Why Rahul Gandhi Choose Raebareli: लखनऊः राहुल गांधी (Rahul Gandhi) वायनाड की सीट छोड़कर अब रायबरेली की सीट को संभालेंगे. वहीं, वायनाड सीट पर कांग्रेस प्रियंका गांधी को उतारेगी. इसके पीछे कांग्रेस की बड़ी रणनीति है. चलिए आगे इसे समझते हैं.
- रायबरेली सीट पर जीत के साथ राहुल गांधी का ग्रेट कम बैक यूपी में हुआ है. कांग्रेस इस मौके को किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहती है. पार्टी यह भी जानती है केंद्र की सत्ता के लिए यूपी ही रास्ता है. ऐसे में पार्टी ने फिलहाल यूपी की यह सीट बरकरार रखी है.
- कांग्रेस जानती है अमेठी और रायबरेली सीट के जरिए वह यूपी की जनता को अपने विकास कार्यों की झलक दिखाकर आकर्षित कर सकती है. ऐसे में राहुल गांधी को रायबरेली सीट पर बरकरार रखना जरूरी है.
- अमेठी और रायबरेली सीट गांधी परिवार की प्रतिष्ठा मानी जाती है. 2019 में अमेठी सीट से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था. पार्टी अब नहीं चाहेगी कि कोई भी गलती उसे फिर भारी पड़ जाए और गांधी परिवार की प्रतिष्ठा पर कोई अंगुली उठा सके.
- लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के छह सांसद जीतने में कामयाब रहे हैं. ये सफलता पार्टी को बरसों की कड़ी मेहनत के बाद मिली है. इस चुनाव में अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस का प्रचार पूरे यूपी में चर्चा का विषय भी रहा. इसमें प्रियंका गांधी की परिवार को लेकर जनता से भावनात्मक अपील काफी सराही गई. इस भावनात्मकता को पार्टी बरकरार रखना चाहती है. इसके लिए राहुल गांधी का इन दोनों सीटों पर बीच-बीच में दौरा जरूरी है, इसलिए भी राहुल के जिम्मे यह सीट रखी गई है.
- यूपी की राजनीति में बीजेपी के बड़े नेता के तौर पर योगी आदित्यनाथ, केशव मौर्य समेत कई ऐसे दिग्गज हैं जिनके मुकाबले में कांग्रेस की ओर से सिर्फ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही नजर आती है. इस वजह से भी राहुल को यूपी का जिम्मा दिया गया है.
- इस लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार से बीजेपी को करारा झटका लगा है. कांग्रेस इसे बड़े अवसर के रूप में देख रही है. एंटी इनकंबेंसी की यह लहर बरकरार रखने के लिए राहुल गांधी का यूपी में होना जरूरी माना गया है.
- इस लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी दो लड़कों की जोड़ी यूपी में बीजेपी के लिए मजबूत प्रतिद्वंदी बनकर उभरे हैं. बीजेपी की काट का ये फार्मूला कांग्रेस किसी भी कीमत पर फेल नहीं होने देना चाहती.
- कांग्रेस जानती है कि यूपी में दल के नेता जिस तरह से तेजी से पार्टी छोड़कर दूसरे दलों का हाथ पकड़ रहे थे उससे पार्टी काफी कमजोर हो गई थी. यूपी के चुनाव में कांग्रेस की यह जीत बड़ी संजीवनी है. इस जीत से कांग्रेस नेताओं का आत्मविश्वास बढ़ा है. यूपी में कांग्रेस अब मजबूत हो सकती है, और उसे राहुल गांधी आगे बढ़ा सकते हैं. इस वजह से भी उन्हें रायबरेली सीट पर बरकरार रखा गया है.
- मुस्लिम, यादव और दलित वोटर के साथ कांग्रेस का कोर वोटर भी इस चुनाव में लौटा है. पार्टी को उम्मीद है कि आने वाले समय में यह प्रतिशत और बढ़ सकता है. ऐसे में इन वोटों को आकर्षित करने के लिए राहुल गांधी को बरकरार रखा गया है.
- यूपी में कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई बेहद नजदीकी रही. पार्टी यहां जीतते-जीतते रह गई. पार्टी को उम्मीद है कि अगले चुनाव में ये सीटें जीती जा सकती है. इस हार को राहुल गांधी ही जीत में बदल सकते हैं. इस वजह से भी उन्हें रायबरेली सीट पर बरकरार रखा गया है. पार्टी ये भी जानती है वायनाड सीट छोड़ने से कांग्रेस को उतना नुकसान नहीं होगा जितना रायबरेली सीट से होगा. इस वजह से भी प्रियंका गांधी को वायनाड भेजा गया है.