कोलकाता : पश्चिम बंगाल की पुलिस ने गुरुवार 13 जून को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया. बता दें, भाजपा नेता राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें राज्यपाल आवास के बाहर सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए प्रवेश करने से रोक दिया.
राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह कोलकाता पुलिस के इस मनमाने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल आवास के बाहर सीआरपीसी की धारा 144 लागू है, जिसके तहत बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर रोक है. सुवेंदु अधिकारी राज्यपाल से इसलिए लिए मिलना चाहते थे, क्योंकि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों के लिए वे राज्यपाल से न्याय की मांग कर सकें. लेकिन जैसे ही अधिकारी राजभवन परिसर में प्रवेश करने वाले थे, उनकी कार को चुनाव-पश्चात हिंसा के पीड़ितों को ले जा रहे अन्य वाहनों के साथ धारा 144 का हवाला देते हुए रोक दिया गया.
इस घटना के बाद उन्होंने कहा कि मैंने एक घंटे से ज्यादा समय तक इंतजार किया लेकिन पुलिस हमें अंदर नहीं जाने दी. राज्यपाल ने मुझे मिलने का समय दिया था और पुलिस ने उनके निर्देशों का उल्लंघन करने की हिम्मत की. मैंने राज्यपाल के दफ्तर से भी संपर्क किया. चूंकि पुलिस ने मुझे राजभवन परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया है, इसलिए राज्यपाल के एडीसी ने मुझे बताया कि राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है.
अधिकारी ने कहा कि हम यहां कोई रैली नहीं कर रहे थे. हम करीब 200 पीड़ितों (चुनाव के बाद हुई हिंसा के) को लेकर आए हैं, जिन्हें राज्यपाल ने राजभवन आने की अनुमति दी है. भाजपा नेता ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि वह पुलिस के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
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