नई दिल्ली: आज कल ज्यादातर सामान पैकेज में मिल रहा है. ऐसे में हम जब भी बाजार से कोई सामान खरीदते हैं तो उसके पैकेट पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देखते हैं. रसोई का सामान हो, खाने-पीने का सामान हो या फिर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स हम इनकी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदते हैं और उनको इस्तेमाल करते हैं.
मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट का मतलब हम लोगों की समझ में यह आता है कि यह चीज इस महीने या इस तारीख में बनी है और इस तारीख के बाद एक्सपायर्ड हो जाएगी. आपने अक्सर देखा होगा कि लोग प्रोडक्ट की डेट एक्सपायर होते ही उसे फेंक देते हैं. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो प्रोडक्ट की डेट एक्सपायर होने के बाद भी उसे इस्तेमाल करते रहते हैं.
सवाल यह है कि एक्सपायर डेट निकलने पर प्रोडक्ट को इस्तेमाल किया जा सकता है. या ऐसे प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से कोई नुकसान भी होता है. अगर आपके मन में भी प्रोडक्ट की एक्सपायर डेट को लेकर ऐसा ही कोई सवाल हो तो आज हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देने जा रहे हैं.
क्यों लिखी जाती है मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट?
FSSAI के नियमानुसार सभी फूड, कॉस्मेटिक, वेबरेज या उपभोग करने वाले प्रोडक्ट्ल के पैकेट पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखी जाती है. मैन्यूफैक्चरिंग डेट वह तारिख होती है जिस दिन प्रोडक्ट को तैयार करके पैक किया गया. वहीं, एक्सपायरी डेट या वह तारिख होती है, जिस तारीख के बाद प्रोडक्ट को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर आप इसे इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको नुकसान भी हो सकता है.
क्या एक्सपायरी डेट के बाद खराब हो जाता है सामान?
बता दें कि एक्सपायरी डेट निकलने के तुरंत बाद प्रोडक्ट खराब नहीं होता है, लेकिन उसके स्वाद और गंध का प्रभाव जरूर कम हो जाता है. वहीं, डेयरी में बदबू आ सकती है, दूध फट सकता है और दही के स्वाद भी बदल सकता है. वहीं, मेवा, मसाले, खानपान के अन्य सामान, क्रीम, तेल, शैंपू, वगैरा को आप एक्सपायर होने के 8-10 दिन या इसके बाद तक भी इस्तेमाल कर सकते हैं.यह प्रोडक्ट ऐसे नहीं हैं.जो एक्सपायरी डेट निकलने के तुरंत बाद नुकसान पहुंचा सकते हैं और इन्हें फेंक देना चाहिए.
चूंकि FSSAI के मानक हैं, इसलिए कंपनी को प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की एक तय सीमा बताना जरूरी होता है. कई बार ऐसा भी होता है कि कई प्रोडक्ट अपनी एक्सपायरी डेट से पहले ही खराब हो जाते हैं. इसके पीछे कई फैक्टर्स होते हैं.
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