नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया की. इस दौरना उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के जाने-माने आलोचक जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग में एक बड़े निवेशक हैं. प्रसाद ने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण शेयर बाजार को अस्थिर करने और छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया.
इतना ही नहीं उन्होंने जॉर्ज सोरोस को कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश की. वैसे यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस को कांग्रेस से जोड़ने का प्रयास किया हो. पिछले साल जून में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी पर सोरोस के साथ संबंध होने का आरोप लगाया था. ईरानी ने कहा थी कि कांग्रेस नेता ने अमेरिकी व्यवसायी द्वारा वित्तपोषित व्यक्तियों से मुलाकात की थी.
#WATCH | On the recent report of Hindenburg Research, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, " today we want to raise some issues. whose investment is there in hindenburg? do you know this gentleman george soros who regularly runs propaganda against india...he is the main investor… pic.twitter.com/52B78GGFBC
— ANI (@ANI) August 12, 2024
जॉर्ज सोरोस कौन हैं?
जॉर्ज सोरोस एक प्रमुख हंगेरियन-अमेरिकी व्यवसायी, निवेशक और परोपकारी व्यक्ति हैं. उनकी कुल संपत्ति 6.7 बिलियन डॉलर है. उन्होंने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन में 32 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान दिया है, जिसमें से 15 बिलियन डॉलर पहले ही वितरित किए जा चुके हैं, जो उनकी मूल संपत्ति का 64 प्रतिशत है. फोर्ब्स ने उन्हें उनकी कुल संपत्ति के प्रतिशत के आधार पर सबसे उदार दाता के रूप में मान्यता दी है.
यहूदी परिवार में जन्म
यहूदी परिवार में जन्मे सोरोस हंगरी के नाजी कब्जे से बच निकले और 1947 में ब्रिटेन चले गए. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अपनी पढ़ाई की, जहां उन्होंने 1951 में दर्शनशास्त्र में विज्ञान स्नातक और 1954 में इसी क्षेत्र में विज्ञान में बैचलर की डिग्री प्राप्त की. सोरोस ने ब्रिटेन और अमेरिका में मर्चेंट बैंकों में अपनी प्रोफेशनल यात्रा शुरू की.
94 वर्षीय कारोबारी को प्रगतिशील और उदारवादी कारणों का समर्थन करने के लिए जाना जाता है, जो ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से अपने दान करते हैं.उन्होंने गरीबी को कम करने, पारदर्शिता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर छात्रवृत्ति और विश्वविद्यालयों को निधि देने के लिए बड़ा दान दिया.
पीएम मोदी की आलोचना
फरवरी 2023 में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से पहले बोलते हुए जॉर्ज सोरोस ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर की बिक्री को संबोधित किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वे लोकतंत्रवादी नहीं हैं और सुझाव दिया कि अडाणी प्रकरण संभावित रूप से भारत में लोकतंत्र के पुनरुत्थान का कारण बन सकता है.