हैदराबाद : क्या आपको मालूम है कि भारत की एक ट्रेन पाकिस्तान में पिछले पांस से खड़ी है. इस वजह से इस ट्रेन की बोगियां अब सड़ने की स्थिति में पहुंच गई हैं. इसके बावजूद ट्रेन भारत में नहीं आ पा रही है. यह ट्रेन पाकिस्तान कैसे पहुंची, जानिए पूरी कहानी.
शिमला समझौते के दौरान पड़ी थी नीव
बता दें कि समझौता एक्सप्रेस की नींव वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के शिमला समझौते के दौरान पड़ी थी. इसके बाद 22 जुलाई 1976 को अटारी लाहौर के बीच में इसे शुरू किया गया. हालांकि शुरू में यह ट्रेन प्रतिदिन चलाई जाती थी, लेकिन 1994 से इसे सिर्फ दो दिन चलाने का निर्णय लिया गया.
कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद ट्रेन बंद हुई
वर्ष 2019 में उस समय नया मोड़ आ गया जब मोदी सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को हटा लिया. इसके बाद पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया. इस दौरान उस समय भारत की ट्रेन के 11 डिब्बे लाहौर में थे. तभी से ये डिब्बे अभी भी वहीं पर हैं. वहीं, पाकिस्तानी ट्रेन के 16 डिब्बे भारत के अटारी रेलवे स्टेशन पर हैं.
समझौता एक्सप्रेस को लेकर हुए समझौते के मुताबिक यह तय हुआ था कि जुलाई से दिसंबर तक छह महीने तक भारतीय बोगियों वाली ट्रेन पाकिस्तान आएगी. इस दौरान इंजन पाकिस्तान का होगा. दूसरी तरफ जनवरी से जून तक पाकिस्तानी बोगियां होंगी. लेकिन जब रेल सेवा को स्थगित किया गया तो भारतीय बोगियां पाकिस्तान में थीं. इस संबंध में वाघा रेलवे के मैनेजर के मुताबिक उन्होंने पाकिस्तान से भारत को इस बारे में संदेश भेजा गया कि इन कोच को भारतीय क्षेत्र में भेज दिया जाए और भारत वहां से वापस ले जाए. हालांकि भारत उस एग्रीमेंट के हिसाब से चलना चाहता है जिसके अनुसार पाकिस्तान पाकिस्तानी इंजन के साथ बोगियों को भारत को वापस लौटाएगा.