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विकिपीडिया पर भड़का हाईकोर्ट, कहा- अगर आपको भारत का कानून पसंद नहीं है तो यहां काम नहीं करना चाहिए - High Court notice to Wikipedia

High Court notice to Wikipedia: दिल्ली हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यह स्पष्ट करने को कहा है कि उसने बेंच के उस आदेश का पालन क्यों नहीं किया, जिसमें एक न्यूज एजेंसी के पेज में बदलाव करने वाले व्यक्तियों की जानकारी मांगी गई थी.

न्यूज एजेंसी के बारे में अपमानजनक सूचना का मामला.
न्यूज एजेंसी के बारे में अपमानजनक सूचना का मामला. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 5, 2024, 3:05 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक न्यूज एजेंसी को सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताने वाले विकिपीडिया के विवरण के मामले में विकिपीडिया को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कहा कि अगर आगे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो हम कड़ाई से निपटेंगे. कोर्ट ने 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथि नियत करते हुए विकिपीडिया के प्रतिनिधि को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया.

न्यूज एजेंसी ने आरोप लगाया था,"विकिपीडिया वेबसाइट पर उनके बारे में सूचना दी गई है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है". इस पर हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया था कि वो इस सूचना को लिखने वाले यूजर का खुलासा करें, लेकिन विकिपीडिया ने यूजर का खुलासा नहीं किया. गुरुवार को सुनवाई के दौरान पूर्व के आदेश का विकिपीडिया की ओर से पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट नाराज हो गया और कहा कि अगर आगे भी आदेश का पालन नहीं किया गया तो वो कड़े कदम उठाएगी.

कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी कीः सुनवाई के दौरान विकिपीडिया ने कहा कि उसका मुख्यालय भारत में नहीं है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आपका मुख्यालय भारत में नहीं, इसका कोई मतलब नहीं है. हम भारत में आपके व्यवसाय को बंद करने के लिए सरकार से आग्रह करने पर विचार करेंगे. अगर आप देश के कानून का पालन नहीं करेंगे तो आपको यहां काम नहीं करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- दिल्ली के चाणक्यपुरी में बारिश के पानी में बच्चे की डूबकर मौत मामले में एनडीएमसी को नोटिस जारी

न्यूज एजेंसी ने दर्ज कराया था मानहानि का केसः दरअसल, न्यूज एजेंसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि विकिपीडिया ने उसके बारे में अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करने की अनुमति दी है. विकिपीडिया में न्यूज एजेंसी का विवरण देते हुए लिखा गया है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है. इससे न्यूज एजेंसी की छवि खराब हो रही है. न्यूज एजेंसी की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने मांग की कि उसके संबंध में ऐसा विवरण पोस्ट करने वाले यूजर की पहचान का खुलासा किया जाए.

विकिपीडिया की ओर से वकील टाईन अब्राहम ने कहा है कि यूजर किसी भी सूचना को संपादित करता है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा होने के बावजूद विकिपीडिया अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है. हाईकोर्ट ने साफ किया कि विकिपीडिया को देश के कानून का पालन करना होगा."

यह भी पढ़ें- सांसद संदीप पाठक की अरविंद केजरीवाल से जेल में मुलाकात की मांग खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक न्यूज एजेंसी को सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताने वाले विकिपीडिया के विवरण के मामले में विकिपीडिया को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कहा कि अगर आगे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो हम कड़ाई से निपटेंगे. कोर्ट ने 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथि नियत करते हुए विकिपीडिया के प्रतिनिधि को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया.

न्यूज एजेंसी ने आरोप लगाया था,"विकिपीडिया वेबसाइट पर उनके बारे में सूचना दी गई है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है". इस पर हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया था कि वो इस सूचना को लिखने वाले यूजर का खुलासा करें, लेकिन विकिपीडिया ने यूजर का खुलासा नहीं किया. गुरुवार को सुनवाई के दौरान पूर्व के आदेश का विकिपीडिया की ओर से पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट नाराज हो गया और कहा कि अगर आगे भी आदेश का पालन नहीं किया गया तो वो कड़े कदम उठाएगी.

कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी कीः सुनवाई के दौरान विकिपीडिया ने कहा कि उसका मुख्यालय भारत में नहीं है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आपका मुख्यालय भारत में नहीं, इसका कोई मतलब नहीं है. हम भारत में आपके व्यवसाय को बंद करने के लिए सरकार से आग्रह करने पर विचार करेंगे. अगर आप देश के कानून का पालन नहीं करेंगे तो आपको यहां काम नहीं करना चाहिए.

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न्यूज एजेंसी ने दर्ज कराया था मानहानि का केसः दरअसल, न्यूज एजेंसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि विकिपीडिया ने उसके बारे में अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करने की अनुमति दी है. विकिपीडिया में न्यूज एजेंसी का विवरण देते हुए लिखा गया है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है. इससे न्यूज एजेंसी की छवि खराब हो रही है. न्यूज एजेंसी की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने मांग की कि उसके संबंध में ऐसा विवरण पोस्ट करने वाले यूजर की पहचान का खुलासा किया जाए.

विकिपीडिया की ओर से वकील टाईन अब्राहम ने कहा है कि यूजर किसी भी सूचना को संपादित करता है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा होने के बावजूद विकिपीडिया अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है. हाईकोर्ट ने साफ किया कि विकिपीडिया को देश के कानून का पालन करना होगा."

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