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मंत्रियों के लिए ड्रेस कोड क्या है? मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछे सवाल

अपनी याचिका में वकील ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड के संबंध में 2019 में जारी एक सरकारी आदेश की ओर भी ध्यान दिलाया.

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मद्रास हाई कोर्ट (फाइल) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 29, 2024, 6:09 PM IST

चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट में वकील सत्यकुमार ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि, तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते समय ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हैं. याचिका में कहा गया है कि, तमिलनाडु सरकार ने 2019 में एक अध्यादेश जारी कर सभी सरकारी कर्मचारियों से औपचारिक पोशाक पहनने का आग्रह किया था.

साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करने का निर्देश देने की मांग की गई है. वहीं, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने उल्लेख किया है कि, वह सरकारी कार्यों में डीएमके के उदयसूर्यन (सूर्योदय) प्रतीक वाली टी-शर्ट पहनते हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि, सरकारी कर्मचारियों को सरकारी समारोहों में भाग लेने के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतीकों को प्रदर्शित करने से प्रतिबंधित किया गया है. याचिका में कहा गया है कि, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को सरकारी समारोहों में औपचारिक कपड़े पहनने का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि वह ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हैं.

अपनी याचिका में सत्य कुमार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड के संबंध में 2019 में जारी एक सरकारी आदेश की ओर भी ध्यान दिलाया. सरकारी आदेश में कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों को डयूटी के दौरान कार्यस्थल के अनुसार साफ-सुथरी, मर्यादित औपचारिक पोशाक पहननी चाहिए, ताकि ड्यूटी के दौरान कार्यालय की मर्यादा बनी रहे.

जैसे कि महिला सरकारी कर्मचारियों के मामले में साड़ी या सलवार कमीज, दुपट्टे के साथ हो. जबकि पुरुष सरकारी कर्मचारियों के मामले में औपचारिक पैंट या वेष्टी (धोती) के साथ शर्ट पहनी जाए, जो तमिल संस्कृति या किसी भी भारतीय पारंपरिक पोशाक को दर्शाती हो. आदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों से औपचारिक पोशाक पहनने का आग्रह किया गया था.

यह मामला न्यायाधीश कृष्णकुमार और बालाजी की बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए आया. याचिकाकर्ता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री का टी-शर्ट पहनना आदेश के विरुद्ध है. तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए ए-जी (एडवोकेट-जनरल) पीएस रमन ने कहा कि, तमिलनाडु सरकार का आदेश केवल सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मंत्रियों पर लागू नहीं होता.

कोर्ट ने सवाल किया, "तो, क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड पर अध्यादेश संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर लागू होता है? टी-शर्ट कैजुअल वियर? क्या संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए कोई ड्रेस कोड है?" इसके बाद पीठ ने तमिलनाडु सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.

ये भी पढ़ें:'तलाक सिर्फ कोर्ट से लिया जा सकता है, शरीयत काउंसिल अदालत...', हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट में वकील सत्यकुमार ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि, तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते समय ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हैं. याचिका में कहा गया है कि, तमिलनाडु सरकार ने 2019 में एक अध्यादेश जारी कर सभी सरकारी कर्मचारियों से औपचारिक पोशाक पहनने का आग्रह किया था.

साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करने का निर्देश देने की मांग की गई है. वहीं, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने उल्लेख किया है कि, वह सरकारी कार्यों में डीएमके के उदयसूर्यन (सूर्योदय) प्रतीक वाली टी-शर्ट पहनते हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि, सरकारी कर्मचारियों को सरकारी समारोहों में भाग लेने के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतीकों को प्रदर्शित करने से प्रतिबंधित किया गया है. याचिका में कहा गया है कि, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को सरकारी समारोहों में औपचारिक कपड़े पहनने का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि वह ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हैं.

अपनी याचिका में सत्य कुमार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड के संबंध में 2019 में जारी एक सरकारी आदेश की ओर भी ध्यान दिलाया. सरकारी आदेश में कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों को डयूटी के दौरान कार्यस्थल के अनुसार साफ-सुथरी, मर्यादित औपचारिक पोशाक पहननी चाहिए, ताकि ड्यूटी के दौरान कार्यालय की मर्यादा बनी रहे.

जैसे कि महिला सरकारी कर्मचारियों के मामले में साड़ी या सलवार कमीज, दुपट्टे के साथ हो. जबकि पुरुष सरकारी कर्मचारियों के मामले में औपचारिक पैंट या वेष्टी (धोती) के साथ शर्ट पहनी जाए, जो तमिल संस्कृति या किसी भी भारतीय पारंपरिक पोशाक को दर्शाती हो. आदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों से औपचारिक पोशाक पहनने का आग्रह किया गया था.

यह मामला न्यायाधीश कृष्णकुमार और बालाजी की बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए आया. याचिकाकर्ता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री का टी-शर्ट पहनना आदेश के विरुद्ध है. तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए ए-जी (एडवोकेट-जनरल) पीएस रमन ने कहा कि, तमिलनाडु सरकार का आदेश केवल सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मंत्रियों पर लागू नहीं होता.

कोर्ट ने सवाल किया, "तो, क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड पर अध्यादेश संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर लागू होता है? टी-शर्ट कैजुअल वियर? क्या संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए कोई ड्रेस कोड है?" इसके बाद पीठ ने तमिलनाडु सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.

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