देहरादून: उत्तराखंड में इस बार नवंबर महीना शुरू होने के बावजूद भी सर्दी का एहसास लोगों को नहीं हो पाया है.अमूमन दीपावली के बाद लोग ठंड के चलते गर्म कपड़े निकाल लेते थे, लेकिन इस बार प्रदेश में ठंड की दस्तक देरी से होने जा रही है. इसकी वजह अक्टूबर महीने में बारिश का ना होना है. साथ ही नवंबर महीने में भी मौसम के ड्राई रहने की ही उम्मीदें हैं.
मौसम के ट्रेंड में बदलाव: नवंबर का पहला हफ्ता समाप्ति की ओर है और दूसरे हफ्ते की शुरुआत होने जा रही है. आमतौर पर अक्टूबर महीने के अंत तक प्रदेश में सर्दी की दस्तक हो जाती थी और खास तौर पर सुबह के साथ रात के वक्त भी लोगों की कंपकंपी छूटने लगती थी. लेकिन इस बार मौसम का ट्रेंड कुछ बदल सा गया है. नवंबर के दूसरे हफ्ते की तरफ बढ़ने के साथ तापमान में ठंड का एहसास अभी तक शून्य है.
पूरा महीना बिना बारिश का गुजरा: लोगों के गर्म कपड़े तो निकालना दूर अभी लोग दिन के समय हल्की गर्मी का एहसास कर रहे हैं. जाहिर है कि मौसम में बदलाव के हालात अब सीधे तौर पर दिखाई देने लगे हैं. हालांकि मौसम वैज्ञानिक इसके पीछे अक्टूबर महीने में बारिश का ना होना भी मान रहे हैं. उत्तराखंड में मानसून लौटने के साथ ही हालात कुछ सूखे जैसे हो गए हैं. प्रदेश में अक्टूबर का पूरा महीना बिना बारिश के ही गुजरा है. यानी मौसम विभाग अक्टूबर महीने में बारिश को लेकर जो सामान्य आकलन करता है उससे भी 90% से कम बारिश राज्य में हुई है.
आंकड़ों से समझिए राज्य में अक्टूबर महीने के दौरान बारिश की स्थिति
- मानसून सीजन के दौरान राज्य में इस बार सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई
- सितंबर महीने में भी सामान्य से 55% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई
- अक्टूबर महीना सामान्य बारिश से 91% कम बारिश वाला महीना रहा
- बागेश्वर जिले को छोड़कर बाकी किसी भी जिले में सामान्य बारिश भी रिकॉर्ड नहीं हुई
- देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में तो 100 प्रतिशत बारिश कम रही
- जबकि रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, नैनीताल चंपावत जिले में 90% से कम बारिश रिकॉर्ड हुई
- पिथौरागढ़ जिले में सामान्य से 78% बारिश कम रिकॉर्ड की गई
- महज बागेश्वर जिले में सामान्य से 7% बारिश अधिक हुई है
फिलहाल बारिश के नहीं बन रहे आसार: यह आंकड़े अक्टूबर महीने के हैं जबकि नवंबर महीने में भी स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है. इस महीने में पिछले चार दिनों के भीतर कहीं भी अब तक बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई है. हालांकि मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं कि राज्य के कुछ जिलों में छिटपुट बारिश की संभावना दिख रही हैं, लेकिन कहीं भी आने वाले एक हफ्ते के भीतर अच्छी बारिश होने के कोई संकेत नहीं हैं. इस तरह साफ है कि राज्य में फिलहाल बारिश को लेकर स्थिति जस की तस ही रहने वाली है.
उत्तराखंड में ठंड देरी से देगी लोगों को दस्तक: मौजूदा समय में तापमान भी सामान्य से अधिक चल रहे हैं और क्योंकि राज्य भर में बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में इसका असर तापमान पर भी दिखाई दे रहा है. मौसम विभाग की मानें तो अक्टूबर महीने में पर्वतीय जनपदों में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक तापमान अधिक रहा है. इसी तरह मैदानी जिलों में भी करीब दो डिग्री सेल्सियस तक तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहे हैं. यह स्थिति स्पष्ट करती है कि इस बार सर्दियों देरी से राज्य में एंटर करने वाली है. इसके पीछे की वजह यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंची चोटियां बर्फबारी से महरूम हैं और अक्टूबर महीना भी सूखा रहा है. इसलिए नवंबर महीने के दूसरे हफ्ते की तरफ बढ़ने के बावजूद फिलहाल लोगों को सर्दी का एहसास नहीं हो पा रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग का असर: ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी गर्म हो रही है और वैज्ञानिक इस बात के लिए आगाह भी करते रहे हैं. वातावरण में गर्मी और मौसम में आ रहे बदलाव के पीछे भी यही कारण है जो अब सीधे तौर पर महसूस किए जा रहे हैं. बड़ी बात यह है कि अक्टूबर 2024 पूरे भारत में सबसे गर्म महीने में से एक रिकॉर्ड किया गया है. यानी पिछले सालों में अक्टूबर का महीना कभी इतना गर्म नहीं रहा है. साल 1951 में अक्टूबर के महीने का रिकॉर्ड इस बार अक्टूबर 2024 ने तोड़ दिया है. उधर माना जा रहा है कि नवंबर के महीने भी पहले दो हफ्ते तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा. इस तरह अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर के तीसरे हफ्ते से धीरे-धीरे तापमान गिरने लगेंगे और मौसम में सर्द एहसास होने लगेगा.
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