कोलकाता : लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर संदेशखाली में व्यापक हिंसा हुई. इस दौरान टीएमसी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प होने से कई लोग घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. पश्चिम बंगाल की शेष आठ संसदीय क्षेत्रों में भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं.
हालांकि चुनाव आयोग ने दावा किया कि अब तक मतदान शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन उसने कहा कि उसे दोपहर दो बजे तक विभिन्न राजनीतिक दलों से 1,899 शिकायतें प्राप्त हुईं. इनमें ईवीएम में खराबी और एजेंटों को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया गया. राज्य के विभिन्न इलाकों में टीएमसी, आईएसएफ और भाजपा के समर्थकों के बीच झड़पें हुईं, क्योंकि पोलिंग एजेंटों को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोकने को लेकर दोनों पार्टियों के बीच झड़प हुई.
वहीं संदेशखाली में चुनावी गड़बड़ी के आरोपों को लेकर टीएमसी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई. वहीं टीएमसी ने पात्रा और भाजपा के गुंडों पर चुनावी माहौल खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. इसी क्रम में बसंती एक्सप्रेस हाईवे पर जब दोनों समूहों के बीच मारपीट शुरू हो गई तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.
बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान ने बताया कि संदेशखाली के बयारामारी में टीएमसी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प में तीन लोग घायल हो गए. इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. नदी तटीय क्षेत्र बेरमजुर में शुक्रवार रात से ही तनाव व्याप्त है क्योंकि भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ शुक्रवार रात को उनके मतदान एजेंटों के घरों में जाकर उन्हें धमकाया. जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र के भांगर में तृणमूल कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के समर्थकों के बीच टकराव हुआ. यहां पर दोनों पक्षों की ओर से देसी बम फेंके जाने के आरोप लगाए गए हैं.
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया तथा कई देशी बम बरामद किए. वहीं जयनगर निर्वाचन क्षेत्र के कुल्तुली के गुस्साए मतदाताओं ने चुनावी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ईवीएम और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवी-पैट) मशीनों को पास के जलाशयों में फेंक दिया.
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