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कौन हैं रिमझिम सिन्हा? जिन्होंने कोलकाता में किया था ‘रीक्लेम द नाइट’ अभियान का आह्वान - Who is Rimjhim Sinha

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 15, 2024, 2:51 PM IST

Kolkata doctor rape-murder: सोशल मीडिया के माध्यम से गति पकड़ने वाला 'रीक्लेम द नाइट' अभियान बुधवार रात करीब 11:55 बजे शुरू हुआ. इसकी शुरुआत रिमझिम सिन्हा ने की.

रिमझिम सिन्हा
रिमझिम सिन्हा (@Facebook Rimjhim Sinha)

कोलकाता: 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में बुधवार रात को हजारों महिलाएं पश्चिम बंगाल की सड़कों पर उतर आईं. 'रिक्लेम द नाइट' अभियान, जिसने सोशल मीडिया के जरिए गति पकड़ी और कोलकाता के कई ऐतिहासिक स्थलों सहित छोटे शहरों और बड़े शहरों के प्रमुख इलाकों में फैल गया.

इस बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा भी हुई, जहां अज्ञात भीड़ ने इमरजेंसी वार्ड में घुसकर तोड़फोड़ की. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हावड़ा जिले के मंदिरतला में भी अशांति की खबर मिली, जहां प्रदर्शनकारियों का ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ सेलेब्रेशन के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों से भिड़त हुई.

'रिक्लेम द नाइट' की पहल करने वाली रिमझिम सिन्हा ने इस आयोजन को महिलाओं के लिए एक नए स्वतंत्रता संग्राम के रूप में वर्णित किया, जिसका प्रतीक एक वायरल पोस्टर है, जिसमें लाल हाथ में अर्धचंद्राकार चांद दिखाया गया है.

कौन हैं रिमझिम सिन्हा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिमझिम सिन्हा एक सोशल साइंस रिसर्चर हैं, जिन्होंने कोलकाता में प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. रिमझिम ने 2020 में सोशल साइंस की डिग्री के साथ ग्रेजुएशव किया. उनका कहना है कि वह जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की खबर से हैरान हैं. इसके विरोध में रिमझिम सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को बाहर बिताने के अपने फैसले को लेकर एक फेसबुक पोस्ट में शेयर की थी

उन्होंने टेलीग्राफ को बताया कि वह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की टिप्पणी से खास तौर पर उत्तेजित थीं. उन्होंने कथित तौर पर सवाल उठाया था कि जूनियर डॉक्टर अकेले सेमिनार हॉल में क्यों गई थी.

उन्होंने कहा कि पीड़िता पर दोष मढ़ने वाली ऐसी टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती. विरोध में मैंने 14 अगस्त की रात बाहर बिताने का फैसला किया. कोई भी रात पर दावा नहीं कर सकता और हमें यह नहीं बता सकता कि कौन बाहर रह सकता है और क्यों. हालांकि, सिन्हा ने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि उनका आह्वान वायरल हो जाएगा और हजारों लोग सड़कों पर उनके साथ शामिल हो जाएंगे.

रिमझिम ने कहा कि मैं लोगों से मिली प्रतिक्रिया से बहुत अभिभूत हूं. मैं महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलते हुए देख रही हूं और भले ही वे पूरी रात नहीं रह सकतीं, लेकिन वे रात में दो घंटे या तीन घंटे रहने का फैसला कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: प्रदर्शनकारियों का भड़का गुस्सा, अस्पताल में की तोड़फोड़, पुलिस पर किया पथराव

कोलकाता: 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में बुधवार रात को हजारों महिलाएं पश्चिम बंगाल की सड़कों पर उतर आईं. 'रिक्लेम द नाइट' अभियान, जिसने सोशल मीडिया के जरिए गति पकड़ी और कोलकाता के कई ऐतिहासिक स्थलों सहित छोटे शहरों और बड़े शहरों के प्रमुख इलाकों में फैल गया.

इस बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा भी हुई, जहां अज्ञात भीड़ ने इमरजेंसी वार्ड में घुसकर तोड़फोड़ की. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हावड़ा जिले के मंदिरतला में भी अशांति की खबर मिली, जहां प्रदर्शनकारियों का ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ सेलेब्रेशन के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों से भिड़त हुई.

'रिक्लेम द नाइट' की पहल करने वाली रिमझिम सिन्हा ने इस आयोजन को महिलाओं के लिए एक नए स्वतंत्रता संग्राम के रूप में वर्णित किया, जिसका प्रतीक एक वायरल पोस्टर है, जिसमें लाल हाथ में अर्धचंद्राकार चांद दिखाया गया है.

कौन हैं रिमझिम सिन्हा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिमझिम सिन्हा एक सोशल साइंस रिसर्चर हैं, जिन्होंने कोलकाता में प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. रिमझिम ने 2020 में सोशल साइंस की डिग्री के साथ ग्रेजुएशव किया. उनका कहना है कि वह जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की खबर से हैरान हैं. इसके विरोध में रिमझिम सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को बाहर बिताने के अपने फैसले को लेकर एक फेसबुक पोस्ट में शेयर की थी

उन्होंने टेलीग्राफ को बताया कि वह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की टिप्पणी से खास तौर पर उत्तेजित थीं. उन्होंने कथित तौर पर सवाल उठाया था कि जूनियर डॉक्टर अकेले सेमिनार हॉल में क्यों गई थी.

उन्होंने कहा कि पीड़िता पर दोष मढ़ने वाली ऐसी टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती. विरोध में मैंने 14 अगस्त की रात बाहर बिताने का फैसला किया. कोई भी रात पर दावा नहीं कर सकता और हमें यह नहीं बता सकता कि कौन बाहर रह सकता है और क्यों. हालांकि, सिन्हा ने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि उनका आह्वान वायरल हो जाएगा और हजारों लोग सड़कों पर उनके साथ शामिल हो जाएंगे.

रिमझिम ने कहा कि मैं लोगों से मिली प्रतिक्रिया से बहुत अभिभूत हूं. मैं महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलते हुए देख रही हूं और भले ही वे पूरी रात नहीं रह सकतीं, लेकिन वे रात में दो घंटे या तीन घंटे रहने का फैसला कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: प्रदर्शनकारियों का भड़का गुस्सा, अस्पताल में की तोड़फोड़, पुलिस पर किया पथराव

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