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लोकसभा में चर्चित तिरुचेंथुरई गांव की क्या है सच्चाई, क्या यहां वक्फ का है कब्जा ? जानें गांववालों की जुबानी - Truth of Thiruchendurai Village

केंद्र सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश करते हुए लोकसभा में बताया था कि तिरुचेंथुरई गांव में वक्फ बोर्ड ने 389 एकड़ जमीन पर अपने स्वामित्व का दावा किया था. हालांकि यहां बताया जा रहा है कि डीड पंजीकरण पर कोई प्रतिबंध नहीं है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि डर के कारण कोई भी जमीन खरीदने के लिए आगे नहीं आता है.

Truth of Tiruchenthurai village in Lok Sabha
लोकसभा में तिरुचेंथुरई गांव की सच्चाई (फोटो - ETV Bharat Tamil Nadu)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 10, 2024, 6:24 PM IST

लोकसभा में तिरुचेंथुरई गांव की सच्चाई (वीडियो - ETV Bharat Tamil Nadu)

त्रिची: श्रीरंगम निर्वाचन क्षेत्र में तिरुचेंथुरई गांव स्थित है. इस गांव का नाम केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में घोषित किया. 2022 से यह गांव वक्फ बोर्ड भूमि विवाद के कारण सुर्खियों में है. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार (8 अगस्त) को संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया.

उस समय बोलते हुए उन्होंने कहा कि "त्रिची तिरुचेंथुरई गांव में कई एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड की घोषित किया गया है." इसके बाद ईटीवी भारत ने गांव की मौजूदा स्थिति को जानने के लिए अपनी एक टीम को वहां भेजा. हमारे संवाददाता ने ग्रामीणों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की.

जीयापुरम के पास तिरुचेंथुरई गांव कावेरी नदी के दक्षिणी तट पर बसा एक खूबसूरत कृषि प्रधान गांव है. इस इलाके में जहां हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते हैं, चोल काल के दौरान बना 1,500 साल पुराना तिरुचेंथुरई चंद्रशेखर स्वामी मंदिर स्थित है. पिछले साल सितंबर 2022 में इस गांव के एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी के लिए अपनी ज़मीन बेचने की कोशिश की.

जब वह डीड ऑफिस गया तो उसे बताया गया कि उसे चेन्नई में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड के कार्यालय से 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' प्राप्त करना होगा. न केवल वह हैरान था, बल्कि पूरे गांव ने इसका विरोध किया. तिरुचेंथुरई गांव के डॉक्टर राजा के अनुसार, "वे कहते हैं कि कुल 389 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की है. लेकिन उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है."

उन्होंने कहा कि "केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई कर रही है. इसी तरह, तमिलनाडु सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि वक्फ बोर्ड इस जमीन का मालिक नहीं है, बल्कि यह गांव के मूल निवासियों की है. जिला प्रशासन ने कहा है कि गांव में फिलहाल डीड रजिस्ट्रेशन पर कोई रोक नहीं है."

डॉ. राजा ने आगे कहा कि "लेकिन वक्फ बोर्ड की इस समस्या के डर से जमीन की बिक्री पूरी तरह प्रभावित हो गई है. इस कस्बे में जमीन खरीदने के लिए कोई आगे नहीं आता. इस वजह से जो लोग जल्दी में जमीन बेचना चाहते हैं, उन्हें कीमत पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है."

इस मामले में त्रिची जिला कलेक्टर ने प्रेस को बताया कि "वर्ष 2022 में वक्फ बोर्ड की ओर से उप-पंजीयक कार्यालय में अपील की गई थी, जिसमें त्रिची के तिरुचेंथुरई गांव में वक्फ बोर्ड की 389 एकड़ जमीन के बारे में बताया गया था. इसके कारण बांड पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए थे. इस स्थिति में, उस क्षेत्र के सभी लोगों ने सिलसिलेवार विरोध प्रदर्शन किए और अपना विरोध जताया."

