जयपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आपातकाल को देश का काला अध्याय बताया और कहा कि 25 जून संविधान हत्या दिवस है. यह आने वाली पीढ़ी को याद रखना जरूरी है. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, आज कुछ लोग देश-विदेश में ऐसे लोगों से चर्चा करते हैं, जो हमारे हित में नहीं हैं. वे जयपुर में हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने देश के हालात को चिंताजनक बताते हुए कहा, हमारे सामने कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जो चुनौतीपूर्ण हैं. क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का समाधान विश्व को भारत ही दे सकता है. हमारे पास रहने को कोई दूसरा ग्रह नहीं है. अगर लोग हमारे दर्शन को मानते तो हम कभी क्लाइमेट चेंज आने ही नहीं देते.
जब भारत मां के सीने में चाकू घोंपा जाता है: उन्होंने कहा, बहुत बड़ी चुनौती देश के सामने है. राष्ट्रभक्ति, भारतीयता हमारी पहचान है. राष्ट्रधर्म हमारा परम कर्तव्य है. निजी और राजनीतिक हित को राष्ट्रहित से ऊपर नहीं रख सकते. बड़ी पीड़ा होती है जब भारत मां के ऊपर चाकू घोंपा जाता है. कई लोग भ्रमित होकर चर्चा करते हैं. हमें ऐसी ताकतों को काबू में करना चाहिए. हमारी हजारों साल की संस्कृति है. इस देश ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया है. देश में बहुत बड़ा हवन हो रहा है. हम सबको उसमें आहुति देनी है.
मोदी सरकार के तीन कार्यकाल की रॉकेट से तुलना: उन्होंने कहा कि 2014 में रॉकेट उड़ने की स्थिति में था. जब रॉकेट ऊपर उठता है, तो बहुत दिक्कत आती है. उस समय देश निराशा में था. लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे थे. लेकिन रॉकेट पूरी ताकत से ऊपर उठा. एक अच्छा काम हो गया. 2019 में रॉकेट गुरुत्वाकर्षण से ऊपर निकल गया. रॉकेट संकटों के बावजूद, कड़ी चुनौतियों और नैगेटिव मिस इनफॉरमेशन के बाद भी नहीं रुका. अब 2024 में हमारा रॉकेट स्पेस में है और गति पकड़ रहा है. ऐसी स्थिति में हमारा कमिटमेंट नेशनलिज्म के लिए सौ फीसदी होना चाहिए.
चुप रहने का समय नहीं, शताब्दी का अहम पड़ाव: धनखड़ बोले कि कुछ लोग देश-विदेश में ऐसे लोगों से चर्चा करते हैं. जो हमरे हित में नहीं है. चिंता होती है कि इतना माद्दा लोग लाते कहां से हैं कि देश और विदेश में उन लोगों के साथ बैठे, जो राष्ट्र के हितकारी नहीं है. वे राष्ट्र को तोड़ना चाहते हैं. जिनका सनातन में विश्वास नहीं है. जो सनातन को एक संकट मानते हैं, वे नासमझी के परिचायक हैं. इससे भी गंभीर बात है कि उनका विरोध करने वाली आवाज कम नहीं होनी चाहिए. यह समय चुप रहने का नहीं है. यह शताब्दी का महत्वपूर्ण पड़ाव है.
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आपातकाल का भी किया जिक्र: उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश पर संकट कम नहीं आया. आजादी के 18 साल बाद प्रजातंत्र पर बड़ा प्रहार हुआ और देश में आपातकाल लग गया. इंदिरा गांधी ने खुद को और कुर्सी को बचाने के लिए आपातकाल लगाया. लाखों लोगों को जेल में भेजा. आपातकाल में जो लोग जेल गए उनमें से कोई प्रधानमंत्री बना, कोई उपराष्ट्रपति बना. उस कालखंड को कभी मत भूलिए. वह काला अध्याय था और हमें याद दिलाता है कि तानाशाही ताकत किस तरह हमारी संस्कृति छिन्न-भिन्न कर देती है.
सनातन को चुनौती देने के लिए ताकतें सिर उठा रही: वे बोले कि आज भी किसी न किसी तरीके से समाज का विघटन करने के लिए, टुकड़ों में बांटने के लिए और सनातन को चुनौती देने के लिए ताकतें सिर उठा रही हैं. इसीलिए दो अच्छे काम हुए हैं. पहला 26 नवंबर को संविधान दिवस है ताकि सबको पता लगे कि हमारे संविधान का मतलब क्या है. इसी तरीके से 25 जून संविधान हत्या दिवस है. उसे भी याद रखिए. जयपुर भी जानता है कि किन-किन को जेल में डाला. जिनको जेल में डाला वह उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बने. जिन्हें जेल में डाला. उन्होंने देश की सर्वश्रेष्ठ सेवा की.
