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राहुल गांधी ने रायबरेली को क्यों चुना? प्रियंका के वायनाड से लड़ने के पीछे क्या है कांग्रेस की रणनीति? जानें - Why Rahul gandhi Choose Raebareli

Why Priyanka Gandhi To Contest From Waynad: कांग्रेस ने एक रणनीति के तहत राहुल गांधी को रायबरेली से सांसद बनाए ऱखने का फैसला किया है, जबकि उनकी जगह पर प्रियंका गांधी को वायनाड से उम्मीदवार बनाए जाने की भी घोषणा कर दी है. आखिर क्या है वह रणनीति, पढ़ें पूरी खबर.

Why Priyanka Gandhi To Contest From Waynad
प्रियंका के वायनाड से लड़ने के पीछे क्या है कांग्रेस की रणनीति (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 18, 2024, 10:53 AM IST

Updated : Jun 18, 2024, 1:48 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने रायबरेली और वायनाड सीट को लेकर बड़ा फैसला किया है. पार्टी ने ऐलान किया कि राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. इसके अलावा पार्टी ने यह भी घोषणा की है कि राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.

इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि रायबरेली सीट से गांधी-नेहरू परिवार का पुराना नाता है, इसलिए राहुल गांधी रायबरेली सीट नहीं छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी. हालांकि, अब सवाल यह है कि आखिर प्रियंका गांधी वायनाड से ही चुनाव क्यों लड़ रही हैं. दरअसल, यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. इस फैसले से कांग्रेस ने एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश की है.

यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश
लोकसभा 2024 के चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है. कांग्रेस को खुद इसकी उम्मीद नहीं होगी. ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को सूबे में मजबूत होने की उम्मीद मिली है. दरअसल, कांग्रेस ने चुनाव में रायबरेली सीट के साथ-साथ अमेठी की सीट को एक बार फिर से जीत लिया है. यह दोनों सीट कांग्रेस का गढ़ रही हैं.

हालांकि, 2019 में यहां राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था और यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी. हालांकि, अब राहुल गांधी ने रायबरेली की सीट पर बने रहने का फैसला किया है.

केरल को साधने की रणनीति
प्रियंका गांधी को केरल से चुनाव लड़ाने के पीछे का कारण यह है कि पार्टी दक्षिण राज्य में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखना चाहती है. 2019 और 2014 दोनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि, इस बार केरल में बीजेपी ने एक सीट जीतने में कामयाबी हासिल की है. ऐसे में पार्टी नहीं चाहेगी कि यहां बीजेपी और मजबूत हो या कांग्रेस का ग्रिप यहां लूज हो.

संसद में सरकार को घोरने की कोशिश
अगर प्रियंका गांधी लोकसभा पहुंचती हैं तो संसद में राहुल-प्रियंका दोनों एक साथ सरकार को मिलकर घेरेंगे. इसके साथ ही राज्यसभा में सोनिया गांधी जैसी वरिष्ठ नेता बीजेपी पर वार करेंगी. ऐसे में संसद के दोनों सदनों में वरिष्ठ और युवा नेताओं की जुगलबंदी देखने को मिलेगी, जिससे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए संसद में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

मिशन आधी आबादी
प्रियंका गांधी के पूरी तरह से राजनीति में आने से उनकी छवि और मजबूत होगी और उनके जरिए कांग्रेस महिलाओं को साधने को कोशिश करेगी. माना जा रहा है कि वह संसद में महिलाओं के मुद्दे उठा सकती हैं, ताकि आगामी चुनाव में महिलाएं कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा वोट करें. ऐसा माना जाता है कि प्रियंका गांधी की महिलाओं में काफी लोकप्रियता है. उनके राजनीति में आने से पार्टी को महिलाओं का वोट ज्यादा से ज्यादा मिल सकता है.

यह भी पढ़ें- प्रियंका गांधी के वायनाड से 'पॉलिटिकल डेब्यू' पर भाजपा का तंज, कांग्रेस ने जताई खुशी

नई दिल्ली: कांग्रेस ने रायबरेली और वायनाड सीट को लेकर बड़ा फैसला किया है. पार्टी ने ऐलान किया कि राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. इसके अलावा पार्टी ने यह भी घोषणा की है कि राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.

इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि रायबरेली सीट से गांधी-नेहरू परिवार का पुराना नाता है, इसलिए राहुल गांधी रायबरेली सीट नहीं छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी. हालांकि, अब सवाल यह है कि आखिर प्रियंका गांधी वायनाड से ही चुनाव क्यों लड़ रही हैं. दरअसल, यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. इस फैसले से कांग्रेस ने एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश की है.

यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश
लोकसभा 2024 के चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है. कांग्रेस को खुद इसकी उम्मीद नहीं होगी. ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को सूबे में मजबूत होने की उम्मीद मिली है. दरअसल, कांग्रेस ने चुनाव में रायबरेली सीट के साथ-साथ अमेठी की सीट को एक बार फिर से जीत लिया है. यह दोनों सीट कांग्रेस का गढ़ रही हैं.

हालांकि, 2019 में यहां राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था और यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी. हालांकि, अब राहुल गांधी ने रायबरेली की सीट पर बने रहने का फैसला किया है.

केरल को साधने की रणनीति
प्रियंका गांधी को केरल से चुनाव लड़ाने के पीछे का कारण यह है कि पार्टी दक्षिण राज्य में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखना चाहती है. 2019 और 2014 दोनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि, इस बार केरल में बीजेपी ने एक सीट जीतने में कामयाबी हासिल की है. ऐसे में पार्टी नहीं चाहेगी कि यहां बीजेपी और मजबूत हो या कांग्रेस का ग्रिप यहां लूज हो.

संसद में सरकार को घोरने की कोशिश
अगर प्रियंका गांधी लोकसभा पहुंचती हैं तो संसद में राहुल-प्रियंका दोनों एक साथ सरकार को मिलकर घेरेंगे. इसके साथ ही राज्यसभा में सोनिया गांधी जैसी वरिष्ठ नेता बीजेपी पर वार करेंगी. ऐसे में संसद के दोनों सदनों में वरिष्ठ और युवा नेताओं की जुगलबंदी देखने को मिलेगी, जिससे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए संसद में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

मिशन आधी आबादी
प्रियंका गांधी के पूरी तरह से राजनीति में आने से उनकी छवि और मजबूत होगी और उनके जरिए कांग्रेस महिलाओं को साधने को कोशिश करेगी. माना जा रहा है कि वह संसद में महिलाओं के मुद्दे उठा सकती हैं, ताकि आगामी चुनाव में महिलाएं कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा वोट करें. ऐसा माना जाता है कि प्रियंका गांधी की महिलाओं में काफी लोकप्रियता है. उनके राजनीति में आने से पार्टी को महिलाओं का वोट ज्यादा से ज्यादा मिल सकता है.

यह भी पढ़ें- प्रियंका गांधी के वायनाड से 'पॉलिटिकल डेब्यू' पर भाजपा का तंज, कांग्रेस ने जताई खुशी

Last Updated : Jun 18, 2024, 1:48 PM IST
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