देहरादून: केदारनाथ घाटी में लैंडस्लाइड और भारी बारिश के बाद आपदा जैसे हालात बने हुए हैं. लैंडस्लाइड और भारी बारिश के बाद केदारनाथ पैदलमार्ग पर हजारों यात्री फंस गए थे. जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. आज रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दिन है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन केदारघाटी में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. केदारनाथ के पैदलमार्गों पर रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम रोड़ा बन रहा है, जिसके कारण सेना का MI17 और चिनूक पुल फ्लैस काम नहीं कर पा रहे हैं.
हेल्पलाइन नबंर जारी: केदारनाथ पैदलमार्ग में फंसे 6,980 श्रद्धालुओं को अभी तक रेस्क्यू कर लिया गया है जिला प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों के परिजनों के लिए हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किये हैं. तीर्थयत्रियों के परिजन जानकारी के लिए इन नंबरों हेल्पलाइन नंबर 7579257572, 01364- 233387, 8958757335, 01364-297878, 01364-297879, 918078687829, 917579104738, 01364- 233727, 01364- 2331077 पर संपर्क कर सकते हैं
15 दिनों के लिए रसद मौजूद: आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जहां पर मार्ग टूटे हुए हैं, उससे ऊपर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर रखा गया है और वहां पर अगले 10 से 15 दिनों की रसद पूरी तरह से मौजूद है. उन्होंने कहा कि आज इलेक्ट्रिसिटी और इंटरनेट को बहाल कर दिया गया है. हालांकि अभी कॉलिंग की व्यवस्था नहीं हैं, लेकिन इंटरनेट पर व्हाट्सएप कॉलिंग के माध्यम से केदारनाथ में फंसे हुए लोग अपने परिजनों से बातचीत कर सकते हैं.
रेस्क्यू अभियान में मौसम डाल रहा खलल: आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि रेस्क्यू अभियान को खराब मौसम के चलते रोकना पड़ा है. एयरलिफ्ट रेस्क्यू के जरिए सुबह से 541 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. MI17 ने केदारनाथ धाम का एक चक्कर लगाकर 15 लोगों को एयरलिफ्ट किया, जबकि चिनूक हेलीकॉप्टर को मौसम खराब होने की वजह से आधे रास्ते में ही रोक दिया गया. अब तक इस आपदा में कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
मौसम साफ होते ही मार्ग होंगे बहाल: विनोद कुमार सुमन ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली से लेकर केदारनाथ धाम तक अलग-अलग जगह पर तकरीबन 5 से 6 जगह पर रास्ता टूटा है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच में भी मोटर मार्ग बाधित है. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन अपनी पूरी ताकत के साथ मार्गों को बहाल करने में लगा हुआ है, लेकिन मौसम एक बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहा है. ऐसे में कहना संभव नहीं होगा कि कब तक रिस्टोरेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, अगर मौसम साफ होता है, तो अगले तीन से चार दिनों में सभी मार्गों को सुचारु किया जा सकता है.
श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया भोजन और पानी: जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि बीते रोज सुबह से ही यात्रा के मुख्य पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं के लिए फूड पैकेट और पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी और चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे तक लगभग 18000 फूड पैकेट्स और करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि जीएमवीएन और स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है.
286 लोगों को दी गई चिकित्सा सुविधा: अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल गुसाईं ने बताया कि अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुंड और शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है. आज साढ़े तीन बजे तक 582 लोगों को हेली सेवाओं से एयरलिफ्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 1500 से अधिक लोगों का मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है.
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