हमें आस्तीन के सांप का जहर निकालना है: धनखड़ बोले कि आज भारत तेज गति से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. अकल्पनीय तरीके से बढ़ रहा है. दुनिया की सर्वश्रेष्ठ संस्थाएं कहती कि हैं कि इंडिया इज ए ग्लोबल डेस्टिनेशन फॉर इन्वेस्टमेंट एंड ऑपर्च्युनिटी. ऐसी स्थिति में कोई आस्तीन का सांप ना आ जाए, हमें जहर निकालना है.
षड़यंत्र के तहत हो रहा है धर्मांतरण: उन्होंने कहा कि नीतिगत, संस्थागत और सुनियोजित षड्यंत्र के तहत धर्म परिवर्तन हो रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर हमारे आदिवासी अंचल में हो रहा है. लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया जाता है. ऐसी ताकतों को अविलंब काबू करने की आवश्यकता है. हमें तीव्र गति से काम करना पड़ेगा. भारत को खंडित करने के लिए जो लोग आज सक्रिय हैं. उनका आप अंदाजा नहीं लगा सकते. जब पड़ोसी देश में कुछ होता है तो हमारे यहां से आवाज आती है कि ऐसा हमारे यहां भी हो सकता है. क्या हमारा प्रजातंत्र इतना कमजोर है. बंगाल में महिला डॉक्टर से जघन्यता पर एक सांसद ने भी ऐसा कमेंट किया.
भंवरलाल शर्मा को ऐसे किया याद: उन्होंने कहा कि हमने 2023 में लोकसभा और विधानसभा में एक तिहाई आरक्षण महिलाओं के लिए रखा. सनातन धर्म में नारी शक्ति को वंदनीय माना गया है. शक्ति केंद्र माना गया है. उस शक्ति को पूरा अधिकार दिया गया है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण उनकी नजर में इस शताब्दी का सबसे बड़ा विकास है. मंच पर मौजूद सांसद मंजू शर्मा के पिता भंवरलाल शर्मा को याद करते हुए कहा, राजनीति में वह भंवरलाल शर्मा के विरोध में थे, लेकिन उनका हमेशा आशीर्वाद मिला. उनका व्यक्तित्व शुद्ध सोने जैसा था.
बांग्लादेश में अत्याचार पर बोलीं साध्वी ऋतंभरा: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि आक्रांता महिलाओं के शवों से भी दुष्कर्म करते थे. इसलिए रानी पद्मिनी और चित्तौड़ की महिलाओं ने जौहर किया. अपनी लज्जा की रक्षा के लिए उन्होंने अग्नि स्नान किया और बाकि लोगों के लिए मिसाल बनी. लोगों ने यह महसूस किया कि छोटे-मोटे लालच में आकर धर्मांतरण नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू नारियों के साथ ज्यादती की घटनाओं ने हमारी नींद नहीं उड़ाई, तो हम पत्थर हो चुके हैं.
प्रसाद में चर्बी हिंदुओं की आस्था पर आघात: आयोजन समिति के चेयरपर्सन किशोर रूंगटा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 2014 से पहले हिंदू शरणार्थी की तरह महसूस करता था. जबकि 40 हजार रोहिंग्याओं को बसाया गया. उन्होंने कहा, मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल लाखों हिंदुओं की आस्था पर आघात है. विभाजनकारी ताकतें हिंदुओं को तोड़ने में लगी हैं. पाश्चात्य जीवन शैली हमारे अस्तित्व को कमजोर कर रही है. हमारी संस्कृति कमजोर नहीं, उसे कमजोर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, अग्निवीर योजना का दुष्प्रचार हो रहा है. जबकि इसे बढ़ावा देना होगा.
सनातन रोग नहीं है, योग है-चिदानंद सरस्वती: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, जब देश में भगवा आतंकवाद का हल्ला मचाया, तब जगदीप धनखड़ ने आगे आकर बिना फीस लिए कोर्ट में केस लड़े. सनातन को कीर्तन करने वाले लोग कहा जाता है. देश में और देश के बाहर जाकर सवाल उठाए जा रहे हैं. सनातन को रोग कहा जा रहा है. जबकि सनातन रोग नहीं योग है. यह बीमारी नहीं, इलाज है, समस्या नहीं समाधान है. सनातन है तो ही मानवता और समरसता है. कार्यक्रम को निम्बार्काचार्य श्यामशरण देवाचार्य, डॉ चिन्मय पंड्या, गुणवंत सिंह कोठारी ने भी संबोधित किया. डॉ एमएल स्वर्णकार, किशोर रूंगटा, सुभाष बापना, डॉ रमेश अग्रवाल और सांसद मंजू शर्मा सहित कई लोग कार्यक्रम में मौजूद थे.