ETV Bharat / bharat

कौन है भगोड़ा जाकिर नाइक जिसने वक्फ बोर्ड पर मोदी सरकार को घेरा, रिजिजू बोले- मुसलमानों को मत करो गुमराह - Kiren Rijiju

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2024, 7:07 PM IST

Who Is Zakir Naik: भगोड़ा इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के आरोपों में वॉन्टिड है. उसने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है और बुरे नतीजों के परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है.

जाकिर नाइक
जाकिर नाइक (IANS)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर जोरदार हमला बोला है. रिजिजू ने नाइक पर भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने और सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया है.

नाइक वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के आरोपों में वॉन्टिड है. उसने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया और बुरे नतीजों भुगतने की चेतावनी दी. साथ ही उसने मुसलमानों से संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को अपनी अस्वीकृति प्रस्तुत करने का आग्रह किया.

भगोड़े इस्लामी उपदेशक ने एक क्यूआर कोड और एक ऑनलाइन याचिका लिंक शेयर किया है, जिसमें कम से कम 5 मिलियन भारतीय मुसलमानों से भाग लेने का आह्वान किया गया.

किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
जवाब में रिजिजू ने नाइक के दावों की निंदा करते हुए उन्हें भ्रामक बताया और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर जोर दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे झूठी सूचनाओं से प्रभावित हुए बिना अपनी राय व्यक्त करें. उन्होंने कहा, "कृपया हमारे देश के निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें. झूठे प्रोपागैंडा से गलत नैरेटिव सामने आएगा."

कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक पेशे से डॉक्टर है और भारत छोड़ने से पहले मुंबई में रहता था. नाइक अहमद दीदात से प्रभावित होकर इस्लामिक उपदेशक बना था. वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) का संस्थापक और अध्यक्ष है, जो भारत में प्रतिबंधित है. जाकिर नाइक दो टीवी चैनल भी चलाता था. उसके द्वारा संचालित दो चैनल, पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में बैन हैं.

नाइक पर अपने भाषणों के जरिए 2016 में ढाका में होली आर्टिसन बेकरी में हुए बम विस्फोट के अपराधियों को प्रभावित करने का आरोप है, जिसमें 20 लोग मारे गए थे. इसके अलावा 2019 में श्रीलंका में ईस्टर बम विस्फोटों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे. इस विस्फोट अंजाम देने वाले भी जाकिर नाइक से प्रभावित थे.

2016 में मलेशिया भागा नाइक
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा धार्मिक उपदेशक के खिलाफ जांच शुरू करने से ठीक पहले, वह 2016 में मलेशिया भाग गया था. उसे कहीं भी सार्वजनिक भाषण देने से बैन कर दिया गया है. नाइक भारत में वॉन्टिड है, क्योंकि उस पर मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं और वह कथित तौर पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ है.

मई 2020 में भारत सरकार ने मलेशिया को उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था. हालांकि, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर बिन मोहम्मद ने कहा था कि उनके देश को नाइक को प्रत्यर्पित न करने का अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा था कि नाइक का मानना है कि भारत में उसे न्याय नहीं मिलेगा.

क्यों चर्चा में है जाकिर नाइक?
वर्तमान में वक्फ संशोधन विधेयक जेपीसी के अधीन है. इस बिल में 44 बिंदुओं पर महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें दो गैर-मुस्लिम व्यक्तियों, एक केंद्रीय मंत्री, तीन संसद सदस्यों और वरिष्ठ नौकरशाहों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना शामिल है.

साथ ही बिल में प्रस्वात दिया गया है कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं को भी शामिल किया जाए. सरकार इस कानून का बचाव पारदर्शिता बढ़ाने और महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के साधन के रूप में कर रही है, विशेष रूप से मुसलमानों के बीच विरासत के वितरण में.

इस विधेयक की विपक्षी दलों ने आलोचना की है. हालांकि, रिजिजू का दावा है कि इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों के नियंत्रण को सुधारना है, जिस पर उनका दावा है कि कुछ व्यक्तियों का एकाधिकार है. इसके अतिरिक्त, संशोधनों में यह प्रावधान है कि वक्फ बोर्डों को विधवाओं, तलाकशुदा और अनाथों के कल्याण के लिए प्राप्त धन आवंटित करना चाहिए, जो आम मुसलमानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के सरकार के इरादे के अनुरूप है.

