यायाधीश मोदी ने आखातीज पर समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह से बच्चे का भविष्य खराब होता है. बाल विवाह की रोकथाम पूरे समाज की जिम्मेदारी है.

इसे भी पढ़ें - Child Marriage In Rajasthan : डॉ. कृति ने निरस्त करवाया 50वां बाल विवाह, अब जोधपुर की कंचन हुई 'आजाद'

डॉ. कृति का दोहरा कीर्तिमान : देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद लगातार मुहिम चलाकर डॉ. कृति भारती ने अब तक 51 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाकर रिकॉर्ड कायम किया है. देश में 2100 से अधिक बाल विवाह रुकवाए गए हैं. वहीं, आखातीज पर बाल विवाह निरस्त करवाने की सुप्रथा चलाकर डॉ. कृति ने अनूठा रिकॉर्ड बनाया है. इस साल आखातीज पर बाल विवाह निरस्त करवाने के साथ ही वो दोहरी हैट्रिक लगाने में सफल रही हैं. इसमें वर्ष 2022-2023 और 2024 में लगातार आखातीज पर बाल विवाह निरस्त कराने की हैट्रिक बनी है.

इससे पहले 2015, 2016 व 2017 में भी आखातीज पर बाल विवाह निरस्त कराने का हैट्रिक रिकॉर्ड बना था. चाइल्ड एंड वूमेन राइट एक्टिविस्ट और एडवोकेट डॉ. कृति का नाम 9 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड्स बुक्स में दर्ज हो चुके हैं. वहीं, मारवाड़ और मेवाड़ रत्न सहित उन्हें कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.