रांची: लोकसभा चुनाव-2024 में राज्य की सभी 14 लोकसभा सीट पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू को मात देने की योजना में पलीता कोई बाहरी नहीं बल्कि उनके ही दल के नेता लगाने पर उतारू हैं. पहले से ही राजमहल लोकसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कर रखी है. तो इधर विशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने लोहरदगा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भी कर दिया है.
लोहरदगा लोकसभा सीट I.N.D.I.A ब्लॉक में कांग्रेस के खाते में गई है. पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को यहां से उम्मीदवार बनाया है. विशुनपुर और लोहरदगा में चमरा लिंडा की अच्छी खासी लोकप्रियता भी कुछ खास वर्गों में है. यही वजह है कि अब चमरा लिंडा की उम्मीदवारी को कांग्रेस गंभीर मामला बता कर सहयोगी दल, झामुमो से बागी नेताओं पर कठोर कार्रवाई की उम्मीद कर रही है. तो झामुमो ने साफ किया है कि लोहरदगा में चुनाव लड़ने का चमरा लिंडा का फैसला उनका व्यक्तिगत फैसला है.
झामुमो के नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह गठबंधन के उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए काम करेगा. राज्य में INDIA दलों के महागठबंधन के नेताओं की बगावत को भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने विपक्ष का आंतरिक मामला बताया है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां 'एवरी थिंग इज वेल' है जबकि उनके यानि महागठबंधन के यहां खंड-खंड गठबंधन हो चुका है. भाजपा नेता ने कहा कि अभी खूंटी और अन्य लोकसभा सीट पर कांग्रेस, राजद, झामुमो के नेताओं के बगावती तेवर देखने को मिलेगा, जबकि हमारे यहां एक भी बागी मैदान में नहीं होगा.
धनबाद, चतरा, गोड्डा में भीतरघात की भी बनी हुई है आशंका
राज्य के वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि INDIA दल के सामने इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ-साथ दो अन्य प्रतिद्वंद्वी से भी जूझना होगा. एक तरफ तो चमरा लिंडा, लोबिन हेम्ब्रम सहित कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने खुलकर उलगुलान कर दिया है. दूसरी जमात उन नेताओं की है जो उम्मीदवार के चयन से खुश नहीं हैं और वह पर्दे के पीछे रहकर कार्यकर्ताओं के माध्यम से घोषित प्रत्याशियों का विरोध करा रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि चुनाव वाले दिन ऐसे लोग भी अपने दल के उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ा सकते हैं. धनबाद, गोड्डा, चतरा जैसे जिलों में ये भीतरघाती ताकत ज्यादा प्रभावी हो सकती है. चतरा में तो राजद के नेता और कार्यकर्ता भीतरघात न कर दें, इसकी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
चमरा लिंडा का मैदान में उतरना गंभीर मामला, कठोर कार्रवाई करे झामुमो- कांग्रेस
कांग्रेस के झारखंड प्रदेश मीडिया प्रभारी और प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 कोई सामान्य चुनाव भर नहीं है. यह देश, लोकतंत्र और संविधान बचाने ने की लड़ाई है. ऐसे में जो भी इस लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करेगा, उस पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. राकेश सिन्हा ने कहा कि चमरा लिंडा का गठबंधन धर्म के खिलाफ जाकर लोहरदगा लोकसभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन बेहद गंभीर मामला है. इस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा नेतृत्व को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.
चमरा लिंडा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का फैसला शिबू सोरेन-हेमंत सोरेन को करना है- JMM
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि चमरा लिंडा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को लेना है. चमरा लिंडा के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने के फैसले को उनका व्यक्तिगत फैसला बताते हुए झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि उनके मैदान में उतरने के बावजूद जीत इंडिया उम्मीदवार की ही होगी, हालांकि उन्होंने माना कि बागी के रूप में मैदान में चमरा लिंडा के उतरने से INDIA उम्मीदवार के जीत का मार्जिन थोड़ा कम हो जाएगा.
14 लोकसभा सीट पर NDA की जीत सुनिश्चित,झारखंड में इंडिया महागठबंधन खंड खंड- भाजपा
झारखंड में लोकसभा चुनाव में नामांकन का दौर शुरू होते ही झामुमो के विधायक चमरा लिंडा के बागी होकर मैदान में उतरने, लोबिन हेम्ब्रम के राजमहल से चुनाव लड़ने की घोषणा, खूंटी से कोलेबिरा के पूर्व झामुमो विधायक बसंत लोंगा के चुनाव लड़ने की घोषणा और प्रणव वर्मा के कोडरमा से बागी होकर चुनाव लड़ने का अनुमान लगाते हुए भाजपा के नेता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि झारखंड में इंडिया महागठबंधन खंड खंड हो गया है. जबकि हम भाजपा और आजसू एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं. कहीं कोई बागी मैदान में नहीं है इसलिए सभी 14 लोकसभा सीट पर NDA की जीत तय है.
ये भी पढ़ें: