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क्या करता है सेबी? हिंडनबर्ग बनाम अडाणी जांच में क्या है इसकी भूमिका? जानें - Hindenburg vs Adani probe

What Does Sebi Do: हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति का अडाणी ग्रुप से संबंध है, जिससे हितों का टकराव हो रहा है.

क्या करता है सेबी?
क्या करता है सेबी? (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 11, 2024, 2:42 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के अडाणी समूह के साथ संबंध हैं. सेबी ने बाजार नियामक की चेयरपर्सन पर हितों के टकराव का आरोप भी लगाया, जिससे गौतम अडाणी के समूह में हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोपों की गहन जांच में बाधा उत्पन्न हुई.

रिपोर्ट में कहा गया गै कि जब धवल बुच वरिष्ठ सलाहकार थे, और उनकी पत्नी सेबी की अधिकारी थीं, तब ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को प्रायोजित किया था, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT था जिसे सार्वजनिक रूप से IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली थी. हालांकि, बुच ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है.

क्या है सेबी और क्या हैं इसके कार्य?
• द सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का काम इंवेस्टर्स के हितों की रक्षा करने, सिक्योरिटीज मार्कोट की के डेवलपमेंट को प्रमोट करना और उसे सेबी एक्ट 1992 के तहत रेगूलेट करना है.

• सेबी के पास नियम बनाने, उन्हें लागू करने और सेबी अधिनियम, सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट (विनियमन) अधिनियम, 1956, डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996, कंपनी अधिनियम, 2013 और अन्य के तहत विवादों का निपटारा करने का अधिकार है.

• सेबी भारत में सिक्योरिटी मार्केट के डेवलपमेंट और विनियमन के लिए काम करता है, जागरूकता कार्यक्रमों, वित्तीय साक्षरता पहलों और निवेशकों की शिकायतों को दूर करने के माध्यम से निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है.

• सेबी इंटरनेशनल ओर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज (IOSCO) के तहत ग्लोबल सिक्योरिटीज स्टैंडर्ड पर भी काम करता है

सेबी अडाणी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा है
सेबी ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच शुरू की थी. फर्म ने समूह पर शेयर मूल्य हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. पिछले साल, सेबी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल को सूचित किया कि वह अडाणी के सार्वजनिक रूप से कारोबार किए जाने वाले शेयरों में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखने वाली 13 अपारदर्शी अपतटीय संस्थाओं की जांच कर रहा है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की याचिका को खारिज कर दिया

सेबी ने हिंडेनबर्ग पर अनुचित लाभ कमाने का आरोप लगाया

हालांकि, सेबी ने इस साल की शुरुआत में अडाणी की प्रमुख कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भेजा था, लेकिन जांच की अंतिम रिपोर्ट, जिसे अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट को सौंपना था, अभी भी लंबित है. इसके अलावा पिछले महीने सेबी ने हिंडेनबर्ग को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें फर्म पर सांठगांठ के माध्यम से अनुचित लाभ कमाने और अडाणी समूह के शेयरों में पेनिक सेलिंग करने के लिए गैर-सार्वजनिक और भ्रामक जानकारी का उपयोग करने का आरोप लगाया.

सेबी के अनुसार, हिंडेनबर्ग ने अडाणी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट की एक एडवांस कॉपी न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर के साथ साझा की थी, जिसके परिणामस्वरूप शेयर मूल्य में उतार-चढ़ाव से लाभ हुआ.

यह भी पढ़ें- REIT क्या है और हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में क्यों जोड़ा जा रहा है धवल बुच, सेबी और ब्लैकस्टोन का नाम?

नई दिल्ली: अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के अडाणी समूह के साथ संबंध हैं. सेबी ने बाजार नियामक की चेयरपर्सन पर हितों के टकराव का आरोप भी लगाया, जिससे गौतम अडाणी के समूह में हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोपों की गहन जांच में बाधा उत्पन्न हुई.

रिपोर्ट में कहा गया गै कि जब धवल बुच वरिष्ठ सलाहकार थे, और उनकी पत्नी सेबी की अधिकारी थीं, तब ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को प्रायोजित किया था, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT था जिसे सार्वजनिक रूप से IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली थी. हालांकि, बुच ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है.

क्या है सेबी और क्या हैं इसके कार्य?
• द सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का काम इंवेस्टर्स के हितों की रक्षा करने, सिक्योरिटीज मार्कोट की के डेवलपमेंट को प्रमोट करना और उसे सेबी एक्ट 1992 के तहत रेगूलेट करना है.

• सेबी के पास नियम बनाने, उन्हें लागू करने और सेबी अधिनियम, सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट (विनियमन) अधिनियम, 1956, डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996, कंपनी अधिनियम, 2013 और अन्य के तहत विवादों का निपटारा करने का अधिकार है.

• सेबी भारत में सिक्योरिटी मार्केट के डेवलपमेंट और विनियमन के लिए काम करता है, जागरूकता कार्यक्रमों, वित्तीय साक्षरता पहलों और निवेशकों की शिकायतों को दूर करने के माध्यम से निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है.

• सेबी इंटरनेशनल ओर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज (IOSCO) के तहत ग्लोबल सिक्योरिटीज स्टैंडर्ड पर भी काम करता है

सेबी अडाणी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा है
सेबी ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच शुरू की थी. फर्म ने समूह पर शेयर मूल्य हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. पिछले साल, सेबी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल को सूचित किया कि वह अडाणी के सार्वजनिक रूप से कारोबार किए जाने वाले शेयरों में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखने वाली 13 अपारदर्शी अपतटीय संस्थाओं की जांच कर रहा है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की याचिका को खारिज कर दिया

सेबी ने हिंडेनबर्ग पर अनुचित लाभ कमाने का आरोप लगाया

हालांकि, सेबी ने इस साल की शुरुआत में अडाणी की प्रमुख कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भेजा था, लेकिन जांच की अंतिम रिपोर्ट, जिसे अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट को सौंपना था, अभी भी लंबित है. इसके अलावा पिछले महीने सेबी ने हिंडेनबर्ग को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें फर्म पर सांठगांठ के माध्यम से अनुचित लाभ कमाने और अडाणी समूह के शेयरों में पेनिक सेलिंग करने के लिए गैर-सार्वजनिक और भ्रामक जानकारी का उपयोग करने का आरोप लगाया.

सेबी के अनुसार, हिंडेनबर्ग ने अडाणी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट की एक एडवांस कॉपी न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर के साथ साझा की थी, जिसके परिणामस्वरूप शेयर मूल्य में उतार-चढ़ाव से लाभ हुआ.

यह भी पढ़ें- REIT क्या है और हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में क्यों जोड़ा जा रहा है धवल बुच, सेबी और ब्लैकस्टोन का नाम?

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