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मोहन माझी: सरपंच से शुरू की राजनीति, चौथी बार विधायक बने...अब ओडिशा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनेंगे - Mohan Charan Majhi

Mohan Majhi New Odisha CM Profile: आदिवासी नेता मोहन चरण माझी ओडिशा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री होंगे. भाजपा विधायक की दल की बैठक में मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम पर मुहर लगी. 52 वर्षीय माझी क्योंझर से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. शपथ लेने के बाद वह ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री बनेंगे. जानें माझी का राजनीतिक सफर...

Mohan Majhi New Odisha CM Profile
मोहन चरण माझी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 11, 2024, 7:06 PM IST

भुवनेश्वर: आदिवासी समुदाय से आने वाले भाजपा विधायक मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे. भुवनेश्वर में मंगलवार को हुई भाजपा विधायकों की बैठक में 52 वर्षीय माझी को विधायक दल का नेता चुना गया. वह बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे. उनके साथ कनक वर्धन सिंह देव और प्रभाती परिदा भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.

करीब परिवार से आने वाले मोहन माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री बनेंगे. वह ओडिशा में भाजपा के अनुभवी नेता माने जाते हैं और राज्य के प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं. माना जा रहा है कि आदिवासी पहचान ने माझी को सीएम पद तक पहुंचाया. मोहन माझी क्योंझर सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. इस बार वह 11, 577 मतों के अंतर से विजयी हुए हैं. मोहन चरण माझी को 87,815 वोट मिले, जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी बीजेडी के मीनू माझी को 76,238 वोट मिले.

मोहन चरण माझी का चुनावी हलफनामा
मोहन चरण माझी का चुनावी हलफनामा (ETV Bharat)

2000 में पहली बार विधायक बने मोहन माझी
माझी ने गांव से राजनीति शुरू की थी और सरपंच भी रह चुके हैं. मोहन माझी पहली बार वर्ष 2000 में विधायक चुने गए थे. मोहन चरण माझी भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता हैं. वह लोगों की सेवा और संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं. मुख्यमंत्री पद के लिए उनका चयन ओडिशा में एक मजबूत आदिवासी दृष्टिकोण को दर्शाता है.

मोहन माझी के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्हों 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से 10वीं और 1990 में आनंदपुर कॉलेज से 12वीं कक्षा पास किया. इसके बाद उन्होंने क्योंझर के चंपुआ में चंद्रशेखर कॉलेज से बीए की डिग्री और ढेंकनाल लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की. चुनावी हलफनामे के मुताबिक मोहन माझी के ऊपर दो केस दर्ज हैं.

राजनीतिक सफर
मोहन चरण माझी 1997 से 2000 तक सरपंच के रूप में कार्य किया. वह ओआरवी अधिनियम के तहत एससी और एसटी की स्थायी समिति के सदस्य भी थे. माझी क्योंझर विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने हैं. इससे पहले वह 2000, 2004 और 2019 में विधायक चुने गए थे. भाजपा नेता माझी बीजेडी-भाजपा गठबंधन सरकार में उप-मुख्य सचेतक के रूप में कार्य कर चुके हैं. दोनों दल 2005 से 2009 तक राज्य में गठबंधन में थे.

मोहन माझी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया
भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुए. बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि विधायक दल की बैठक में सबसे पहले केवी सिंह ने हाथ उठाकर मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन चरण माझी का नाम आगे बढ़ाया. इसके बाद सभी विधायकों ने ताली बजाकर माझी को सीएम बनाने का समर्थन किया. सिंह ने कहा कि मोहन माझी को सर्वसम्मति से ओडिशा भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है.

ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 147 में से 78 सीटें जीतकर नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को करारी शिकस्त दी. भाजपा पहली बार अपने दम पर राज्य की सत्ता में आई है. मोहन चरण माझी राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- ओडिशा के नए सीएम होंगे मोहन चरण माझी, भाजपा विधायक दल की बैठक में हुआ ऐलान

भुवनेश्वर: आदिवासी समुदाय से आने वाले भाजपा विधायक मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे. भुवनेश्वर में मंगलवार को हुई भाजपा विधायकों की बैठक में 52 वर्षीय माझी को विधायक दल का नेता चुना गया. वह बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे. उनके साथ कनक वर्धन सिंह देव और प्रभाती परिदा भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.

करीब परिवार से आने वाले मोहन माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री बनेंगे. वह ओडिशा में भाजपा के अनुभवी नेता माने जाते हैं और राज्य के प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं. माना जा रहा है कि आदिवासी पहचान ने माझी को सीएम पद तक पहुंचाया. मोहन माझी क्योंझर सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. इस बार वह 11, 577 मतों के अंतर से विजयी हुए हैं. मोहन चरण माझी को 87,815 वोट मिले, जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी बीजेडी के मीनू माझी को 76,238 वोट मिले.

मोहन चरण माझी का चुनावी हलफनामा
मोहन चरण माझी का चुनावी हलफनामा (ETV Bharat)

2000 में पहली बार विधायक बने मोहन माझी
माझी ने गांव से राजनीति शुरू की थी और सरपंच भी रह चुके हैं. मोहन माझी पहली बार वर्ष 2000 में विधायक चुने गए थे. मोहन चरण माझी भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता हैं. वह लोगों की सेवा और संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं. मुख्यमंत्री पद के लिए उनका चयन ओडिशा में एक मजबूत आदिवासी दृष्टिकोण को दर्शाता है.

मोहन माझी के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्हों 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से 10वीं और 1990 में आनंदपुर कॉलेज से 12वीं कक्षा पास किया. इसके बाद उन्होंने क्योंझर के चंपुआ में चंद्रशेखर कॉलेज से बीए की डिग्री और ढेंकनाल लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की. चुनावी हलफनामे के मुताबिक मोहन माझी के ऊपर दो केस दर्ज हैं.

राजनीतिक सफर
मोहन चरण माझी 1997 से 2000 तक सरपंच के रूप में कार्य किया. वह ओआरवी अधिनियम के तहत एससी और एसटी की स्थायी समिति के सदस्य भी थे. माझी क्योंझर विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने हैं. इससे पहले वह 2000, 2004 और 2019 में विधायक चुने गए थे. भाजपा नेता माझी बीजेडी-भाजपा गठबंधन सरकार में उप-मुख्य सचेतक के रूप में कार्य कर चुके हैं. दोनों दल 2005 से 2009 तक राज्य में गठबंधन में थे.

मोहन माझी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया
भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुए. बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि विधायक दल की बैठक में सबसे पहले केवी सिंह ने हाथ उठाकर मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन चरण माझी का नाम आगे बढ़ाया. इसके बाद सभी विधायकों ने ताली बजाकर माझी को सीएम बनाने का समर्थन किया. सिंह ने कहा कि मोहन माझी को सर्वसम्मति से ओडिशा भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है.

ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 147 में से 78 सीटें जीतकर नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को करारी शिकस्त दी. भाजपा पहली बार अपने दम पर राज्य की सत्ता में आई है. मोहन चरण माझी राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- ओडिशा के नए सीएम होंगे मोहन चरण माझी, भाजपा विधायक दल की बैठक में हुआ ऐलान

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