उन्होंने कहा कि "इसके बाद वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के साथ शांति वार्ता की गई. इसके बाद बातचीत के आधार पर तय हुआ कि डीड रजिस्टर करने पर कोई रोक नहीं है. फिलहाल तिरुचेंथुरई गांव में जमीन खरीदने-बेचने पर कोई रोक नहीं है." हालांकि सरकार का दावा है कि अस्थायी समाधान मिल गया है, लेकिन तिरुचेंथुरई के ग्रामीणों की मांग है कि लोगों के मन में डर को दूर करके ही उन्हें शांति से जीने का रास्ता मिलेगा.

लोकसभा में तिरुचेंथुरई गांव की सच्चाई (वीडियो - ETV Bharat Tamil Nadu)

त्रिची: श्रीरंगम निर्वाचन क्षेत्र में तिरुचेंथुरई गांव स्थित है. इस गांव का नाम केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में घोषित किया. 2022 से यह गांव वक्फ बोर्ड भूमि विवाद के कारण सुर्खियों में है. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार (8 अगस्त) को संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया.

उस समय बोलते हुए उन्होंने कहा कि "त्रिची तिरुचेंथुरई गांव में कई एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड की घोषित किया गया है." इसके बाद ईटीवी भारत ने गांव की मौजूदा स्थिति को जानने के लिए अपनी एक टीम को वहां भेजा. हमारे संवाददाता ने ग्रामीणों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की.

जीयापुरम के पास तिरुचेंथुरई गांव कावेरी नदी के दक्षिणी तट पर बसा एक खूबसूरत कृषि प्रधान गांव है. इस इलाके में जहां हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते हैं, चोल काल के दौरान बना 1,500 साल पुराना तिरुचेंथुरई चंद्रशेखर स्वामी मंदिर स्थित है. पिछले साल सितंबर 2022 में इस गांव के एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी के लिए अपनी ज़मीन बेचने की कोशिश की.

जब वह डीड ऑफिस गया तो उसे बताया गया कि उसे चेन्नई में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड के कार्यालय से 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' प्राप्त करना होगा. न केवल वह हैरान था, बल्कि पूरे गांव ने इसका विरोध किया. तिरुचेंथुरई गांव के डॉक्टर राजा के अनुसार, "वे कहते हैं कि कुल 389 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की है. लेकिन उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है."

उन्होंने कहा कि "केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई कर रही है. इसी तरह, तमिलनाडु सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि वक्फ बोर्ड इस जमीन का मालिक नहीं है, बल्कि यह गांव के मूल निवासियों की है. जिला प्रशासन ने कहा है कि गांव में फिलहाल डीड रजिस्ट्रेशन पर कोई रोक नहीं है."

डॉ. राजा ने आगे कहा कि "लेकिन वक्फ बोर्ड की इस समस्या के डर से जमीन की बिक्री पूरी तरह प्रभावित हो गई है. इस कस्बे में जमीन खरीदने के लिए कोई आगे नहीं आता. इस वजह से जो लोग जल्दी में जमीन बेचना चाहते हैं, उन्हें कीमत पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है."

इस मामले में त्रिची जिला कलेक्टर ने प्रेस को बताया कि "वर्ष 2022 में वक्फ बोर्ड की ओर से उप-पंजीयक कार्यालय में अपील की गई थी, जिसमें त्रिची के तिरुचेंथुरई गांव में वक्फ बोर्ड की 389 एकड़ जमीन के बारे में बताया गया था. इसके कारण बांड पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए थे. इस स्थिति में, उस क्षेत्र के सभी लोगों ने सिलसिलेवार विरोध प्रदर्शन किए और अपना विरोध जताया."

उन्होंने कहा कि "इसके बाद वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के साथ शांति वार्ता की गई. इसके बाद बातचीत के आधार पर तय हुआ कि डीड रजिस्टर करने पर कोई रोक नहीं है. फिलहाल तिरुचेंथुरई गांव में जमीन खरीदने-बेचने पर कोई रोक नहीं है." हालांकि सरकार का दावा है कि अस्थायी समाधान मिल गया है, लेकिन तिरुचेंथुरई के ग्रामीणों की मांग है कि लोगों के मन में डर को दूर करके ही उन्हें शांति से जीने का रास्ता मिलेगा.

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