नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में 26 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को वोटिंग हो रही है. विस्थापित कश्मीरियों के वोटिंग के लिए राजधानी में भी मतदान केंद्र बनाए गए हैं. कश्मीरी पंडितों के लिए बनाए गए विशेष मतदान केंद्रों पर विस्थापित कश्मीरी पंडित बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं. यहां सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित अरवाचीन इंटरनेशनल स्कूल में बनाए गए मतदान केंद्र में विस्थापित कश्मीरी मतदान करने के लिए पहुंच रहें है. इसमें बुजुर्ग महिलाओं के साथ फर्स्ट टाइम वोटर भी है, जिन्हें मतदान करने का मौका मिला है. दस साल बाद हो रहे कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं में जोश और खुशी भी नजर आ रही है.
बताया सबसे बड़ा मुद्दा: अरवाचीन पब्लिक स्कूल पर बनाए गए बूथ में मतदान करने आए विस्थापित कश्मीरियों ने कहा, उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा पुनर्वास का है. वह चाहते हैं की उनका जल्द से जल्द पुनर्वास हो, ताकि वे अपने घरों में जाकर रह सकें. साथ ही वहां उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हो. कई मतदाताओं ने कहा कि बीते दस सालों में जम्मू कश्मीर में बड़ा बदलाव हुआ है और यह विकास की ओर अग्रसर है.
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मतदातओं ने की ये मांग: उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात में सुधार आया है और वहां की खोई रौनक लौट रही है. अब वहां मंदिरों का भी निर्माण हो रहा है. साथ ही पर्यटकों की भी रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है. वे चाहते हैं जो बदलाव नजर आ रहा है, वो आगे भी जारी रहे. चुनाव आयोग की तरफ से किए गए इंतजाम को लेकर मतदाता संतुष्ट नजर आए. उन्होंने कहा कि बिना किसी परेशानी के उन्होंने मतदान किया. हालांकि कई वोटर्स ने यह भी कहा कि ई-वोटिंग की सुविधा भी शुरू की जाए, ताकि जो लोग किसी कारणवश मतदान केंद्र पर नहीं पहुंच सकते, वह भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.
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