नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में 20 दिन के भीतर 14 लोगों की मौत के बाद राजनीति शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी घटना के लिए भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि भ्रष्ट अधिकारी को शेल्टर होम का प्रशासक नियुक्त किया गया है. वहीं, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की ओर से कहा गया है कि दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद के इस्तीफा के बाद से समाज कल्याण विभाग में कोई मंत्री नहीं है.
नए मंत्री की नियुक्ति नहीं: उन्होंने कहा कि आशा किरण शेल्टर होम समाज कल्याण विभाग के अधीन आता है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के आरोप में गिरफ्तारी के बाद अंतरिम जमानत पर बाहर रहते हुए भी राजकुमार आनंद का इस्तीफा स्वीकार करने और इसे एलजी को भेजने का समय नहीं निकाल सके. यह एक संवेदनशील विभाग है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने नए मंत्री को नियुक्त करना उचित नहीं समझा. लेकिन इसको लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस्तीफे के बाद ये विभाग किसी अन्य मंत्री के पास नहीं गए.
समाज कल्याण विभाग राजकुमार के पास : दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने बसपा के टिकट से नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं. मंत्री रहे राजकुमार आनंद के पास समाज कल्याण विभाग था. जिस शेल्टर होम में 20 दिन के अंदर 14 लोगों की मौत हुई वह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है.
सौरभ भारद्वाज का आरोप: दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय राज्य की सरकार में एक मंत्री के पास यह लिखा होता है कि उसके पास जो विभाग हैं यदि उसके अतिरिक्त कोई विभाग रह गया है तो उसके पास चला जाएगा. ऐसे में कोई मंत्री इस्तीफा देता है या दुर्घटना में गुजर जाता है तो उसका विभाग ऑटो में उस मंत्री के पास चला जाता है. ऐसे ही व्यवस्था दिल्ली सरकार में भी थी लेकिन जब राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया और उनका इस्तीफा गृह मंत्रालय गया तो बहुत दिनों बाद फाइल लौट कर आई और हमें बताया गया कि इस फाइल में लिखा है कि जब तक इन विभागों के मंत्री नहीं नियुक्त हो जाते हैं तब तक यह विभाग किसी और मंत्री को न दिए जाएं. इन विभागों को उनके सचिव ही देखेंगे. अब सचिन के ऊपर कोई मंत्री नहीं सीधे उपराज्यपाल हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए था किसी न किसी मंत्री के पास निगरानी के लिए ये विभाग होने चाहिए थे.
बता दें, दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में कई बड़े चेहरे हैं. इसका नेतृत्व पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल करते हैं. दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में है और बीते कुछ महीनों में इसके कई मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया. इनके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी जेल में है. उनकी जगह दूसरे नेताओं ने ली. आइए जानते हैं विभागों के लिहाज से दिल्ली सरकार में कौन कितना पावरफुल है.
सीएम अरविंद केजरीवाल के पास कौन से विभाग? दिल्ली में आप सरकार का नेतृत्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करते हैं. मुख्यमंत्री होने के नाते वह सर्वाधिक शक्तिशाली हैं. उनके पास दिल्ली सरकार के वो विभाग हैं जो किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किये गए हैं.
आतिशी के पास विभाग: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद आतिशी दिल्ली सरकार की सबसे पावरफुल मंत्री हैं. उनके पास 14 विभाग हैं. वित्त, राजस्व, सेवा, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, पर्यटन, कला एवं संस्कृति, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, सूचना, विजिलेंस विभाग शामिल है.
सौरभ भारद्वाज के पास विभाग: दिल्ली सरकार में तीसरे सबसे पावरफुल मंत्री सौरभ भारद्वाज हैं. उन्को 9 मार्च 2023 में कैबिनेट में शामिल किया गया था. उनके पास हेल्थ, इंडस्ट्री, शहरी विकास विभाग, जल विभाग, बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण जैसे पोर्टफोलियो हैं.
LG कार्यालय लगातार बोल रहा है झूठ 🚨
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) August 4, 2024
👉5 साल से सस्पेंड भ्रष्टाचारी अधिकारी को LG साहब ने क्यों किया आशा किरण सेंटर का अधिकारी नियुक्त? pic.twitter.com/jSbyTu0uMx
गोपाल राय के पास विभाग: दिल्ली सरकार में गोपाल राय चौथे सबसे शक्तिशाली मंत्री हैं. उनके जिम्मे सामान्य प्रसाशनिक विभाग, पर्यावरण, वन विभाग, विकास जैसे विभाग हैं.
कैलाश गहलोत के पास विभाग: दिल्ली सरकार में कैलाश गहलोत पांचवें सबसे शक्तिशाली मिनिस्टर हैं. उनके पास कई विभागों की जिम्मेदारी है. इनमें कानून एवं न्याय विभाग, ट्रांसपोर्ट, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं तकनीकी, होम, प्लानिंग जैसे विभाग शामिल हैं.
इमरान हुसैन के पास विभाग: दिल्ली सरकार में इमरान हुसैन छठे नंबर पर आते हैं. उनके पास खाद्य एवं आपूर्ति, और चुनाव जैसे विभाग हैं.
राजकुमार आनंद के पास थे ये विभाग: गुरुद्वारा चुनाव, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, समाज कल्याण, कॉपरेटिव, लैंड एंड बिल्डिंग, लेबर और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे. लोकसभा चुनाव के दौरान राजकुमार आनंद के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से यह सभी महत्वपूर्ण विभाग खाली हैं. इन विभागों पर कोई मंत्री नहीं है.
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