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क्या है फ्लाइट टिकट पर लगने वाला 'CUTE' चार्ज? क्यों लगता है यह, जानें - Flight Ticket

CUTE Charge Of Airlines: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक यूजर ने बताया कि एयरलाइन कंपनी उससे CUTE चार्ज वसूला है. बता दें कि यह एक तरह का चार्ज है, जो यात्रियों से वसूला जाता है.

क्या है क्यूट चार्ज ?
क्या है क्यूट चार्ज ? (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2024, 5:09 PM IST

नई दिल्ली: फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में फ्लाइट टिकट की कीमतें आसमान छूने लगेंगी. दशहरा, दिवाली, छठ जैसे त्योहारों पर तो डिमांड बढ़ने की वजह फ्लाइट कीमतों में काफी इजाफा हो जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं विमान कंपनियां आपसे कई तरह के चार्ज वसूल करती हैं. ऐसा ही एक चार्ज है क्यूट (CUTE ) चार्ज.

दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक यूजर ने बताया कि एयरलाइन कंपनी उससे CUTE चार्ज वसूला है, जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स इस CUTE चार्जेस को लेकर तरह-तरह के कमेंट्स करने लगे. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि यह क्यूट चार्ज क्या होता है?

कितनी तरह के लगते हैं चार्ज?
बता दें कि विमान कंपनियां आपसे फ्लाइट टिकट पर कई तरह के चार्ज वसूलती हैं. इनमें सर्विस चार्ज से लेकर सिक्योरिटी फीस तक शामिल होता है. एविएशन रेगुलेटर DGCA की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार आपके टिकट पर लगने वाले चार्ज को चार भाग में बांटा गया है. इनमें एयरलाइन कंपोनेंट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एयरपोर्ट ऑपरेटर और सरकार शामिल है.

क्यों वसूला जाता है CUTE चार्ज?
एयरलाइन कंपोनेंट में सबसे पहले फ्लाइट टिकट का बेसिक फेयर आता है. इसके बाद इस कंपोनेंट में एयरलाइन में आपसे फ्यूल चार्ज भी लेती है. कॉमन यूजर टर्मिनल इक्विपमेंट (CUTE) फीस भी इस कंपोनेंट में शामिल होती है. इसमें एयरपोर्ट पर इस्तेमाल होने वाली मेटल डिटेक्टिंग मशीन, एस्केलेटर और दूसरे डिवाइस का चार्ज वसूला जाता है.

इतना ही विमान कंपनिया ग्राहकों से सुविधा शुल्क भी वसूलती हैं. यानी अगर आपने अपनी फ्लाइट टिकट की बुकिंग के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है, तो आपसे ये चार्ज आपसे वसूला जाता है.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया वसूलती है ये चार्ज
विमान कंपनियों के लिए आपसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी चार्ज वसूल करती है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व आपसे पैसेंजर सर्विस फीस लेती है. ये चार्जेस यात्री से एयरपोर्ट पर उनकी सिक्योरिटी के बदले लिया जाता है. हालांकि ये चार्ज सभी एयरपोर्ट पर नहीं लगता है.

एयरपोर्ट ऑपरेटर
एयरपोर्ट ऑपरेटर में एयरपोर्ट डेवलपमेंट फीस और यूजर डेवलपमेंट फीस फीस जैसे चार्ज आते हैं. फ्लाइट टिकट में UDF एक बड़ा कंपोनेंट होता है. इसमें पैसेंजर्स से हवाई अड्डे के डेवलपमेंट के लिए चार्ज वसूला जाता है.

सरकार भी लेती है टैक्स
अंत में सरकार भी यात्रियों से सर्विस टैक्स वसूलती है. ये चार्ज फ्लाइट टिकट पर आपसे GST के रूप मेंवसूला जाता है.

नई दिल्ली: फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में फ्लाइट टिकट की कीमतें आसमान छूने लगेंगी. दशहरा, दिवाली, छठ जैसे त्योहारों पर तो डिमांड बढ़ने की वजह फ्लाइट कीमतों में काफी इजाफा हो जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं विमान कंपनियां आपसे कई तरह के चार्ज वसूल करती हैं. ऐसा ही एक चार्ज है क्यूट (CUTE ) चार्ज.

दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक यूजर ने बताया कि एयरलाइन कंपनी उससे CUTE चार्ज वसूला है, जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स इस CUTE चार्जेस को लेकर तरह-तरह के कमेंट्स करने लगे. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि यह क्यूट चार्ज क्या होता है?

कितनी तरह के लगते हैं चार्ज?
बता दें कि विमान कंपनियां आपसे फ्लाइट टिकट पर कई तरह के चार्ज वसूलती हैं. इनमें सर्विस चार्ज से लेकर सिक्योरिटी फीस तक शामिल होता है. एविएशन रेगुलेटर DGCA की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार आपके टिकट पर लगने वाले चार्ज को चार भाग में बांटा गया है. इनमें एयरलाइन कंपोनेंट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एयरपोर्ट ऑपरेटर और सरकार शामिल है.

क्यों वसूला जाता है CUTE चार्ज?
एयरलाइन कंपोनेंट में सबसे पहले फ्लाइट टिकट का बेसिक फेयर आता है. इसके बाद इस कंपोनेंट में एयरलाइन में आपसे फ्यूल चार्ज भी लेती है. कॉमन यूजर टर्मिनल इक्विपमेंट (CUTE) फीस भी इस कंपोनेंट में शामिल होती है. इसमें एयरपोर्ट पर इस्तेमाल होने वाली मेटल डिटेक्टिंग मशीन, एस्केलेटर और दूसरे डिवाइस का चार्ज वसूला जाता है.

इतना ही विमान कंपनिया ग्राहकों से सुविधा शुल्क भी वसूलती हैं. यानी अगर आपने अपनी फ्लाइट टिकट की बुकिंग के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है, तो आपसे ये चार्ज आपसे वसूला जाता है.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया वसूलती है ये चार्ज
विमान कंपनियों के लिए आपसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी चार्ज वसूल करती है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व आपसे पैसेंजर सर्विस फीस लेती है. ये चार्जेस यात्री से एयरपोर्ट पर उनकी सिक्योरिटी के बदले लिया जाता है. हालांकि ये चार्ज सभी एयरपोर्ट पर नहीं लगता है.

एयरपोर्ट ऑपरेटर
एयरपोर्ट ऑपरेटर में एयरपोर्ट डेवलपमेंट फीस और यूजर डेवलपमेंट फीस फीस जैसे चार्ज आते हैं. फ्लाइट टिकट में UDF एक बड़ा कंपोनेंट होता है. इसमें पैसेंजर्स से हवाई अड्डे के डेवलपमेंट के लिए चार्ज वसूला जाता है.

सरकार भी लेती है टैक्स
अंत में सरकार भी यात्रियों से सर्विस टैक्स वसूलती है. ये चार्ज फ्लाइट टिकट पर आपसे GST के रूप मेंवसूला जाता है.

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