यह भी पढ़ें- कंधार हाइजैक: कौन था IC 814 विमान में बैठा VIP यात्री ? दुनिया की 90 फीसदी करेंसी पर था कंट्रोल

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर जोरदार हमला बोला है. रिजिजू ने नाइक पर भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने और सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया है.

नाइक वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के आरोपों में वॉन्टिड है. उसने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया और बुरे नतीजों भुगतने की चेतावनी दी. साथ ही उसने मुसलमानों से संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को अपनी अस्वीकृति प्रस्तुत करने का आग्रह किया.

भगोड़े इस्लामी उपदेशक ने एक क्यूआर कोड और एक ऑनलाइन याचिका लिंक शेयर किया है, जिसमें कम से कम 5 मिलियन भारतीय मुसलमानों से भाग लेने का आह्वान किया गया.

किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
जवाब में रिजिजू ने नाइक के दावों की निंदा करते हुए उन्हें भ्रामक बताया और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर जोर दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे झूठी सूचनाओं से प्रभावित हुए बिना अपनी राय व्यक्त करें. उन्होंने कहा, "कृपया हमारे देश के निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें. झूठे प्रोपागैंडा से गलत नैरेटिव सामने आएगा."

कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक पेशे से डॉक्टर है और भारत छोड़ने से पहले मुंबई में रहता था. नाइक अहमद दीदात से प्रभावित होकर इस्लामिक उपदेशक बना था. वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) का संस्थापक और अध्यक्ष है, जो भारत में प्रतिबंधित है. जाकिर नाइक दो टीवी चैनल भी चलाता था. उसके द्वारा संचालित दो चैनल, पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में बैन हैं.

नाइक पर अपने भाषणों के जरिए 2016 में ढाका में होली आर्टिसन बेकरी में हुए बम विस्फोट के अपराधियों को प्रभावित करने का आरोप है, जिसमें 20 लोग मारे गए थे. इसके अलावा 2019 में श्रीलंका में ईस्टर बम विस्फोटों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे. इस विस्फोट अंजाम देने वाले भी जाकिर नाइक से प्रभावित थे.

2016 में मलेशिया भागा नाइक
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा धार्मिक उपदेशक के खिलाफ जांच शुरू करने से ठीक पहले, वह 2016 में मलेशिया भाग गया था. उसे कहीं भी सार्वजनिक भाषण देने से बैन कर दिया गया है. नाइक भारत में वॉन्टिड है, क्योंकि उस पर मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं और वह कथित तौर पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ है.

मई 2020 में भारत सरकार ने मलेशिया को उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था. हालांकि, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर बिन मोहम्मद ने कहा था कि उनके देश को नाइक को प्रत्यर्पित न करने का अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा था कि नाइक का मानना है कि भारत में उसे न्याय नहीं मिलेगा.

क्यों चर्चा में है जाकिर नाइक?
वर्तमान में वक्फ संशोधन विधेयक जेपीसी के अधीन है. इस बिल में 44 बिंदुओं पर महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें दो गैर-मुस्लिम व्यक्तियों, एक केंद्रीय मंत्री, तीन संसद सदस्यों और वरिष्ठ नौकरशाहों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना शामिल है.

साथ ही बिल में प्रस्वात दिया गया है कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं को भी शामिल किया जाए. सरकार इस कानून का बचाव पारदर्शिता बढ़ाने और महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के साधन के रूप में कर रही है, विशेष रूप से मुसलमानों के बीच विरासत के वितरण में.

इस विधेयक की विपक्षी दलों ने आलोचना की है. हालांकि, रिजिजू का दावा है कि इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों के नियंत्रण को सुधारना है, जिस पर उनका दावा है कि कुछ व्यक्तियों का एकाधिकार है. इसके अतिरिक्त, संशोधनों में यह प्रावधान है कि वक्फ बोर्डों को विधवाओं, तलाकशुदा और अनाथों के कल्याण के लिए प्राप्त धन आवंटित करना चाहिए, जो आम मुसलमानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के सरकार के इरादे के अनुरूप है.

यह भी पढ़ें- कंधार हाइजैक: कौन था IC 814 विमान में बैठा VIP यात्री ? दुनिया की 90 फीसदी करेंसी पर था कंट्रोल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.