चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हरियाणा बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. हिसार से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने कमल (BJP) छोड़कर हाथ (कांग्रेस) थाम लिया है. इसके साथ ही राजनीतिक गलियारे में अब चर्चा होने लगी है कि आखिर चुनावी साल में बृजेंद्र सिंह को ये फैसला क्यों लेना पड़ा.
कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद क्या बोले बृजेंद्र सिंह: कांग्रेस में शामिल होने के बाद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि ''2 अक्टूबर, 2023 को जींद की रैली में बीजेपी-जेजेपी के गठबंधन को लेकर हमने अपनी बात रखी थी. फैसला लिया गया और ये भी एक वजह थी.
बृजेंद्र सिंह पर हरियाणा के डिप्टी सीएम का तंज: वहीं, बृजेंद्र सिंह के बीजेपी से इस्तीफे के बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जमकर तंज कसा है. दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा है "दर-दर पे जाकर दुआ बदलते हैं। लोग ख़ुद नहीं बदलते, ख़ुदा बदलते हैं."
दुष्यंत चौटाला ने कसा था तंज : इससे पहले शनिवार, 9 मार्च को जींद दौरे पर पहुंचे हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा "बीरेंद्र सिंह को छोड़कर पूरे देश में कोई ऐसा नेता नहीं, जो फिल्म अभिनेता सनी देओल के डायलॉग की तरह तारीख पर तारीख देता हो. पिछले एक साल से वो पार्टी छोड़ने की सिर्फ धमकियां दे रहे हैं लेकिन निर्णय नहीं कर सके. बीरेंद्र सिंह पिछले 1 साल से निरंतर धमकियां दे रहे हैं कि जेजेपी-बीजेपी का गठबंधन रहा तो मैं पार्टी छोड़ दूंगा. अभी तक तो पार्टी छोड़ी नहीं. चौधरी बीरेंद्र सिर्फ अल्टीमेटम पर अल्टीमेटम दे रहे हैं."
हिसार से टिकट मिलने की नहीं थी उम्मीद : जानकारी के मुताबिक इस बार हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी बृजेंद्र सिंह को मैदान में उतारने के मूड में नहीं थी, जिसके बाद ये चर्चा जोरों पर थी कि चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने सांसद बेटे के साथ वापस कांग्रेस में जा सकते हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह भी अपने बेटे के लिए टिकट को लेकर लंबे अरसे से बीजेपी पर दबाव बना रहे थे लेकिन बीजेपी से उन्हें इस बारे में कोई गारंटी नहीं मिली. ऐसे में उनके कांग्रेस में जाने की अटकलें थी. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इस बार हरियाणा में 4 से 5 सांसदों के टिकट काट सकती है, इनमें से एक हिसार लोकसभा सीट भी शामिल बताई जा रही थी.
हिसार से बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस दे सकती है टिकट: बीजेपी से टिकट कटने के चांस को देखते हुए उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया. वहीं, कांग्रेस के पास हिसार लोकसभा सीट पर कोई मजबूत उम्मीदवार भी नहीं था. ऐसे में अब कांग्रेस बृजेंद्र सिंह को यहां से टिकट दे सकती है. बता दें कि 2014 के चुनाव के दौरान बीरेंद्र सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
JJP के साथ गठबंधन से बीरेंद्र सिंह खफा: चौधरी बीरेंद्र सिंह का परिवार उचाना विधानसभा सीट पर अपना दावा करता था. इस सीट पर चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता 2014 में बीजेपी विधायक भी रह चुकी है, लेकिन इस सीट पर 2019 में जेजेपी के नेता और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जीत दर्ज की. वहीं बाद में बीजेपी और जेजेपी ने प्रदेश में गठबंधन कर सरकार बना ली. ऐसे में अपनी पारिवारिक सीट को गठबंधन की भेंट चढ़ते देख चौधरी बीरेंद्र सिंह लगातार बीजेपी से जेजेपी के साथ गठबंधन छोड़ने के लिए बयानबाजी कर रहे थे. इसी के चलते वे बीजेपी में खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे. उनको पत्नी की टिकट भी विधानसभा के लिए बीजेपी से कंफर्म नज़र नहीं आ रही थी, ऐसे में कांग्रेस में जाने की एक वजह ये भी थी.
हुड्डा परिवार से पारिवारिक संबंध : चौधरी बीरेंद्र सिंह साल 2014 में बीजेपी में आने से पहले कांग्रेस में ही थे. उनके नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पारिवारिक संबंध भी है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी में इस बार जो डील वे चाहते थे, वो नहीं हो पाई और कांग्रेस में उनकी डील शायद सील हो गई, जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया.
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